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कुम्भ 2019: संगम किनारे उमड़ा जन सैलाब, आधी रात से ही शुरू हुआ गंगा में स्नान - शाही स्नान

कुंभ के दूसरे शाही स्नान को लेकर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. वहीं दूसरी ओर रात 12 बजे के बाद से ही श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाना भी शुरु कर दिया है.

कुम्भ 2019
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Published : Feb 4, 2019, 7:17 AM IST

प्रयागराज: आस्था और श्रद्धा का भाव लिए करोडों की संख्या में श्रद्धालु संगमनगरी पहुंचे. सभी श्रद्धालु मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए यहां आए हैं. रात्रि के 12 बजे से ही श्रद्धालुओं ने संगम के घाट पर स्नान करना शुरू कर दिया है. वहीं बाबाओं के शाही स्नान के अलग से घाट बनाए गए हैं.

संगम तट पर पहुंचे श्रद्धालु.
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रविवार की रात से ही देश दुनिया के अलग-अलग कोने से आये श्रद्धालु संगम की रेती पर एकत्रित हुए हैं. सभी नागा बाबा के दर्शन के लिए टकटकी लगाए खुले आसमान के नीचे बैठे हुए हैं. इस दिन गंगा स्नान के बाद नागा बाबाओं का दर्शन करना बड़ा ही पुण्य माना जाता है, इसलिए आधी रात से ही संगम नोज पर श्रद्धालुओं का जान सैलाब उमड़ा हुआ है.


मौनी अमावस्या के दिन दूसरे शाही स्नान के लिए मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं का रेला देखने को मिल रहा है. यहां हर कोई जय मां गंगे का नारा लगाकर संगम घाट पर डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहा है. मेला क्षेत्र के चारों ओर श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे हैं. मेला क्षेत्र में कुल 40 घाट बनाए गए हैं. संगमनगरी में चारो ओर से पहुंचने वाले श्रद्धालु घाटों में स्नान करने के साथ ही पंडों को दान कर रहे हैं. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मेला प्रशासन की ओर से शनिवार को ही पूरी तैयारी कर ली गई थी.

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प्रयागराज: आस्था और श्रद्धा का भाव लिए करोडों की संख्या में श्रद्धालु संगमनगरी पहुंचे. सभी श्रद्धालु मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए यहां आए हैं. रात्रि के 12 बजे से ही श्रद्धालुओं ने संगम के घाट पर स्नान करना शुरू कर दिया है. वहीं बाबाओं के शाही स्नान के अलग से घाट बनाए गए हैं.

संगम तट पर पहुंचे श्रद्धालु.
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रविवार की रात से ही देश दुनिया के अलग-अलग कोने से आये श्रद्धालु संगम की रेती पर एकत्रित हुए हैं. सभी नागा बाबा के दर्शन के लिए टकटकी लगाए खुले आसमान के नीचे बैठे हुए हैं. इस दिन गंगा स्नान के बाद नागा बाबाओं का दर्शन करना बड़ा ही पुण्य माना जाता है, इसलिए आधी रात से ही संगम नोज पर श्रद्धालुओं का जान सैलाब उमड़ा हुआ है.


मौनी अमावस्या के दिन दूसरे शाही स्नान के लिए मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं का रेला देखने को मिल रहा है. यहां हर कोई जय मां गंगे का नारा लगाकर संगम घाट पर डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहा है. मेला क्षेत्र के चारों ओर श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे हैं. मेला क्षेत्र में कुल 40 घाट बनाए गए हैं. संगमनगरी में चारो ओर से पहुंचने वाले श्रद्धालु घाटों में स्नान करने के साथ ही पंडों को दान कर रहे हैं. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मेला प्रशासन की ओर से शनिवार को ही पूरी तैयारी कर ली गई थी.

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Intro:कुम्भ : संगम नोज पर उमड़ा जन सैलाब, आधी रात से लगाना लगा आस्था की डुबकी

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प्रयागराज: एक ही आस्था, एक ही भाव लेकर करोडों की संख्या में श्रद्धालु संगमनगरी पहुंचे. सभी का एक ही धेय मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर आस्था की डुबकी लगाना. सुलभ 12 बजे से ही श्रद्धालु सनम घाट में स्नान करना शुरू कर दिया है. बाबाओं के शाही स्नान के अलग से घट बनाये गए हैं. श्रद्धालुओं का स्नान करने के लिए अलग से घाट संगम नोज में बनाएं गए हैं. रविवार की रात से ही देश दुनिया के अलग-अलग कोने से आये श्रद्धालु संगम की रेती पर एकत्रित हुए है. सभी नागा बाबा के दर्शन के लिए टकटकी लगाए खुले आसमान के नीचे बैठे हुए है. इस दिन गागा स्नान के बाद नागा बाबाओं के दर्शन करना बड़ा जी पूण्य माना जाता है. इसलिए आधी रात से ही संगम नोज श्रद्धालुओं का जान सैलाब उमड़ा हुया है.



Body:चारों ओर श्रद्धालुओं का रेला

मौनी अमावस्या दूसरे स्नान के दिन सुबह से ही श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में रेला देखने को मिल रहा है. हर कोई जय माँ गंगे का नारा लगाकर संगम घाट पर डुबकी लगाने के लिए पहुंचे हुये हैं. मेला क्षेत्र के चारों ओर श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे हैं. मेला क्षेत्र में कुल 40 घाट बनाएं गए हैं. संगमनगरी में चारो ओर से पहुंचने वाले श्रद्धालु घाटों में स्नान करने के साथ ही पंडों को दान कर रहे हैं. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मेला प्रशासन पूरी तरह से तैयारी शनिवार को कर ली गई. शनिवार की शाम और रविवार सुबह से श्रद्धालुओं का आगमन देर रात एक चला.


Conclusion:20 से 30 के झुंड में नजर आए श्रद्धालु

मौनी अमावस्या दूसरे शाही स्नान के लिए श्रद्धालुओं का मेला रविवार की रात लगा हुया है. घाट के किनारे श्रद्धालु कंबल ओढ़े भजन कीर्तन करते नजर आए तो कोई एक दूसरे के हाथ पकड़े घाट पहुंचने लोभ में कदम से कदम मिलाते चले. कहा जाता है कि इस दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. कई पीढ़ियों के दुख हरण होता है. बुजुर्ग,महिला और जवानों का दिखा मिला जुला संगम.
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