अंबेडकरनगर: कोरोना फाइटर्स को अच्छी सुविधाएं देने के शासन के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. पूरा मामला राजकीय मेडिकल कॉलेज का है. जहां के कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें दिया जाने वाले खाने की गुणवत्ता काफी खराब है. जिसका विरोध करते हुए कर्मचारियों ने खाने को फेंक दिया और जमकर हंगामा काटा. वहीं इस पूरे घटनाक्रम से प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.
महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज को कोविड-19 के लिए L-2 का अस्पताल घोषित किया गया है. जहां कोरोना पीड़ित मरीजों का इलाज चल रहा है. इस दौरान डॉक्टर और कर्मचारी अपनी जिंदगी को जोखिम में डालकर मरीजों का इलाज करते हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से इन्हें किसी प्रकार की कोई सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं. वहीं कर्मचारियों और डॉक्टरों को घटिया खाना परोसा जा रहा है. इसके विरोध में कर्मचारियों ने खाना खाने से मना किया और जमकर हंगामा काटा. डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें जो खाना दिया जाता है. उसकी गुणवत्ता काफी खराब है. खाने से गंध आती है. रोटी जली हुई होती है.
कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. पी के सिंह ने बताया कि खाने की शिकायत आई थी. ऐसी शिकायतें पहले भी हुई थी. इसके बाद फूड विभाग के अधिकारियों ने जांच की थी तो सब ठीक मिला था. वहीं एक बार फिर से खाने की जांच कराई जाएगी. साथ ही वार्ड ब्वाय पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
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