अम्बेडकरनगर: एक छोटे से गांव के मजदूर परिवार में जन्मे चंद्र प्रकाश की शोहरत इस समय बुलन्दियों पर है. आईपीएस अधिकारी चंद्र प्रकाश इस समय प्रयागराज आईजी रेंज के पद पर तैनात हैं. भारत सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन्हें मेरिटोरियर्स सर्विस मेडल से सम्मानित किया है. चंद्रप्रकाश को यह पुरस्कार उनके उम्मदा कार्यों के लिए दिया गया है.
आईपीएस चंद्र प्रकाश के गांव का क्या नामः आईपीएस चंद्र प्रकाश उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जिले के तेंदुआ गांव के रहने हैं. इनके पिता का नाम बरखू राम है. इनकी माता का देहांत बचपन में ही हो गया था. चंद्र प्रकाश के गांव के लोग बताते हैं कि चंद्र प्रकाश बचपन से ही काफी मेहनती रहे हैं. परिवार के पास खेती बाड़ी थी नहीं, इसलिए मजदूरी ही जीवन का सहारा था. चंद्र प्रकाश का परिवार काफी बड़ा था और कमाने वाले केवल पिता थे. आर्थिक तंगी की वजह से घर में दोनों वक्त भोजन बनना भी दूभर था.
आईपीएस चंद्र प्रकाश ने कहां से की पढ़ाईः आर्थिक तंगी होने की वजह से चंद्र प्रकाश की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुई. पढ़ाई के प्रति चंद्र प्रकाश के रुझानों को देख इनके पिता ने इन्दईपुर इंटर कॉलेज में दाखिला करा दिया. चंद्र प्रकाश ने कठिन हालातों में इंटर पास किया तो गांव के एक दो मित्र आगे आए और चंद्र प्रकाश ने तत्कालीन इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया.
किस सन में आईपीएस बने चंद्र प्रकाशः बताते हैं कि चंद्र प्रकाश ने अपने हालात से समझौता नहीं किया और अपनी मेहनत से पहली ही बार मे 2004 में आईपीएस बन गए. हालात कितने भी असहाय क्यों न रहे हों लेकिन चन्द्र प्रकाश ने कभी खुद को असहाय नहीं होने दिया. चंद्र प्रकाश दो भाइयों और चार बहनों में सबसे बड़ें हैं. यही नहीं, अपने गांव में सरकारी नौकरी पाने वाले ये पहले व्यक्ति हैं. चंद्रप्रकाश की चारों बहने छोटी हैं. चंद्र प्रकाश के पत्नी की मौत 2020 में हो गयी थी. कहा जाता है कि नाते रिश्तेदारों ने दूसरी शादी के लिए दबाव डाला लेकिन उन्होंने नहीं की. चंद्र प्रकाश के एक बेटा और दो बेटियां हैं.
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