अलीगढ़: राष्ट्रीय लोकदल ने गांधी जयंती के दिन अलीगढ़ से भाईचारा सम्मेलन की शुरुआत की. इससे पहले मेरठ में कार्यक्रम रखा गया था. लेकिन, जयंत चौधरी नहीं पहुंच पाए थे. भाईचारा सम्मेलन खैर रोड के पैराडाइज गार्डेन में आयोजित किया गया. कार्यक्रम को मुख्य अतिथि राज्यसभा सदस्य चौधरी जयंत सिंह ने संबोधित किया. जयंत चौधरी ने कहा कि हम गांधी जी से प्रेरणा लें और चौधरी चरण सिंह की लड़ाई को आगे बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि जिस तरह दो आंखें खूबसूरत हैं, उसी तरीके से देश का हिंदू और मुसलमान भी है. धर्म-मजहब अलग हो सकते हैं. लेकिन, दोनों की आत्मा हिंदुस्तान की आत्मा है.
रालोद नेता जयंत चौधरी ने कहा कि पहले हमने ऐसी शासन व्यवस्था देखी थी कि आम जनता की कोई शिकायत होती थी तो जनता दरबार लगता था और मौके मिलते थे. मुख्यमंत्री भी अलग-अलग जनपदों में जाते थे. अधिकारियों से भी पूछते थे. सर्वेक्षण करते थे. उनको जमीनी समस्या पता होती थी. उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत को जानकर सरकार योजनाएं बनाती थी. विवेकपूर्ण फैसले लेती थी. आज हमने वह तस्वीर देखी है. मुख्यमंत्री चल रहे हैं. कुर्सी पर एक-एक व्यक्ति बैठा रखा है. एक-एक फरियादी और उसकी कुर्सी के पीछे पुलिस वाला है और उस व्यक्ति के कंधे पर हाथ रखे है कि मुख्यमंत्री के सामने खड़े मत होना. इस तरह का आतंक जनता दरबार में कभी नहीं देखा.
प्रधानमंत्री दिन-रात केवल भाषण देते हैं: जयंत चौधरी ने कहा कि आज जनता के सामने बड़ी समस्याएं हैं. बिजली नहीं है, बेरोजगारी है. जो संभावनाएं उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने की है, वह नहीं हो पा रही हैं. लखनऊ में सम्मिट करते हैं और बताते हैं कि 33 लाख करोड़ का निवेश हो गया. वाहवाही लूटी जाती है. आम आदमी को न ही कोई निवेश दिख रहा है और न ही रोजगार के साधन. संविदा कर्मचारी समय-समय पर हड़ताल कर रहे हैं. इन सब मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जाता. देश के प्रधानमंत्री के पास इतना समय है कि दिन और रात सिर्फ प्रचार किया जाए. उनकी हार्डिंग लगती है. जनता को बताया जाता है कि अगर प्रधानमंत्री नहीं होते तो यह संभव नहीं होता. प्रधानमंत्री दिन और रात केवल उद्घाटन और भाषण देते हैं. क्या यह मेहनत है. सरकारी तंत्र का पूरा दुरुपयोग किया जा रहा है. अपने आप को ईमानदार बताते हैं.
योगी आदित्यनाथ पूजा में व्यस्थ और जनता त्रस्त: जयंत चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सीधा हमला करते हुए कहा कि शायद ही किसी मुख्यमंत्री के पास इतना समय होगा कि वह घंटों पूजा पाठ में लगाए. दीया लगाना, जालना, पूजा पाठ, ईश वंदना में डूबे रहना, इतना समय नहीं होना चाहिए. एक-एक महीने का हिसाब जनता को देना चाहिए. जनप्रतिनिधि कुछ नहीं कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि वोट तो मिल जाएगा. पाकिस्तान का डर दिखाने से वोट मिल जाता है. इस बार कनाडा से मामला लेकर आए हैं. पाकिस्तान से कोई झगड़ा नहीं है. अब कनाडा का इलाज करेंगे. हर चुनाव में ऐसी चीज खड़ी कर देते हैं कि जनता के मुद्दे बदल जाते हैं. ऐसी चीज लाएंगे कि जनता सोचेगी कि एक बार और मौका दे दो.
जनता बदलाव चाहती है: जयंत चौधरी ने कहा जो लोग झगड़ा फसाद की राजनीति कर रहे हैं, उसे जनता समझ गई है. जनता बदलाव चाहती है. इसी कारण इंडिया गठबंधन में शामिल हुए हैं. बुलडोजर चलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे देश आगे नहीं बढ़ेगा. बुलडोजर निर्माण का प्रतीक होना चाहिए. यह देश की परंपराओं को ध्वस्त कर रहा है. न्याय के हिसाब से सरकार को काम करना चाहिए. बिना किसी को नोटिस दिए, किसी की कमी है और अगले दिन उसका घर उजाड़ने चले गए. किसी एक व्यक्ति ने अपराध किया और पूरे परिवार को आप दंड देते हैं. यह कोई नियम नहीं है, यह न्याय नहीं है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इसे संज्ञान में लेना चाहिए और राज्य सरकार को सख्त आदेश देना चाहिए.
पश्चिम उत्तर प्रदेश बने अलग राज्य: संजीव बालियान के पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने के सावल पर जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार इनकी है और सार्वजनिक तौर पर मांग उठा रहे हैं. 10 साल पूरे होने को हो रहे हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच बनाने की मांग की थी. आज तक नहीं बनी. अब उनको हिसाब देने का मौका आया है तो नई बात छेड़ रहे हैं. नया प्रदेश के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसने उनको रोका है. सरकार उनकी है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हित में फैसला नहीं लेना चाहते, सिर्फ शिगूफा छोड़ते हैं.
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