अम्बेडकरनगर : सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद पंचायतों में फैले भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लग पा रही है. इसी तरह का मामला यहां एक बार फिर से सामने आया है. अक्सर विवादों में रहने वाली खण्ड विकास अधिकारी द्वारा विकास कार्य की स्वीकृति के नाम पर ग्राम प्रधान से 66 हजार घूस लेने का ऑडियो सामने आया है. विकास खण्ड में चल रहे घूसखोरी के रैकेट में ब्लाक का टीए और बीडीओ का ड्राइवर भी शामिल हैं. ऑडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने चुप्पी साध ली है. मामला बसखारी ब्लाक के तत्कालीन बीडीओ सविता सिंह से जुड़ा है, जो इस समय टांडा ब्लाक में बीडीओ के पद पर तैनात हैं. टीए ने बीडीओ द्वारा ग्राम प्रधान से पैसा लेने की पुष्टि भी की है.
दरअसल, यह पूरा मामला बसखारी ब्लाक के ग्राम हुसैनपुर गिरन्ट का है. तत्कालीन ग्राम प्रधान रणजीत पासवान का आरोप है कि गांव में पक्का काम कराने के लिए गत मार्च माह में, मैं बीडीओ सविता सिंह से मिला तो उन्होंने स्वीकृत देने के लिए पहले एक लाख बीस हजार रुपये मांगा और बाद में 66 हजार रुपये आलोक रंजन के माध्यम से लिया. लेकिन न तो काम हुआ और न ही पैसा वापस हुआ. पैसे के खेल का ऑडियो और व्हाट्सएप स्क्रीन शॉट भी वायरल हुआ है, जिसमें बीडीओ सविता सिंह द्वारा पैसा लेने की बात सामने आ रही है.
वायरल ऑडियो में प्रधान साफ तौर पर कह रहा है कि मैडम 66 हजार रुपये दिए हैं, जिस पर बीडीओ ने कहा ठीक है. बताया जा रहा है कि टी ए आलोक रंजन बीडीओ सविता सिंह का चहेता है. इसी के द्वारा लेन देन का खेल होता है. यही वजह है कि टांडा ट्रांसफर होने के बाद बीडीओ ने टी ए आलोक रंजन का ट्रांसफर बसखारी से टांडा करा लिया. आलोक रंजन का जो बीडीओ सामने आया है उसमें वह साफ तौर पर कह रहा है कि मेरे सामने पैसा दिया गया है.
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अक्सर विवादों में रहती हैं बीडीओ सविता सिंह
जिस खण्ड विकास अधिकारी सविता सिंह से जुड़ा ऑडियो सामने आया है, उनका अक्सर विवादों से नाता रहा है. सविता सिंह जब से टांडा में आई हैं तब से यहां के ग्राम प्रधान अवैध वसूली का आरोप लगाकर बीडीओ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और ब्लाक में तालाबंदी भी कर चुके हैं. इस पूरे मामले में बीडीओ सविता सिंह से बात करने का प्रयास किया गया. लेकिन जैसे ही पैसा लेने के ऑडियो की बात कही गई उन्होंने फोन काट दिया. वहीं सीडीओ द्वारा फोन न उठाने से बात नहीं हो सकी.