अलीगढ़ : जिले के चंडौस ब्लॉक (Chandaus Block) के ब्राह्मण नगला गांव (Brahmin Nagla Village) में बिजली (Electricity) न होने से शादी के रिश्ते नहीं आते. यहां के कई नौजवान शादी (Mariage) के लायक हो गए हैं, लेकिन बिजली न होने से लोग अपनी बेटी को इस गांव में नहीं ब्याहना चाहते. गांव की आबादी (Population) 250 लोगों की है और यहां रहने वाले लोग भी इस सच्चाई को अच्छी तरह जानते हैं. इसीलिए गांव में बिजली के लिए वे विधायक, सांसद और अधिकारियों के भी चक्कर काट चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. गांव में सूरज डूबते ही अंधेरा छा जाता है.
गांव में जाने का रास्ता भी बदहाल है. बरसात के दिनों में यह और खराब हो जाता है. हालांकि गांव के लोग कहते हैं कि चुनाव के समय नेता आते हैं और वायदे करके चले जाते हैं. भाजपा सरकार (BJP Government) ने गरीब परिवारों के लिए बिजली कनेक्शन के लिए सौभाग्य योजना (Saubhagya Scheme) अभियान भी चलाया हुआ है, लेकिन इस गांव में बिजली के पोल तक नहीं पहुंचे, जिसके चलते गांव का विद्युतीकरण नहीं हो पाया है.
ब्राह्मण नगला गांव के लोग बिजली न होने से टीवी भी नहीं देख पाते, जिससे मनोरंजन का साधन भी पूरा नहीं हो पाता. योगी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली देने का दावा कर रही है, लेकिन कई अरसे पहले बसे इस गांव में बिजली न होने से लोगों को मोबाइल चार्ज करने के लिए गांव से बाहर जाना पड़ता है. गांव में सुविधाएं न होने के कारण लोग दूसरे कस्बे या शहर की ओर रुख कर रहे हैं.
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गांव के हरिओम बताते हैं, गांव के लड़कों की शादी नहीं हो रही है. लोग कहते है कि जंगल में गांव है. यहां कोई सुविधा नहीं है. निर्मला बताती हैं, भीषण गर्मी में किचन में खाना बनाने नहीं घुस सकते. लोग रिश्ता देख लौट जाते हैं क्योंकि गांव में बिजली नहीं है. देवेन्द्र बताते हैं, हमारे रिश्तेदार भी नहीं आते क्योंकि अंधेरे में रहना पड़ता है. वहीं विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता धर्मेंद सारस्वत का कहना है कि सभी गांवों का शत-प्रतिशत विद्युतीकरण कर लिया गया है, जबकि हकीकत क्या है, साफ दिख रहा है.