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AMU के इस्लामिलक स्टडी में सनातन धर्म की पढ़ाई पर मचा बवाल, अब विद्यार्थियों ने उठाई ये मांग

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) में इस्लामिक स्टडी में सनातन धर्म की पढ़ाई के फैसले के बाद जुबानी जंग शुरू हो गई है. एक तरफ जहां भाजपा नेता इसी सही करार दे रहे हैं, वहीं एएमयू के छात्र नेता इसे सियासी मुद्दा बता रहे हैं.

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
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Published : Aug 5, 2022, 5:44 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में इस्लामिक स्टडी में सनातन धर्म की पढ़ाई को लेकर रार मची हुई है. भाजपा से जुड़े छात्र नेताओं का कहना है कि एएमयू कोई इस्लामिक संस्थान नहीं है. बीएचयू में भी वर्षों से उर्दू की शिक्षा दी जा रही है, लेकिन हिंदू समाज को कभी आपत्ति नहीं रही. तो एएमयू में इतने वर्षों बाद सनातन धर्म की शिक्षा दिए जाने की शुरुआत से किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. जबकि एएमयू के छात्र नेताओं का कहना है कि देश हित के मुद्दों से भटकाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने ये मुद्दा उठाया है. हालांकि छात्रों ने कहा कि सनातन धर्म को लेकर एक अलग डिपार्टमेंट खुलवा दें, ताकि लोगों को रोजगार मिल सकेगा.

जानकारी देते हुए एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन

एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने बताया कि किसी भी विषय का सेलेबस एकेडमिक और एक्जीक्यूटिव काउंसिल में बनाया जाता है. यूजीसी में लेटर भेजा जाता है. इस्लामिक स्टडी में कोई बदलाव होगा तो यूजीसी के जरिए होगा. एएमयू यूजीसी की गाइड लाइन और शिक्षा मंत्रालय को फालो करता है. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी एएमयू की तारीफ करते हैं. जबकि थिओलॉजी विभाग में सनातन धर्म की पढाई कराई जाती है. फैजुल ने कहा कि बीजेपी गरीबी, भुखमरी, बरोजगारी को पीछे कर धर्म के मुद्दे ला रही है.

यह भी पढ़ें- AMU में होगी सनातन धर्म की पढ़ाई, इस्लामिक स्टडी डिपार्टमेंट ने भेजा कोर्स का प्रस्ताव

एएमयू के छात्रनेता कुंवर अखलाक मोहम्मद ने कहा कि सनातन धर्म का पाठ एएमयू में भी वर्षों से पढ़ाया जा रहा है. इस्लामिलक स्टडी में सनातन धर्म की पढ़ाई कराना नाजायज है. एएमयू में कोई भेदभाव नहीं है. कुछ लोग हिन्दू- मुसलमान कर के विवाद पैदा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कि हुकूमत ए हिंद के इशारे पर एएमयू प्रशासन काम कर रहा है. थिओलॉजी डिपार्टमेंट में सनातन धर्म की पढ़ाई वर्षों से चली आ रही है. लेकिन इस्लामिक स्टडीज में सनातन धर्म की पोस्ट को इंक्लूड करना कहीं न कहीं एक षड्यंत्र है. यह महज केवल एक सियासी मुद्दा बन सकता है. उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टडीज डिपार्टमेंट में पहले मौलाना मौदूदी और सैयद कुतुब की किताबों को हटाया गया.

वहीं, भारतीय जनता पार्टी के महानगर उपाध्यक्ष अमित गोस्वामी ने कहा कि सनातन धर्म के प्रति इतनी नफरत रखने वालों को स्पष्ट रूप से समझना होगा. एएमयू इस्लामिक संस्थान नहीं है, बल्कि जनता के टैक्स चलने वाला केंद्रीय विश्वविद्यालय है. एएमयू के इस्लामिक स्टडी सेंटर में सनातन धर्म के पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने से संस्थान में व्याप्त मुस्लिम तुष्टिकरण का खात्मा होगा, जिसके लिए एएमयू इंतजामियां धन्यवाद का पात्र है. भाजपा युवा मोर्चा के छात्रनेता सौरभ चौधरी ने बताया कि एएमयू के इस्लामिक स्टडी सेंटर में सनातन धर्म की शिक्षा दिये जाने की स्वीकृति दी है. इसके लिए चैयरमैन और कुलपति ने देश को एकसूत्र में पिरोने का काम किया है. मजबह और तुष्टिकरण से उठकर काम किया है.

