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अंबेडकरनगर : नगरपालिका प्रशासन बिना टेंडर ही करा रहा नदी की सफाई

अकबरपुर नगरपालिका प्रशासन एनजीटी की सख्ती की आड़ में बिना टेंडर के ही सफाई का कार्य करा रहा है. अब तक तीन लाख रुपये से अधिक का कार्य पूरा हो चुका है.

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Published : Jun 22, 2019, 6:44 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

अकबरपुर नगरपालिका प्रशासन

अंबेडकरनगर : जनपद मुख्यालय की अकबरपुर नगरपालिका में एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है, जो नगरपालिका की मंशा पर सवाल खड़ा कर रहा है. नगरपालिका प्रशासन बिना किसी टेंडर के ही लाखों रुपये का कार्य करा रहा है. बताया जा रहा है कि बिना किसी टेंडर के ही तमसा नदी की सफाई कर सरकारी धन का बंदरबाट किया जा रहा है.

अकबरपुर नगरपालिका प्रशासन.

क्या है पूरा मामला

  • अकबरपुर नगर के बीचों-बीच से गुजरती तमसा नदी का अस्तित्व खतरे में है.
  • एनजीटी ने नदी के मुख्य स्वरूप को बचाये रखने के लिए शहर में नगरपालिका और ग्रामीण इलाकों में मनरेगा से सफाई कराने का निर्देश दिया था.
  • नगरपालिका प्रशासन पुकलैंड मशीनों से नदी की सफाई की औपचारिकता निभा रहा है.
  • नगरपालिका प्रशासन एनजीटी की सख्ती की आड़ में अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए बिना टेंडर ही सफाई का कार्य करा रहा है.

पोकलैंड चालक ने खोला राज
नदी की सफाई कर रहे पोकलैंड चालक का कहना है कि 9 जून से 14 से 16 घंटे तक प्रतिदिन मशीन चलाई जाती है. 2500 से 3000 रुपये एक घंटे का भाड़ा होता है. ऐसे में देखा जाए तो अब तक तीन लाख से अधिक का कार्य पूरा हो चुका है.

एनजीटी के अध्यक्ष ने तीस जुलाई तक नदी की सफाई का निर्देश दिया था, लेकिन सफाई न होने पर नगरपालिका पर दस करोड़ का जुर्माना लग जाता. जुर्माने से बचने के लिए बिना टेंडर के कार्य कराया जा रहा है. जलकुंभी निकालने के लिए एक लाख का वर्कआर्डर किया गया है.

-सुरेश कुमार मौर्य, ईओ नगरपालिका

अंबेडकरनगर : जनपद मुख्यालय की अकबरपुर नगरपालिका में एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है, जो नगरपालिका की मंशा पर सवाल खड़ा कर रहा है. नगरपालिका प्रशासन बिना किसी टेंडर के ही लाखों रुपये का कार्य करा रहा है. बताया जा रहा है कि बिना किसी टेंडर के ही तमसा नदी की सफाई कर सरकारी धन का बंदरबाट किया जा रहा है.

अकबरपुर नगरपालिका प्रशासन.

क्या है पूरा मामला

  • अकबरपुर नगर के बीचों-बीच से गुजरती तमसा नदी का अस्तित्व खतरे में है.
  • एनजीटी ने नदी के मुख्य स्वरूप को बचाये रखने के लिए शहर में नगरपालिका और ग्रामीण इलाकों में मनरेगा से सफाई कराने का निर्देश दिया था.
  • नगरपालिका प्रशासन पुकलैंड मशीनों से नदी की सफाई की औपचारिकता निभा रहा है.
  • नगरपालिका प्रशासन एनजीटी की सख्ती की आड़ में अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए बिना टेंडर ही सफाई का कार्य करा रहा है.

पोकलैंड चालक ने खोला राज
नदी की सफाई कर रहे पोकलैंड चालक का कहना है कि 9 जून से 14 से 16 घंटे तक प्रतिदिन मशीन चलाई जाती है. 2500 से 3000 रुपये एक घंटे का भाड़ा होता है. ऐसे में देखा जाए तो अब तक तीन लाख से अधिक का कार्य पूरा हो चुका है.

एनजीटी के अध्यक्ष ने तीस जुलाई तक नदी की सफाई का निर्देश दिया था, लेकिन सफाई न होने पर नगरपालिका पर दस करोड़ का जुर्माना लग जाता. जुर्माने से बचने के लिए बिना टेंडर के कार्य कराया जा रहा है. जलकुंभी निकालने के लिए एक लाख का वर्कआर्डर किया गया है.

-सुरेश कुमार मौर्य, ईओ नगरपालिका

Intro:स्पेशल स्टोरी

एंकर-जनपद मुख्यालय की नगरपालिका अकबरपुर में एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है जिससे नगरपालिका के मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं, पालिका प्रशासन वगैर टेंडर करवाये ही लाखो रुपये का कार्य करा रही है ,सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वगैर टेंडर के ही तमसा नदी की सफाई कर सरकारी धन का बंदरबाट किया जा रहा है ,जबकि नगरपालिका के ईओ का कहना है कि दस करोड़ के जुर्माना से बचने के लिए वगैर टेंडर के कार्य कराया जा रहा है ।


Body:पौराणिक नदी तमसा अकबरपुर नगर के बीचों बीच से गुजरती है जिसका अस्तित्व खतरे में है।

एनजीटी ने नदी के मुख्य स्वरूप को बचाये रखने के लिए शहर में नगरपालिका और ग्रामीण इलाकों में मनरेगा से सफाई कराने का निर्देश दिया था ।

नगरपालिका प्रशासन पुकलैंड मशीनों से नदी के सफाई की औपचारिकता निभा रही है ,लेकिन नदी के हालात में कोई परिवर्तन नही हुआ है।

नगरपालिका प्रशासन एनजीटी के सख्ती के आड़ में अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुचाने के लिए वगैर टेंडर ही सफाई का कार्य करा रही है,

नदी की सफाई का कर रहे पुकलैंड चालक का कहना है कि गत 9 जून से 14 से 16 घण्टे प्रतिदिन मशीन चलती है और 2500 से 3000 एक घण्टे का भाड़ा है ,ऐसे में अब तक तीन लाख से अधिक का कार्य हो चुका है ,जबकि जानकारों के मुताबिक एक लाख से अधिक का वर्क आडर नही हो सकता।



Conclusion:वगैर टेंडर के नदी के सफाई कराने पर नगरपालिका के ईओ सुरेश कुमार मौर्य का कहना है कि एनजीटी के अध्यक्ष ने तीस जुलाई तक नदी की सफाई का निर्देश दिया था ,सफाई न होने पर नगरपालिका पर दस करोड़ का जुर्माना लग जाता इस लिए जुर्माना से बचने के लिए वगैर टेंडर के कार्य कराया जा रहा है ,अभी केवल जलकुंभी निकाली जा रही है इसके लिए एक लाख का वर्कआर्डर किया गया है बाद में टेंडर होने के बाद सफाई होगी।

अनुराग चौधरी
अम्बेडकरनगर
9451734102
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
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