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गोंडा की ही तो नहीं असली अनामिका!

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Published : Jun 9, 2020, 1:05 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

बहुचर्चित 'फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला कांड' के तार गोंडा से जुड़ते हुए दिख रहे हैं. सुप्रिया जाटव ने जिस अनामिका शुक्ला की डिग्रियों के सहारे फर्जीवाड़ा किया है वह अनामिका शुक्ला गोंडा की बताई जा रही है.

anamika shukla kand
मुख्य अभियुक्त सुप्रिया जाटव

अंबेडकर नगर: 'फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला' के तार गोंडा से जुड़ते नजर आ रहे हैं. कासगंज से लेकर रायबरेली और अम्बेडकरनगर तक में कार्यरत अनामिका शुक्ला के नाम की बीएड डिग्री के जिस अंक पत्र का प्रयोग किया गया है, वह गोंडा के ही एक कॉलेज की है. कॉलेज के दस्तावेजों में इस अंकपत्र का क्रमांक भी जिस अनामिका शुक्ला के अंकपत्र से मिल रहा है, उसका पता गोंडा जिले का ही दर्ज है.

anamika shukla kand
ये महिला भी अनामिका के नाम से स्कूलों में काम कर रही थी, जिसकी तनख्वाह सुप्रिया जाटव को जाती थी.

ये है पूरा मामला
अंबेडकर नगर जिले के रामनगर ब्लॉक के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में अक्टूबर 2019 में पूर्णकालिक विज्ञान शिक्षिका के रूप में अनामिका शुक्ला की नियुक्ति हुई थी. विभाग ने अभिलेखों के सत्यापन के बाद मानदेय भी जारी कर दिया. इसी अनामिका शुक्ला के नाम पर प्रदेश के कई अन्य जिलों में तैनाती हुई. पहले 25 जिलों में तैनाती की बात सामने आई थी, लेकिन अब बीएसए अतुल कुमार की मानें तो अभी तक हुई जांच के मुताबिक इसकी तैनाती नौ जिलों में है.

anamika shukla kand
ये महिला भी अनामिका के नाम से स्कूलों में काम कर रही थी, जिसकी तनख्वाह सुप्रिया जाटव को जाती थी.

विभागीय सूत्रों के मुताबिक उसका बीएड का अंकपत्र ही फर्जी निकला. अनामिका ने जो अंकपत्र लगाया है, वह जिले के ही एक विद्यालय का है, पर उस पर विद्यालय का नाम सही नहीं है. हालांकि अंकपत्र का क्रमांक विद्यालय के दस्तावेजों से मिल रहा है, लेकिन नौकरी करने वाली अनामिका द्वारा दिया गया पता और कॉलेज के रजिस्टर में दर्ज पता अलग-अलग हैं. यही नहीं कॉलेज की प्रधानाचार्य ऊषा श्रीवास्तव ने भी अंकपत्र को फर्जी करार दिया है.

अभिलेखों के हिसाब से अनामिका गोंडा की निवासी
ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक यदि अनामिका के बीएड के अभिलेखों पर यकीन किया जाय, तो अनामिका गोंडा जिले के भुलईडीहा कमरावा की रहने वाली है. उसके पिता का नाम शुभाष शुक्ला और माता का नाम सुषमा शुक्ला है. अनामिका ने 2013 में अपनी सगी बहन खुशबू शुक्ला के साथ आदर्श कन्या पीजी कॉलेज टाण्डा में दाखिला लिया था और वर्ष 2014 में पास किया था. यहां पर चस्पा फोटो भी कासगंज और अम्बेडकरनगर की अनामिका से अलग हैं. कासगंज और अम्बेडकर नगर में भी फोटो अलग-अलग हैं.

इन सब में एक बात की समानता है कि गोंडा की अनामिका के बीएड के अंकपत्र क्रमांक पर जारी अंकपत्र की दूसरी कॉपी का प्रयोग कर नौकरी हासिल की गई है. यही नहीं कासगंज में पकड़ी गई अनामिका यानी कि सुप्रिया जाटव गोण्डा के ईश्वरीय महाविद्यालय से बीएड कर रही है. जानकारी ये भी मिली है कि इसी कॉलेज से गोंडा की अनामिका ने विज्ञान वर्ग में स्नातक किया था. अब देखना है कि यहां किस दर्जे का फर्जीवाड़ा हुआ है.

