अम्बेडकरनगर: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ी किसानों की समस्याओं को ईटीवी भारत द्वारा प्रमुखता से दिखाए जाने का बड़ा असर दिखाई दे रहा है. किसानों को राहत देने के लिए अब सरकार ने बीमा की अनिवार्यता खत्म कर इसे किसानों की स्वेच्छा पर छोड़ दिया है. केंद्र सरकार ने इस योजना को स्वैच्छिक कर किसानों को बड़ी राहत दी है. वहीं सरकार के इस फैसले से किसानों में खुशी की लहर है और वे सरकार के इस फैसले की सराहना कर रहे हैं.
वहीं किसानों ने योजना से जुड़ी किसानों की समस्या को निडरता और निष्पक्षता से दिखाने के लिए ईटीवी भारत की पूरी टीम को धन्यवाद भी दिया है.
अब फसल बीमा होगी स्वैच्छिक
प्रधानमंत्री फसल बीमा केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत किसानों के फसलों का बीमा होता है. किसानों को लोन देने वाले बैंक अनिवार्य रूप से किसानों के फसल का बीमा करते हैं, लेकिन जब फसलों का नुकसान होता है तो किसानों को उसका मुआवजा लेने के लिए पापड़ बेलने पड़ते हैं. किसानों को नाम मात्र का ही मुआवजा मिल पाता है और इसका लाभ सीधे तौर पर बीमा कंपनियों को ही मिलता है.
इस समस्या को लेकर ईटीवी भारत ने बीती 17 जनवरी को एक पहल शुरू की. ईटीवी भारत की टीम ने 'उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी फसल बीमा योजना' शीर्षक नाम से खबर प्रसारित की और इसका असर सरकार के फैसले से साफ देखने को मिल रहा है.
किसानों ने ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद
सरकार द्वारा फसल बीमा को स्वैच्छिक किए जाने की घोषणा करने के बाद किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है. किसानों ने सरकार के इस फैसले की सराहना की है. किसानों का कहना है कि सरकार का यह कदम सराहनीय है और ईटीवी भारत इकलौता ऐसा माध्यम है, जिसने इस समस्या को प्रमुखता से दिखाया था. किसानों ने इसके लिए ईटीवी भारत की पूरी टीम को धन्यवाद दिया है.
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