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तीन दिग्गज नेताओं के आने से बढ़ा सपा का जनाधार, लेकिन गुटबाजी भी तेज

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Published : Dec 4, 2020, 8:10 AM IST

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में तीन बड़े नेताओं के सपा में आने से राजनीतिक सुगबुगाहट बढ़ गई है. एक तरफ सपा का जनाधार बढ़ने की बात कही जा रही है, वहीं माना जा रहा है कि अब सपा में गुटबाजी भी बढ़ेगी.

तीन बड़े नेता सपा में शामिल
तीन बड़े नेता सपा में शामिल

अलीगढ़ : जिले में कई दिग्गज नेताओं के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद गुरुवार को क्वार्सी स्थित पार्टी कार्यालय पर स्वागत समारोह रखा गया. इन नेताओं के आने से सपा को कितना फायदा या नुकसान होगा, यह तो वक्त बताएगा लेकिन फिलहाल पार्टी के वरिष्ठ लोग सपा का जनाधार बढ़ने की बात कह रहे हैं. गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व सांसद चौधरी विजेंद्र सिंह और पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान व बसपा नेता मोहम्मद सगीर अब सपा में आ चुके हैं. अलीगढ़ की हर सड़क चौराहे पर सपा नेताओं के होर्डिंग, पोस्टर, बैनर लग गए हैं. तीनों नेताओं के खेमों में जश्न का माहौल है. वहीं बाकी प्रतिद्वंदी गुटों में मायूसी और सन्नाटा है. अंदरखाने गुटबाजी और अंतर्कलह से जूझ रही समाजवादी पार्टी को आने वाले विधानसभा चुनाव में कितना फायदा मिल पाता है, यह कहना अभी मुश्किल है क्योंकि समाजवादी पार्टी में स्थानीय स्तर पर सब कुछ ठीक नहीं है. गुरुवार को भी पार्टी कार्यालय पर स्वागत समारोह में कई पूर्व सपा विधायक व वरिष्ठ नेता नहीं दिखे.

तीन बड़े नेता सपा में शामिल
तीन महीने से जिलाध्यक्ष नहीं बना पाए जिला कमेटी समाजवादी पार्टी में पूर्व विधायकों और संगठन के स्तर पर कुछ पदों को लेकर खींचतान मची है. आलम यह है कि तीन महीने में भी अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष गिरीश यादव अपनी जिला कमेटी घोषित नहीं कर पाए हैं. बताया जा रहा है कि उनके सामने जिला महासचिव, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पद को लेकर बड़ी-बड़ी सिफारिशें हैं. इस पर वह खुद कोई फैसला नहीं कर पा रहे हैं. इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों व पूर्व विधायकों का भी दबाव बताया जा रहा है. अब तीन बड़े नेताओं की पार्टी में आमद होने से उलझन और बढ़ गई है. सपा परिवार एकजुट होकर 2022 विधान सभा चुनाव लड़ेगा समाजवादी पार्टी जिला अध्यक्ष गिरीश यादव ने कहा है कि चार बार के विधायक व एक बार के सांसद विजेंद्रर सिंह और पूर्व विधायक हाजी जमीरउल्ला के पार्टी में शामिल होने से बहुत फायदा होगा. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है. उन्होंने कहा कि परिवार में कुछ नाइत्तफाकी रही हो, लेकिन अब आगे कोई समस्या नहीं होगी. सभी परिवार के सदस्य हैं और परिवार एकजुट होकर के 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेगा. तीन महीने से जिला कार्यकारिणी गठित नहीं करने पर कहा कि व्यक्तिगत रूप से कार्यकारिणी के गठन को रोक रखा है क्योंकि पहले उपचुनाव में व्यस्त थे. उसके बाद फिर एमएलसी चुनाव के कारण कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया है.

सपा को बताया दमदार पार्टी
कांग्रेस छोड़कर साइकिल पर सवार हुए पूर्व सांसद विजेन्द्र सिंह ने कहा कि 1989 से लगातार 31 साल से कांग्रेस कमजोर होती जा रही है. आम लोग भी कहते हैं कि कांग्रेस जनता की लड़ाई नहीं लड़ पाएगी, इसलिए जनता के हितों के लिए हमने समाजवादी पार्टी को अपनाया है. उन्होंने कहा कि सपा दमदार और ताकतवर पार्टी है. पार्टी में रहकर योद्धा की तरह तलवार चलाएंगे .वहीं सपा में वापसी पर जमीरउल्ला बोले कि अगर सुबह का भूला हुआ शाम को घर वापस आ जाए तो इसे भूला नहीं कहते हैं. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को तरक्की की राह पर ले जाना है. इससे अच्छी पार्टी नहीं है. इसके नेता भी बहुत अच्छे हैं. वहीं सपा में गुटबाजी को लेकर कहा कि सभी भाई लोग हैं. आपस में लड़ना नहीं चाहिए. वहीं समाजवादी पार्टी के पूर्व महानगर अध्यक्ष अज्जू इशहाक ने कहा कि हम समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी के सिपाही हैं. अज्जू ने कहा कि हमारी विधायक या सांसद बनने की लालसा नहीं है. अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अन्य लोगों को पार्टी ज्वाइन कराई है तो उनका निर्णय सर-माथे पर है.

