अलीगढ़: शहर के कोतवाली क्षेत्र के बाबरी मंडी इलाके में नागरिकता संशोधन को लेकर 23 फरवरी 2020 को सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. उस दौरान एक हार्डवेयर कारोबारी का बेटा मोहम्मद तारिक गोली लगने से घायल हो गया था. बाद में उसकी मौत हो गई थी. इस हत्या में तारिक के भाई शारिक ने भाजपा नेता विनय वार्ष्णेय समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. जिला जज बब्बू सारंग की कोर्ट ने इस मामले में साक्ष्यों के अभाव में भाजपा नेता विनय वार्ष्णेय समेत तीन लोगों को बुधवार को बरी कर दिया.
अधिवक्ता हरिओम वार्ष्णेय ने बताया कि 24 फरवरी 2020 को सीएए और एनआरसी के खिलाफ ऊपरकोट इलाके में हंगामा हुआ था. उस दौरान पांच से छह मुकदमे दर्ज हुए थे. भाजपा नेता विनय वार्ष्णेय पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था.
इसके अलावा सुरेंद्र और त्रिलोकी पर भी मामला दर्ज हुआ था. इस मुकदमे में कोई भी ऐसा साक्ष्य नहीं मिला जो आरोप सिद्ध कर पाता. कोर्ट ने इस मामले में बुधवार को निर्णय सुनाया. विनय, सुरेंद्र और त्रिलोकी को कोर्ट ने बरी कर दिया. उन्होंने बताया कि इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था.
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