अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लीव वैकेंसी पर कार्यरत सीएमओ डॉ. अजीम मलिक और डॉ. ओबेद को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. सीबीआई टीम की जांच के बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई है. बता दें कि सोमवार को सीबीआई की टीम हाथरस प्रकरण में जांच और पूछताछ करने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज पहुंची थी. इसके बाद वीसी ने एक सीएमओ और एक डॉक्टर को निलंबित कर दिया है. वहीं निलंबित किए गए दोनों डॉक्टर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से उनके निलंबित किए जाने कारण पूछ रहे हैं.
निलंबित सीएमओ डॉ. मोहम्मद अजीमुद्दीन मलिक ने बताया उनके पास सीएमओ इंचार्ज की तरफ से एक टेलीफोन कॉल आई थी. जो लेटर प्राप्त हुआ है उसमें साफ लिखा हुआ है कि उनके पास वाइस चांसलर साहब का कॉल आया था कि उन्हें और डॉ. उबेद को अपनी सर्विस से डिस्कंटीन्यू कर दिया गया है. इसका उन्होंने कोई कारण नहीं बताया है. हाथरस प्रकरण को लेकर उनके ऊपर प्रेशर तो था, लेकिन अलग से उन्होंने अपना कोई इंटरव्यू नहीं दिया है. बाकी जो मीडिया की कॉल आती थी उस पर एफएसएल रिपोर्ट में ओपिनियन पूछा था, तो उसे वो डॉक्टर की हैसियत से दे सकते हैं. निलंबन को लेकर उन्होंने मेडिकल प्रशासन को पत्र लिखा है.
हाथरस मामला : जेएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और सीएमओ निलंबित - aligarh news
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक डॉक्टर व एक सीएमओ को निलंबित कर दिया है. खास बात यह है कि हाथरस प्रकरण में सोमवार को ही सीबीआई की टीम यहां पूछताछ के लिए पहुंची थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है.
अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लीव वैकेंसी पर कार्यरत सीएमओ डॉ. अजीम मलिक और डॉ. ओबेद को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. सीबीआई टीम की जांच के बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई है. बता दें कि सोमवार को सीबीआई की टीम हाथरस प्रकरण में जांच और पूछताछ करने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज पहुंची थी. इसके बाद वीसी ने एक सीएमओ और एक डॉक्टर को निलंबित कर दिया है. वहीं निलंबित किए गए दोनों डॉक्टर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से उनके निलंबित किए जाने कारण पूछ रहे हैं.
निलंबित सीएमओ डॉ. मोहम्मद अजीमुद्दीन मलिक ने बताया उनके पास सीएमओ इंचार्ज की तरफ से एक टेलीफोन कॉल आई थी. जो लेटर प्राप्त हुआ है उसमें साफ लिखा हुआ है कि उनके पास वाइस चांसलर साहब का कॉल आया था कि उन्हें और डॉ. उबेद को अपनी सर्विस से डिस्कंटीन्यू कर दिया गया है. इसका उन्होंने कोई कारण नहीं बताया है. हाथरस प्रकरण को लेकर उनके ऊपर प्रेशर तो था, लेकिन अलग से उन्होंने अपना कोई इंटरव्यू नहीं दिया है. बाकी जो मीडिया की कॉल आती थी उस पर एफएसएल रिपोर्ट में ओपिनियन पूछा था, तो उसे वो डॉक्टर की हैसियत से दे सकते हैं. निलंबन को लेकर उन्होंने मेडिकल प्रशासन को पत्र लिखा है.