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अम्बेडकरनगर: जिन्दा लोगों के नाम मृत दस्तावेजों में किया दर्ज - सरकारी दस्तावेज गलत

उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर जिले में सरकारी दस्तावेजों पर कुछ लोगों को मृत घोषित कर दिया गया है. लोगों का कहना है कि इसमें ग्राम प्रधान की लापरवाही है, वहीं ग्राम प्रधान ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है.

ग्राम प्रधान की लापरवाही.
ग्राम प्रधान की लापरवाही.
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Published : Aug 3, 2020, 10:07 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

अम्बेडकरनगर: जिले के अकबुरपुर विकासखण्ड के करीब 12 से अधिक परिवारों के सदस्यों को दस्तावेज में मृत घोषित किया गया है. इसके चलते ग्रामीण सरकारी योजनाओं व सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं. लोगों का आरोप है कि ग्राम प्रधान ने राजनीतिक रंजिश के चलते दस्तावेजों में मृत लिखा है. वहीं ग्राम प्रधान का कहना है कि राजनीतिक विरोध के चलते आरोप लगाए जा रहे हैं.

ग्राम प्रधान की लापरवाही.

मामला अकबरपुर विकासखण्ड के ग्राम मुबारकपुर ढैया डीह का है. दरअसल इस गांव के लगभग 12 से अधिक लोगों को उनके परिवार रजिस्टर में मृत दिखा दिया गया है. सत्यापन रिपोर्ट को ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी के हस्ताक्षर से तैयार किया जाता है. रिपोर्ट में भी ग्रामीणों को मृत दर्शाया गया है.

ईटीवी भारत ने ऐसे परिवारों से बातचीत की. दस्तावेजों में जिनके नाम को अंडरलाइन किया गया है, वे लोग जिन्दा हैं. लेकिन उनके जिन्दा होने का कोई सुबूत नहीं है. इन दस्तावेजों में ग्राम प्रधान राजकुमार और सेक्रेटरी के हस्ताक्षर हैं .

मामले का खुलासा तब हुआ, जब एक व्यक्ति सेक्रेटरी के पास अपने परिवार रजिस्टर की नकल लेने पहुंचा और देखा कि उस व्यक्ति को कागजात पर मृत घोषित कर दिया गया. तभी से कई परिवारों के सदस्य सरकारी दस्तावेजों पर खुद के जिन्दा होने का प्रमाण खोज रहे हैं. लोगों का कहना है कि मामले की शिकायत डीएम से भी की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

पीड़ितों का कहना है कि जिन्दा होने के बावजूद कागजातों में मृत दिखा दिया गया है. इस तरह हमें किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. ग्राम प्रधान ने सेक्रेटरी से मिलकर कागजात गलत बनवाए हैं. मामले पर ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि अजय कुमार का कहना है कि ग्रामीणों द्वारा दिखाई जा रही सूची फर्जी है. राजनीतिक विरोध के कारण सभी आरोप फर्जी हैं.

अम्बेडकरनगर: जिले के अकबुरपुर विकासखण्ड के करीब 12 से अधिक परिवारों के सदस्यों को दस्तावेज में मृत घोषित किया गया है. इसके चलते ग्रामीण सरकारी योजनाओं व सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं. लोगों का आरोप है कि ग्राम प्रधान ने राजनीतिक रंजिश के चलते दस्तावेजों में मृत लिखा है. वहीं ग्राम प्रधान का कहना है कि राजनीतिक विरोध के चलते आरोप लगाए जा रहे हैं.

ग्राम प्रधान की लापरवाही.

मामला अकबरपुर विकासखण्ड के ग्राम मुबारकपुर ढैया डीह का है. दरअसल इस गांव के लगभग 12 से अधिक लोगों को उनके परिवार रजिस्टर में मृत दिखा दिया गया है. सत्यापन रिपोर्ट को ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी के हस्ताक्षर से तैयार किया जाता है. रिपोर्ट में भी ग्रामीणों को मृत दर्शाया गया है.

ईटीवी भारत ने ऐसे परिवारों से बातचीत की. दस्तावेजों में जिनके नाम को अंडरलाइन किया गया है, वे लोग जिन्दा हैं. लेकिन उनके जिन्दा होने का कोई सुबूत नहीं है. इन दस्तावेजों में ग्राम प्रधान राजकुमार और सेक्रेटरी के हस्ताक्षर हैं .

मामले का खुलासा तब हुआ, जब एक व्यक्ति सेक्रेटरी के पास अपने परिवार रजिस्टर की नकल लेने पहुंचा और देखा कि उस व्यक्ति को कागजात पर मृत घोषित कर दिया गया. तभी से कई परिवारों के सदस्य सरकारी दस्तावेजों पर खुद के जिन्दा होने का प्रमाण खोज रहे हैं. लोगों का कहना है कि मामले की शिकायत डीएम से भी की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

पीड़ितों का कहना है कि जिन्दा होने के बावजूद कागजातों में मृत दिखा दिया गया है. इस तरह हमें किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. ग्राम प्रधान ने सेक्रेटरी से मिलकर कागजात गलत बनवाए हैं. मामले पर ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि अजय कुमार का कहना है कि ग्रामीणों द्वारा दिखाई जा रही सूची फर्जी है. राजनीतिक विरोध के कारण सभी आरोप फर्जी हैं.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
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