अम्बेडकर नगर में नौकरी कर रही अनामिका की फोटो बीएड के अभिलेखों की फोटो से अलग है. इस मामले में उच्च स्तरीय जांच हो रही है.
-अतुल कुमार, बीएसए अंबेडकर नगर

अंबेडकर नगर: 'फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला' के तार गोंडा से जुड़ते नजर आ रहे हैं. कासगंज से लेकर रायबरेली और अम्बेडकरनगर तक में कार्यरत अनामिका शुक्ला के नाम की बीएड डिग्री के जिस अंक पत्र का प्रयोग किया गया है, वह गोंडा के ही एक कॉलेज की है. कॉलेज के दस्तावेजों में इस अंकपत्र का क्रमांक भी जिस अनामिका शुक्ला के अंकपत्र से मिल रहा है, उसका पता गोंडा जिले का ही दर्ज है.

anamika shukla kand
ये महिला भी अनामिका के नाम से स्कूलों में काम कर रही थी, जिसकी तनख्वाह सुप्रिया जाटव को जाती थी.

ये है पूरा मामला
अंबेडकर नगर जिले के रामनगर ब्लॉक के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में अक्टूबर 2019 में पूर्णकालिक विज्ञान शिक्षिका के रूप में अनामिका शुक्ला की नियुक्ति हुई थी. विभाग ने अभिलेखों के सत्यापन के बाद मानदेय भी जारी कर दिया. इसी अनामिका शुक्ला के नाम पर प्रदेश के कई अन्य जिलों में तैनाती हुई. पहले 25 जिलों में तैनाती की बात सामने आई थी, लेकिन अब बीएसए अतुल कुमार की मानें तो अभी तक हुई जांच के मुताबिक इसकी तैनाती नौ जिलों में है.

anamika shukla kand
ये महिला भी अनामिका के नाम से स्कूलों में काम कर रही थी, जिसकी तनख्वाह सुप्रिया जाटव को जाती थी.

विभागीय सूत्रों के मुताबिक उसका बीएड का अंकपत्र ही फर्जी निकला. अनामिका ने जो अंकपत्र लगाया है, वह जिले के ही एक विद्यालय का है, पर उस पर विद्यालय का नाम सही नहीं है. हालांकि अंकपत्र का क्रमांक विद्यालय के दस्तावेजों से मिल रहा है, लेकिन नौकरी करने वाली अनामिका द्वारा दिया गया पता और कॉलेज के रजिस्टर में दर्ज पता अलग-अलग हैं. यही नहीं कॉलेज की प्रधानाचार्य ऊषा श्रीवास्तव ने भी अंकपत्र को फर्जी करार दिया है.

अभिलेखों के हिसाब से अनामिका गोंडा की निवासी
ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक यदि अनामिका के बीएड के अभिलेखों पर यकीन किया जाय, तो अनामिका गोंडा जिले के भुलईडीहा कमरावा की रहने वाली है. उसके पिता का नाम शुभाष शुक्ला और माता का नाम सुषमा शुक्ला है. अनामिका ने 2013 में अपनी सगी बहन खुशबू शुक्ला के साथ आदर्श कन्या पीजी कॉलेज टाण्डा में दाखिला लिया था और वर्ष 2014 में पास किया था. यहां पर चस्पा फोटो भी कासगंज और अम्बेडकरनगर की अनामिका से अलग हैं. कासगंज और अम्बेडकर नगर में भी फोटो अलग-अलग हैं.

इन सब में एक बात की समानता है कि गोंडा की अनामिका के बीएड के अंकपत्र क्रमांक पर जारी अंकपत्र की दूसरी कॉपी का प्रयोग कर नौकरी हासिल की गई है. यही नहीं कासगंज में पकड़ी गई अनामिका यानी कि सुप्रिया जाटव गोण्डा के ईश्वरीय महाविद्यालय से बीएड कर रही है. जानकारी ये भी मिली है कि इसी कॉलेज से गोंडा की अनामिका ने विज्ञान वर्ग में स्नातक किया था. अब देखना है कि यहां किस दर्जे का फर्जीवाड़ा हुआ है.

अम्बेडकर नगर में नौकरी कर रही अनामिका की फोटो बीएड के अभिलेखों की फोटो से अलग है. इस मामले में उच्च स्तरीय जांच हो रही है.
-अतुल कुमार, बीएसए अंबेडकर नगर

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

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