अलीगढ़: अलीगढ़ में जहरीली शराब का तांडव जारी है. अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है. जहरीले जाम से छलकी मौत ने कई घरों के चिराग बुझा दिए. वहीं किस्मत से जिनकी जान बच गई, वे अब कसम खा रहे हैं कि कभी दोबारा शराब नहीं पिएंगे.
किस्मत से बची विजेंदर की जान
करसुआ गांव के रहने वाले विजेंदर उन खुश किस्मत लोगों में हैं, जिनकी जान शराब पीने के बाद भी किसी तरह बच गई. लेकिन, विजेंदर के गहरे मित्र यशपाल सिंह की मौत जहरीली शराब पीने से हो गई. दोस्त की मौत पर विजेंदर की आंखों में आंसू हैं. विजेंद्र बताते हैं कि शराब पीने की लत के कारण उनकी पत्नी और बच्चे नाराज होते थे. हालांकि, शराब पीने के बाद जब उनकी तबीयत बिगड़ी तो पत्नी जरूर तीमारदारी के लिए अस्पताल आई, लेकिन दोनों बेटों ने उनसे मुंह मोड़ लिया.
नाबालिग बच्चे से मंगाई थी शराब
करसुआ गांव के रहने वाले विजेंदर विकलांग होने के बावजूद नाबालिग बच्चे से शराब मंगवा कर पी थी. गुरुवार देर शाम हालत बिगड़ गई. खूब उल्टियां हुई, दस्त आने लगे. उन्हें एहसास हो गया कि शराब ठीक नहीं है. इसके बाद विजेंद्र ने खूब पानी पीकर उल्टियां की. शराब के जहर का असर कम किया, लेकिन फिर भी बिजेंद्र की हालत गंभीर होती चलगी गई. इसके बाद एंबुलेंस से विजेंद्र को मलखान सिंह अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया.
क्या कहते हैं विजेंद्र
विजेंदर अब कान पकड़ कर कहते हैं कि जीवन में कभी शराब का सेवन नहीं करेंगे. विजेंद्र के दोनों बेटे नौकरी करते हैं और इस हालत में विजेंदर को उनके दोनों बेटे भी देखने के लिए नहीं आयें. बच्चे उन्हें शराब पीने को लेकर भला-बुरा कहते हैं. लेकिन अब विजेंदर ने कसम खाई हैं कि शराब नहीं पिएंगे.
इसे भी पढ़ें:अलीगढ़ की घटना से जागी महिलाएं, शराब कारोबार से करेंगी तौबा
ग्रामीणों को किया जा रहा जागरुक
35 मौतों के बाद अब जिला प्रशासन गांव-गांव में शराब नहीं पीने के लिए मुनादी करा रहे हैं. थाना लोधा, खैर, पिसावा, टप्पल, जवां इलाके में मुनादी कराई जा रही है. एसडीएम खैर अंजनी कुमार के नेतृत्व में खैर तहसील के सभी गांवों में मुनादी कराते हुए लोगों को शराब का सेवन न करने के लिए जागरूक किया जा रहा है.