अंबेडकरनगर: कोरोना से जंग लड़ रहे डाॅक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को 'कोरोना वॉरियर्स' का तमगा देकर सरकार उन पर कभी पुष्प वर्षा करती है तो कभी उनके सम्मान में ताली और थाली बजवाती है. वहीं जिले में डाॅक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को अभी तक पीपीई किट नहीं मुहैया कराई गई है.
अंबेडकरनगर के अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर सोमवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन पटियाला से लगभग 1,200 मजदूरों को लेकर पहुंची, जहां पर मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के लिए कुछ डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई थी, लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने पीपीई किट नहीं पहनी थी, जबकि कोरोना से जंग लड़ रहे डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को पीपीई किट पहनना अनिवार्य है.
जब ईटीवी भारत संवाददाता ने डॉक्टरों से यह पूछा कि आप लोग पीपीई किट का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहे हैं तो उन्होंने कैमरे पर कुछ बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन ऑफ कैमरे पर कुछ कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें पीपीई किट मिली ही नहीं है. नाम न उजागर होने की शर्त पर एक डॉक्टर ने यहां तक कहा कि जो मास्क लगाया गया है, उसको भी अपने पैसे से खरीदकर लगाया है. जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कभी भी एक बड़ी अनहोनी को दावत दे सकती है.