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अलीगढ़: स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दी गई गाड़ियों की चाबी

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Published : Sep 12, 2020, 9:25 AM IST

अलीगढ़ में आजीविका मिशन के तहत शुक्रवार को जिलाधिकारी ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को गाड़ियों की चाबी दी. इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना ही योजना का उद्देश्य है.

डीएम ने हरी झंडी दिखाकर गाड़ियों को किया रवाना.
डीएम ने हरी झंडी दिखाकर गाड़ियों को किया रवाना.

अलीगढ़: महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए सरकार ने विशेष कदम उठाया है. ग्रामीण आजीविका मंत्रालय की तरफ से ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात की सुगमता के लिए महिलाओं को आठ सीटर वाहन की चाबी सौंपी गई है. शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने सहायता समूह की तीन लाभार्थियों को वाहन की चाबी सौंपी और हरी झंडी दिखाते हुये रवाना किया.

जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि महिलाओं के वाहन के लिए ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था की गई है, इसके तहत इन्हें कमर्शियल वाहन दिया गया है. राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को सरकारी विभाग में कैंटीन खोलने व मिड-डे मिल योजना के तहत पुष्टाहार सप्लाई का काम दिया जा रहा है. वहीं प्राइमरी स्कूल में छात्रों के यूनिफॉर्म की सिलाई का काम भी महिलाओं सौंपा जा रहा है. बिजली का बिल वसूलने पर 20 रुपये प्रति बिल भुगतान भी किया जाएगा. महिलाओं को स्वरोजगार देने के लिए इस दिशा में सरकार का एक सार्थक पहल है.

टप्पल के बाजिदपुर गांव की रहने वाली दुर्गेश स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं. वाहन की चाबी पाकर दुर्गेश ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और बताया कि इस वाहन को भाड़े पर चलवा कर अपने परिवार का पालन पोषण करेंगी.

टप्पल ब्लॉक के वीडीओ मोहम्मद राशिद ने बताया कि स्वयं सहायता समूह के तहत तीन महिलाओं को गाड़ियां दी गई हैं. इसका मुख्य उद्देश्य है कि वे अपनी आजीविका का अर्जन करेंगी. सरकार का भी उद्देश्य है कि महिलाओं को सशक्त बनाया जाए, इसीलिए इस कार्यक्रम को शुरू किया गया है. स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं, जो कि एक नई शुरुआत है.

अलीगढ़: महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए सरकार ने विशेष कदम उठाया है. ग्रामीण आजीविका मंत्रालय की तरफ से ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात की सुगमता के लिए महिलाओं को आठ सीटर वाहन की चाबी सौंपी गई है. शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने सहायता समूह की तीन लाभार्थियों को वाहन की चाबी सौंपी और हरी झंडी दिखाते हुये रवाना किया.

जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि महिलाओं के वाहन के लिए ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था की गई है, इसके तहत इन्हें कमर्शियल वाहन दिया गया है. राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को सरकारी विभाग में कैंटीन खोलने व मिड-डे मिल योजना के तहत पुष्टाहार सप्लाई का काम दिया जा रहा है. वहीं प्राइमरी स्कूल में छात्रों के यूनिफॉर्म की सिलाई का काम भी महिलाओं सौंपा जा रहा है. बिजली का बिल वसूलने पर 20 रुपये प्रति बिल भुगतान भी किया जाएगा. महिलाओं को स्वरोजगार देने के लिए इस दिशा में सरकार का एक सार्थक पहल है.

टप्पल के बाजिदपुर गांव की रहने वाली दुर्गेश स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं. वाहन की चाबी पाकर दुर्गेश ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और बताया कि इस वाहन को भाड़े पर चलवा कर अपने परिवार का पालन पोषण करेंगी.

टप्पल ब्लॉक के वीडीओ मोहम्मद राशिद ने बताया कि स्वयं सहायता समूह के तहत तीन महिलाओं को गाड़ियां दी गई हैं. इसका मुख्य उद्देश्य है कि वे अपनी आजीविका का अर्जन करेंगी. सरकार का भी उद्देश्य है कि महिलाओं को सशक्त बनाया जाए, इसीलिए इस कार्यक्रम को शुरू किया गया है. स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं, जो कि एक नई शुरुआत है.

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