अम्बेडकरनगर : कर्ज के बोझ तले दबे एक शख्स के सामने जब कर्ज चुकता करने का कोई रास्ता नहीं बचा, तो उसने पहले अपनी पत्नी के नाम लाखों रुपये का बीमा करवाया. इसके बाद अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर उसने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया क्योंकि उसकी बीवी के नाम पर 59 लाख रुपये का बीमा था. अपराधी डाल-डाल तो पुलिस पात-पात थी और आखिरकार हत्यारे पति के साथ इस हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
28 फरवरी और एक मार्च की रात का मामला है. टाण्डा कोतवाली क्षेत्र के अजमेरी बादशाहपुर मोहल्ले में रहने वाले सेवाराम अपनी पत्नी अनीता देवी और बच्चों के साथ रहता था. वह ग्रामीण बैंक की फ्रेंचाइजी चलाता था, जिसमें वो 12-13 लाख रुपये का कर्जदार हो गया था. कर्ज के बोझ के नीचे दबे सेवाराम को जब कर्ज चुकाने का कोई रास्ता नजर नहीं आया तो उसने अपनी पत्नी के नाम दिसंबर 2020 से लेकर फरवरी 2021 के बीच 59 लाख रुपये का बीमा करवाया. इसके बाद बीमाधारक पत्नी को रास्ते से हटाने की योजना बना डाली. पूरी प्लानिंग के तहत पहले अपने बच्चों को उनके ननिहाल भेज दिया. 28 फरवरी और 1 मार्च की रात सेवाराम ने अपने तीन अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर रात में सोते समय अपनी पत्नी का चाकू से गला रेतकर मार डाला. मामले को छुपाने के लिए उसके शव को रजाई में लपेटकर बिस्तर पर ही छोड़ दिया और स्वयं उसके बगल में सो गया. बेहद शातिराना तरीके से सुबह स्वयं ही अपनी पत्नी की हत्या की खबर मोहल्ले में फैला दिया. मोहल्ले वालों का हुजूम मौके पर जमा हो गया.
कड़ा से पूछताछ में टूट गया सेवाराम
मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मृतक के परिवार की तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध हत्या का केस दर्ज करके मामले की तफ़्तीश में जुट गई. पुलिस की तफ्तीश में धीरे-धीरे हत्या से जुड़ी एक-एक परत खुलने लगी. पुलिस का संदेह मृतका के पति पर शुरू से ही था. जब पुलिस ने सेवाराम से कड़ाई से पूछताछ शुरू की तो सेवाराम ने हत्याकांड की पूरी कहानी बयां कर दी. इसके बाद पुलिस ने एक-एक करके सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
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