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अलीगढ़: जेएन मेडिकल कॉलेज में कोरोना रोगियों के लिए टेलीमेडिसिन कंट्रोल रूम स्थापित - aligarh muslim university

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए एक टेलीमेडिसिन कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. इस कंट्रोल रूम से कोरोना से ग्रसित मरीज के संपर्क में आए बिना उसकी जानकारी ली जा सकती है.

जेएन मेडिकल कॉलेज
जेएन मेडिकल कॉलेज
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Published : May 5, 2020, 11:30 PM IST

अलीगढ़: कोरोना वायरस की वजह से बीमार रोगियों की पूरी तत्परता के साथ बेहतर प्रबन्धन के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक सेंट्रल कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है. यह टेलीमेडिसिन टेक्नालॉजी की सुविधाओं से पूरी तरह लैस है. यह कन्ट्रोल रूम कंसल्टेंट चिकित्सकों के लिए आइसोलेशन वार्ड में रेजीडेन्ट डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के साथ समन्वय बनाये रखने में सहायक सिद्व होगा. इससे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में चिकित्सा सुविधाओं को और प्रभावी बनाया जा सकेगा.

जेएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. शाहिद अली सिद्दीकी की निगरानी में यह कन्ट्रोल रूम कार्य कर रहा है. उन्होंने बताया कि पूरी तत्परता के साथ यह कन्ट्रोल रूम सेन्टर चौबीस घंटे काम कर रहा है और रोगियों के प्रबन्धन में फौरी तौर पर सुविधाएं उपलब्ध कराने में बहुत ही कारगार साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल, प्रबन्धन, कल्याण आदि से सम्बन्धित विभिन्न कमेटियों से जुड़े तकनीकी विशेषज्ञ और फैकल्टी सदस्यों के साथ बेहतर तौर पर तालमेल करने में इससे मदद मिल रही है.

प्रोफेसर सिद्दीकी ने बताया कि कोरोना वायरस की इस बीमारी के दौरान जेएन मेडिकल कॉलेज में टेलीमेडिसिन टेक्नालॉजी बहुत ही मुफीद और कारगर हथियार के तौर पर उभर कर सामने आई है. इसे व्यापक पैमाने पर अपनाया गया है. उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति से शारीरिक निकटता में आए बिना हर समय चिकित्सीय देखभाल की जरूरत के अन्तर्गत टेलीमेडिसिन से सुविधाएं पहुंचाना आसान हुआ है.

तीन शिफ्ट में चौबीस घंटे चल रहा है काम

प्रो. सिद्दीकी ने बताया कि माइक्रोबायोलॉजी के बीआरडीएल लैब प्रोफेसर हारिस एम खान के नेतृत्व में शानदार काम कर रहा है और तीन शिफ्टों में चौबीस घंटे कोविड-19 की जांच हो रही है. इसमें अलीगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश से प्राप्त होने वाले नमूनों की जांच की जा रही है.

दूसरी तरफ जनसंपर्क कमेटी के सदस्य डॉ. अब्दुल वारिस के अनुसार कोविड-19 आसोलेशन वार्ड में भर्ती दस रोगियों में एक रोगी कोविड निगेटिव हो गया है, जबकि एक रोगी की हालत अब भी चिंताजनक है. इसके अतिरिक्त एएमयू के डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेन्टल कॉलेज और अस्पताल के द्वारा भी टेलीमेडिसिन सेवाओं को शुरू किया गया है. यहां पर विभिन्न विभागों के 36 दन्त चिकित्सक, दांतों की बीमारियों से परेशान मरीजों को मोबाइल पर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपलब्ध करायेंगे.

इसे भी पढ़ें- COVID-19: UP में कोरोना के 27 नए मामले आए सामने, आंकड़ा पहुंचा 2793

अलीगढ़: कोरोना वायरस की वजह से बीमार रोगियों की पूरी तत्परता के साथ बेहतर प्रबन्धन के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक सेंट्रल कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है. यह टेलीमेडिसिन टेक्नालॉजी की सुविधाओं से पूरी तरह लैस है. यह कन्ट्रोल रूम कंसल्टेंट चिकित्सकों के लिए आइसोलेशन वार्ड में रेजीडेन्ट डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के साथ समन्वय बनाये रखने में सहायक सिद्व होगा. इससे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में चिकित्सा सुविधाओं को और प्रभावी बनाया जा सकेगा.

जेएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. शाहिद अली सिद्दीकी की निगरानी में यह कन्ट्रोल रूम कार्य कर रहा है. उन्होंने बताया कि पूरी तत्परता के साथ यह कन्ट्रोल रूम सेन्टर चौबीस घंटे काम कर रहा है और रोगियों के प्रबन्धन में फौरी तौर पर सुविधाएं उपलब्ध कराने में बहुत ही कारगार साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल, प्रबन्धन, कल्याण आदि से सम्बन्धित विभिन्न कमेटियों से जुड़े तकनीकी विशेषज्ञ और फैकल्टी सदस्यों के साथ बेहतर तौर पर तालमेल करने में इससे मदद मिल रही है.

प्रोफेसर सिद्दीकी ने बताया कि कोरोना वायरस की इस बीमारी के दौरान जेएन मेडिकल कॉलेज में टेलीमेडिसिन टेक्नालॉजी बहुत ही मुफीद और कारगर हथियार के तौर पर उभर कर सामने आई है. इसे व्यापक पैमाने पर अपनाया गया है. उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति से शारीरिक निकटता में आए बिना हर समय चिकित्सीय देखभाल की जरूरत के अन्तर्गत टेलीमेडिसिन से सुविधाएं पहुंचाना आसान हुआ है.

तीन शिफ्ट में चौबीस घंटे चल रहा है काम

प्रो. सिद्दीकी ने बताया कि माइक्रोबायोलॉजी के बीआरडीएल लैब प्रोफेसर हारिस एम खान के नेतृत्व में शानदार काम कर रहा है और तीन शिफ्टों में चौबीस घंटे कोविड-19 की जांच हो रही है. इसमें अलीगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश से प्राप्त होने वाले नमूनों की जांच की जा रही है.

दूसरी तरफ जनसंपर्क कमेटी के सदस्य डॉ. अब्दुल वारिस के अनुसार कोविड-19 आसोलेशन वार्ड में भर्ती दस रोगियों में एक रोगी कोविड निगेटिव हो गया है, जबकि एक रोगी की हालत अब भी चिंताजनक है. इसके अतिरिक्त एएमयू के डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेन्टल कॉलेज और अस्पताल के द्वारा भी टेलीमेडिसिन सेवाओं को शुरू किया गया है. यहां पर विभिन्न विभागों के 36 दन्त चिकित्सक, दांतों की बीमारियों से परेशान मरीजों को मोबाइल पर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपलब्ध करायेंगे.

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