अलीगढ़: पहले की सरकार के मुकाबले आज केंद्र सरकार और राज्य सरकार यूनानी मेडिसिन पर तवज्जो दे रही है. उत्तर प्रदेश सरकार ने बरेली में नए यूनानी कॉलेज की स्थापना की है, तो केन्द्र सरकार भी गाजियाबाद में यूनानी कॉलेज खोलने की कवायद मार्च में शुरू करने जा रहा है. हकीम अजमल खान की याद में यूनानी डे मनाया जाता है. इस मौके पर अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सऊद अली खान ने बताया कि हकीम अजमल खान को आधुनिक यूनानी मेडिसिन का अलंबरदार कहा जाता हैं.
देश का दूसरा सबसे पुराना यूनानी कॉलेज
यूनानी मेडिसिन न सिर्फ इंडिया में बल्कि विश्व के अन्य इलाकों में भी एक अल्टरनेटिव मेडिसिन सिस्टम में इस्तेमाल किया जाता है. यूनाइटेड नेशन ने भी एक अल्टरनेटिव मेडिसन के तौर पर मान्यता मिली है. अलीगढ़ का अजमल खान तिब्बिया कॉलेज 1927 में ही स्थापित किया गया था. एएमयू से जुड़ा हकीम अजमल खान तिब्बिया कॉलेज देश का दूसरा सबसे पुराना यूनानी कॉलेज है. लेकिन यहां मिलने वाली यूनानी शिक्षा, फैकल्टी, अस्पताल, एकेडमिक एक्टिविटी के तौर पर देश में पहले स्थान के यूनानी कॉलेज में शुमार है.
यूनानी चिकित्सा में एम्स का दर्जा प्रस्तावित
हकीम अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर सऊद अली खान ने बताया कि यहां कॉलेज को यूनानी चिकित्सा में एम्स का दर्जा दिलाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था. लेकिन अब वह दर्जा गाजियाबाद में बन रहे यूनानी इंस्टिट्यूट को दिया जा रहा है. पहले आयुष मंत्रालय की तरफ से अलीगढ़ को प्रपोजल था कि अजमल खान तिब्बिया कॉलेज को यूनानी मेडिसिन में एम्स का दर्जा दिया जाएं. लेकिन केंद्र सरकार ने इस दिशा में सकारात्मक कदम नहीं उठाये. इसके लिए आयुष मंत्रालय के भी अपने कुछ कारण हो सकते हैं. प्रोफसर सऊद अली खान ने बताया कि अगर हकीम अजमल खान तिब्बिया यूनानी कॉलेज को एम्स का दर्जा दिया जाता है तो यह फक्र की बात होगी. यूनानी मेडिसिन में एम्स का दर्जा मिलने के मानक भी यहां पूरे हैं.
विदेशों में भी यूनानी दवा की जाती है निर्यात
किला रोड पर भी सेंटर ऑफ रिसर्च इन यूनानी मेडिसिन पर काम किया जा रहा है. अजमल खन तिब्बिया दवाखाना की बनी दवाएं विदेशों में भी भेजी जाती है. यहां की बनी दवाएं मिडिल ईस्ट, यूरोपियन कंट्री, अमेरिका में निर्यात की जाती है. कोरोना काल में भी यूनानी मेडिसिन का महत्व रहा है. टेलीमेडिसिन के जरिए मरीजों को यूनानी दवा की सलाह दी गई. यूनानी मेडिसिन में भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवाईयां उपलब्ध है.