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प्रयागराज: दिव्य और भव्य कुंभ की खत्म हुई रौनक, अपने मठ की ओर लौटने लगे नागा साधू

नागा साधू आखिरी शाही स्नान के बाद अपने-अपने मूल निवास के लिए निकलने लगे हैं.

कुंभ
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Published : Feb 14, 2019, 11:30 PM IST

प्रयागराज: कुंभ में आखिरी शाही स्नान के बाद भी लगातार राजनीतिक पार्टी के नेताओं का आगमन बना हुआ है. इस क्रम में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का भी आगमन हुआ. लेकिन गुरुवार को सभी अखाड़ों के नागा साधू गायब नजर आए. इस समय मेला क्षेत्र में बने 13 अखाड़ों के संत, महात्मा के साथ ही नागा साधू भी अपने-अपने मूल निवास के लिए निकल रहे हैं. कुछ अखाड़ों के संत आखिरी शाही स्नान के बाद ही मेला क्षेत्र को अलविदा कह दिया.

आखिरी शाही स्नान के बाद अपने-अपने मूल निवास के लिए निकलने लगे हैं नागा साधू.

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13 अखाड़ों के नागा साधू मेला के पहले शाही स्नान के साथ ही अंतिम शाही स्नान तक संगम की रेती पर बैठकर जप-तप करते हैं. बसंत पंचमी का स्नान करते ही अपने मूल निवास मठ या हिमालय के गुफाओं के निकल गए.

प्रयागराज कुम्भ से जाने के बाद नागा साधू अलग-अलग जगह रहकर भगवान शिव की आराधना में लीन रहेंगे. जब फिर से माघ मेला या कुम्भ का आयोजन होगा तो संगम की रेती की रौनक बढ़ाने के लिए आते हैं. यह साधू महात्मा जहां-जहां कुम्भ का आयोजन होता है वहां-वहां बिन बुलाए अपना डेरा जमा लेते हैं. 2021 में हरिद्वार में होने वाले कुम्भ में नागा साधू का दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे.

प्रदेश सरकार दिव्य कुम्भ और भव्य कुम्भ की ब्रांडिंग 4 मार्च तक की. लेकिन आखिरी शाही स्नान के बाद से नागा साधू गायब हो गए. मेला क्षेत्र में बने अखाड़े भी उखड़ने लगे. बड़ा उदासीन से लेकर महानिर्वाणी अखाड़े के संत और महात्मा छवानी छोड़ कर जा चुके हैं.

प्रयागराज: कुंभ में आखिरी शाही स्नान के बाद भी लगातार राजनीतिक पार्टी के नेताओं का आगमन बना हुआ है. इस क्रम में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का भी आगमन हुआ. लेकिन गुरुवार को सभी अखाड़ों के नागा साधू गायब नजर आए. इस समय मेला क्षेत्र में बने 13 अखाड़ों के संत, महात्मा के साथ ही नागा साधू भी अपने-अपने मूल निवास के लिए निकल रहे हैं. कुछ अखाड़ों के संत आखिरी शाही स्नान के बाद ही मेला क्षेत्र को अलविदा कह दिया.

आखिरी शाही स्नान के बाद अपने-अपने मूल निवास के लिए निकलने लगे हैं नागा साधू.

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13 अखाड़ों के नागा साधू मेला के पहले शाही स्नान के साथ ही अंतिम शाही स्नान तक संगम की रेती पर बैठकर जप-तप करते हैं. बसंत पंचमी का स्नान करते ही अपने मूल निवास मठ या हिमालय के गुफाओं के निकल गए.

प्रयागराज कुम्भ से जाने के बाद नागा साधू अलग-अलग जगह रहकर भगवान शिव की आराधना में लीन रहेंगे. जब फिर से माघ मेला या कुम्भ का आयोजन होगा तो संगम की रेती की रौनक बढ़ाने के लिए आते हैं. यह साधू महात्मा जहां-जहां कुम्भ का आयोजन होता है वहां-वहां बिन बुलाए अपना डेरा जमा लेते हैं. 2021 में हरिद्वार में होने वाले कुम्भ में नागा साधू का दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे.

प्रदेश सरकार दिव्य कुम्भ और भव्य कुम्भ की ब्रांडिंग 4 मार्च तक की. लेकिन आखिरी शाही स्नान के बाद से नागा साधू गायब हो गए. मेला क्षेत्र में बने अखाड़े भी उखड़ने लगे. बड़ा उदासीन से लेकर महानिर्वाणी अखाड़े के संत और महात्मा छवानी छोड़ कर जा चुके हैं.
Intro:प्रयागराज: दिव्य और भव्य कुंभ की खत्म हुई रौनक, अखड़ों से बिलुप्त हुए नागा साधू

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प्रयागराज: कुम्भ में आखरी शाही स्नान के बाद ही लगातार राजनीतिक पार्टी के नेताओं का आगमन बना हुआ है. वही बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का भी आगमन हुआ. लेकिन गुरुवार को सभी अखड़ों के नागा साधू गायब नजर आए. इस समय मेला क्षेत्र में बने 13 अखाड़ों के संत, महात्मा के साथ ही नागा साधू भी अपने-अपने मूल निवास के लिए निकल रहे हैं. कुछ अखाड़ों के संत आखरी स्नान के बाद ही मेला क्षेत्र को अलविदा कह दिया.


Body:फिर कुम्भ में दिखेंगे नागा साधू

13 अखाड़ों के नागा साधू मेला के पहले शाही स्नान के साथ ही लास्ट शाही स्नान तक संगम की रेती पर बैठकर जप-तप करते हैं. जैसे ही बसंत पंचमी का स्नान करते हैं वैसे ही अपने मूल निवास मठ या हिमालय के गुफाओं के निकल गए.

हिमालय के गुफाओं में करेंगे आराधना
प्रयागराज कुम्भ से जाने के बाद नागा साधू अलग-अलग जगह रहकर वह पूरे साल समाज से दूर रहकर भगवान शिव के आराधना में लीन रहेंगे. जब फिर से माघ मेला या कुम्भ का आयोजन होगा तो संगम की रेती की रौनक बढ़ाने के लिए आते हैं. यह साधू महात्मा जहां-जहां कुम्भ का आयोजन होता है वहां वहां यह बिन बुलाए अपना डेरा जमा लेते हैं. 2021 में हरिद्वार में होने वाले कुम्भ में नागा साधू का दर्शन अब श्रद्धालु कर सकेंगे.


Conclusion:
4 मार्च के पहले मेला हुया खाली

उत्तर प्रदेश सरकार दिव्य कुम्भ और भव्य कुम्भ की ब्रांडिंग 4 मार्च तक की. लेकिन आखिरी शाही स्नान के बाद से नागा साधू गायब हो गए. मेला क्षेत्र में बने अखाड़े भी उखड़ने लगे. बड़ा उदासीन से लेकर महानिर्वाणी अखाड़े के संत और महात्मा छवानी छोड़ कर जा चूंके हैं.

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