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Lockdown का कहर: पुणे से पैदल चलकर 25 दिन में अंबेडकरनगर पहुंचे मजदूर - laborers reached ambedkar nagar by walking

उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में पुणे से पैदल चलकर दिहाड़ी मजदूर 25 दिनों में अंबेडकरनगर पहुंचे हैं. सभी सिद्धार्थनगर के रहने वाले हैं.

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पुणे से पैदल चलकर 25 दिनों में दिहाड़ी मजदूर पहुंचे अंबेडकरनगर
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Published : May 1, 2020, 10:49 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

अंबेडकरनगर: लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों से दिहाड़ी मजदूरों का पलायन लगातार जारी है. पुणे से 7 से अधिक मजदूर 25 दिनों में पैदल चलकर अंबेडकरनगर पहुंचे हैं. सभी सिद्धार्थनगर के रहने वाले हैं.

जानकारी देते मजदूर.

रास्ते में इन मजदूरों की नहीं की गई जांच
पुणे से पैदल आ रहे इन मजदूरों को न तो किसी ने रास्ते में रोका और न ही कहींं पर इनकी जांच की गई है. महाराष्ट्र से निकलने के बाद इन्हें केवल प्रयागराज जिले में कुछ समाज सेवी लोगों ने खाना खिलाया और फिर सभी मजदूर अपने सफर पर निकल गए.

पुणे में रंगाई-पुताई का करते थे काम
इन मजदूरों ने बताया कि वह पुणे में रंगाई-पुताई का काम करते थे, जो लाॅकडाउन के कारण बंद हो गया है. ऐसे में खाने आदि की समस्या का सामना करना पड़ रहा था. इसलिए वहां से पैदल ही चलने का फैसला किया. मजदूर अमित साहनी ने बताया कि रास्ते में केवल हमारा आधार कार्ड देखकर जाने दिया गया, लेकिन कहीं भी जांच नहीं की गई, जबकि राज्य का कहना है कि मजदूरों के लिए रास्ते में खाने आदि की व्यवस्था की गई है और जहग-जगह पर जांच भी की जा रही है.

अंबेडकरनगर: लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों से दिहाड़ी मजदूरों का पलायन लगातार जारी है. पुणे से 7 से अधिक मजदूर 25 दिनों में पैदल चलकर अंबेडकरनगर पहुंचे हैं. सभी सिद्धार्थनगर के रहने वाले हैं.

जानकारी देते मजदूर.

रास्ते में इन मजदूरों की नहीं की गई जांच
पुणे से पैदल आ रहे इन मजदूरों को न तो किसी ने रास्ते में रोका और न ही कहींं पर इनकी जांच की गई है. महाराष्ट्र से निकलने के बाद इन्हें केवल प्रयागराज जिले में कुछ समाज सेवी लोगों ने खाना खिलाया और फिर सभी मजदूर अपने सफर पर निकल गए.

पुणे में रंगाई-पुताई का करते थे काम
इन मजदूरों ने बताया कि वह पुणे में रंगाई-पुताई का काम करते थे, जो लाॅकडाउन के कारण बंद हो गया है. ऐसे में खाने आदि की समस्या का सामना करना पड़ रहा था. इसलिए वहां से पैदल ही चलने का फैसला किया. मजदूर अमित साहनी ने बताया कि रास्ते में केवल हमारा आधार कार्ड देखकर जाने दिया गया, लेकिन कहीं भी जांच नहीं की गई, जबकि राज्य का कहना है कि मजदूरों के लिए रास्ते में खाने आदि की व्यवस्था की गई है और जहग-जगह पर जांच भी की जा रही है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
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