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अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में इस्लामिक स्टडी में सनातन धर्म की पढ़ाई को लेकर रार मची हुई है. भाजपा से जुड़े छात्र नेताओं का कहना है कि एएमयू कोई इस्लामिक संस्थान नहीं है. बीएचयू में भी वर्षों से उर्दू की शिक्षा दी जा रही है, लेकिन हिंदू समाज को कभी आपत्ति नहीं रही. तो एएमयू में इतने वर्षों बाद सनातन धर्म की शिक्षा दिए जाने की शुरुआत से किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. जबकि एएमयू के छात्र नेताओं का कहना है कि देश हित के मुद्दों से भटकाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने ये मुद्दा उठाया है. हालांकि छात्रों ने कहा कि सनातन धर्म को लेकर एक अलग डिपार्टमेंट खुलवा दें, ताकि लोगों को रोजगार मिल सकेगा.

जानकारी देते हुए एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन

एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने बताया कि किसी भी विषय का सेलेबस एकेडमिक और एक्जीक्यूटिव काउंसिल में बनाया जाता है. यूजीसी में लेटर भेजा जाता है. इस्लामिक स्टडी में कोई बदलाव होगा तो यूजीसी के जरिए होगा. एएमयू यूजीसी की गाइड लाइन और शिक्षा मंत्रालय को फालो करता है. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी एएमयू की तारीफ करते हैं. जबकि थिओलॉजी विभाग में सनातन धर्म की पढाई कराई जाती है. फैजुल ने कहा कि बीजेपी गरीबी, भुखमरी, बरोजगारी को पीछे कर धर्म के मुद्दे ला रही है.

यह भी पढ़ें- AMU में होगी सनातन धर्म की पढ़ाई, इस्लामिक स्टडी डिपार्टमेंट ने भेजा कोर्स का प्रस्ताव

एएमयू के छात्रनेता कुंवर अखलाक मोहम्मद ने कहा कि सनातन धर्म का पाठ एएमयू में भी वर्षों से पढ़ाया जा रहा है. इस्लामिलक स्टडी में सनातन धर्म की पढ़ाई कराना नाजायज है. एएमयू में कोई भेदभाव नहीं है. कुछ लोग हिन्दू- मुसलमान कर के विवाद पैदा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कि हुकूमत ए हिंद के इशारे पर एएमयू प्रशासन काम कर रहा है. थिओलॉजी डिपार्टमेंट में सनातन धर्म की पढ़ाई वर्षों से चली आ रही है. लेकिन इस्लामिक स्टडीज में सनातन धर्म की पोस्ट को इंक्लूड करना कहीं न कहीं एक षड्यंत्र है. यह महज केवल एक सियासी मुद्दा बन सकता है. उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टडीज डिपार्टमेंट में पहले मौलाना मौदूदी और सैयद कुतुब की किताबों को हटाया गया.

वहीं, भारतीय जनता पार्टी के महानगर उपाध्यक्ष अमित गोस्वामी ने कहा कि सनातन धर्म के प्रति इतनी नफरत रखने वालों को स्पष्ट रूप से समझना होगा. एएमयू इस्लामिक संस्थान नहीं है, बल्कि जनता के टैक्स चलने वाला केंद्रीय विश्वविद्यालय है. एएमयू के इस्लामिक स्टडी सेंटर में सनातन धर्म के पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने से संस्थान में व्याप्त मुस्लिम तुष्टिकरण का खात्मा होगा, जिसके लिए एएमयू इंतजामियां धन्यवाद का पात्र है. भाजपा युवा मोर्चा के छात्रनेता सौरभ चौधरी ने बताया कि एएमयू के इस्लामिक स्टडी सेंटर में सनातन धर्म की शिक्षा दिये जाने की स्वीकृति दी है. इसके लिए चैयरमैन और कुलपति ने देश को एकसूत्र में पिरोने का काम किया है. मजबह और तुष्टिकरण से उठकर काम किया है.

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