अलीगढ़ : जिले में कई दिग्गज नेताओं के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद गुरुवार को क्वार्सी स्थित पार्टी कार्यालय पर स्वागत समारोह रखा गया. इन नेताओं के आने से सपा को कितना फायदा या नुकसान होगा, यह तो वक्त बताएगा लेकिन फिलहाल पार्टी के वरिष्ठ लोग सपा का जनाधार बढ़ने की बात कह रहे हैं. गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व सांसद चौधरी विजेंद्र सिंह और पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान व बसपा नेता मोहम्मद सगीर अब सपा में आ चुके हैं. अलीगढ़ की हर सड़क चौराहे पर सपा नेताओं के होर्डिंग, पोस्टर, बैनर लग गए हैं. तीनों नेताओं के खेमों में जश्न का माहौल है. वहीं बाकी प्रतिद्वंदी गुटों में मायूसी और सन्नाटा है. अंदरखाने गुटबाजी और अंतर्कलह से जूझ रही समाजवादी पार्टी को आने वाले विधानसभा चुनाव में कितना फायदा मिल पाता है, यह कहना अभी मुश्किल है क्योंकि समाजवादी पार्टी में स्थानीय स्तर पर सब कुछ ठीक नहीं है. गुरुवार को भी पार्टी कार्यालय पर स्वागत समारोह में कई पूर्व सपा विधायक व वरिष्ठ नेता नहीं दिखे.

तीन बड़े नेता सपा में शामिल
तीन महीने से जिलाध्यक्ष नहीं बना पाए जिला कमेटी समाजवादी पार्टी में पूर्व विधायकों और संगठन के स्तर पर कुछ पदों को लेकर खींचतान मची है. आलम यह है कि तीन महीने में भी अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष गिरीश यादव अपनी जिला कमेटी घोषित नहीं कर पाए हैं. बताया जा रहा है कि उनके सामने जिला महासचिव, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पद को लेकर बड़ी-बड़ी सिफारिशें हैं. इस पर वह खुद कोई फैसला नहीं कर पा रहे हैं. इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों व पूर्व विधायकों का भी दबाव बताया जा रहा है. अब तीन बड़े नेताओं की पार्टी में आमद होने से उलझन और बढ़ गई है. सपा परिवार एकजुट होकर 2022 विधान सभा चुनाव लड़ेगा समाजवादी पार्टी जिला अध्यक्ष गिरीश यादव ने कहा है कि चार बार के विधायक व एक बार के सांसद विजेंद्रर सिंह और पूर्व विधायक हाजी जमीरउल्ला के पार्टी में शामिल होने से बहुत फायदा होगा. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है. उन्होंने कहा कि परिवार में कुछ नाइत्तफाकी रही हो, लेकिन अब आगे कोई समस्या नहीं होगी. सभी परिवार के सदस्य हैं और परिवार एकजुट होकर के 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेगा. तीन महीने से जिला कार्यकारिणी गठित नहीं करने पर कहा कि व्यक्तिगत रूप से कार्यकारिणी के गठन को रोक रखा है क्योंकि पहले उपचुनाव में व्यस्त थे. उसके बाद फिर एमएलसी चुनाव के कारण कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया है.

सपा को बताया दमदार पार्टी
कांग्रेस छोड़कर साइकिल पर सवार हुए पूर्व सांसद विजेन्द्र सिंह ने कहा कि 1989 से लगातार 31 साल से कांग्रेस कमजोर होती जा रही है. आम लोग भी कहते हैं कि कांग्रेस जनता की लड़ाई नहीं लड़ पाएगी, इसलिए जनता के हितों के लिए हमने समाजवादी पार्टी को अपनाया है. उन्होंने कहा कि सपा दमदार और ताकतवर पार्टी है. पार्टी में रहकर योद्धा की तरह तलवार चलाएंगे .वहीं सपा में वापसी पर जमीरउल्ला बोले कि अगर सुबह का भूला हुआ शाम को घर वापस आ जाए तो इसे भूला नहीं कहते हैं. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को तरक्की की राह पर ले जाना है. इससे अच्छी पार्टी नहीं है. इसके नेता भी बहुत अच्छे हैं. वहीं सपा में गुटबाजी को लेकर कहा कि सभी भाई लोग हैं. आपस में लड़ना नहीं चाहिए. वहीं समाजवादी पार्टी के पूर्व महानगर अध्यक्ष अज्जू इशहाक ने कहा कि हम समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी के सिपाही हैं. अज्जू ने कहा कि हमारी विधायक या सांसद बनने की लालसा नहीं है. अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अन्य लोगों को पार्टी ज्वाइन कराई है तो उनका निर्णय सर-माथे पर है.

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