अलीगढ़: कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब अलीगढ़ में भी देखने को मिल रहा है. बन्नादेवी थाना इलाके में स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI COLLEGE) में सोमवार को कुछ छात्र भगवा गमछा पहनकर कॉलेज पहुंचे. इस बीच छात्र और कॉलेज प्रशासन के बीच जमकर नोकझोंक हुई. वहीं, हिंदूवादी नेताओं के पहुंचने के बाद भगवा गमछा पहने छात्र और कॉलेज प्रशासन के बीच वार्तालाप कर मामले को शांत किया गया. साथ ही कॉलेज परिसर में निर्धारित ड्रेस में ही छात्र -छात्राओं को प्रवेश करने की बात कही गई.
पूरा मामला बन्नादेवी थाना इलाके में स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (iti college) का है, जहां सोमवार को करीब 4 से 5 छात्र भगवा गमछा पहने कॉलेज में पढ़ने के लिए पहुंचे. इन्हें लेकर कॉलेज प्रशासन ने आपत्ति जताई और उन्हें गमछा हटाने को कहा. इस पर छात्र और कॉलेज प्रशासन पर बहस छिड़ गई. वहीं, मामले को तूल पकड़ता देख कुछ हिंदूवादी नेता भी मौके पर पहुंचे, जिन्होंने भगवा पहने छात्र और कॉलेज प्रशासन से वार्तालाप कर मामले को शांत कराया.
वहीं भगवा गमछा पहने छात्रों का आरोप है कि कॉलेज में बुर्का-टोपी पहने छात्र-छात्राएं आते हैं और हमको भगवा गमछा पहने से रोका जा रहा है. सभी के लिए समान ड्रेस कोड लागू होना चाहिए. वहीं, दूसरे छात्र ने बताया कि मैं पिछले काफी समय से देख रहा हूं, यहां पर मुस्लिम छात्र-छात्राएं बुर्का और टोपी पहन कर आ रहे हैं. इसकी शिकायत मैंने प्रिंसिपल से भी की है. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. जब मैं आज भगवा गमछा पहन कर आया तो टीचर मुझसे बोल रहे हैं कि इसको उतारों. इस कॉलेज में अभी तक कोई ड्रेस कोड भी लागू नहीं हुआ है, जिसके चलते पिछले काफी समय से यहां पर बुर्का-टोपी में छात्र-छात्राओं को देखा जा रहा है. जब मैं आज भगवा गमछे में आया तो मुझे एक स्कूल टीचर है. उनके द्वारा रोका गया.
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इस मामले पर आईटीआई कॉलेज के टीचर हरीशचंद्र ने कहा कि आज कुछ बच्चे गमछा पहनकर आए हुए थे. चूंकि आज प्रेक्टिकल की क्लास थी, इसलिए बच्चों से गमछा पहन कर आने के लिए मना किया गया था. बच्चे ने कहा कि मैं तो गमछा पहन कर ही आऊंगा, तो मैंने कहा कि मैं तुम्हारा सर हूं. मेरी बात मान लो. साथी प्रॉक्टर ने भी कहा स्कूल में गमछा नहीं पहनना चाहिए, जिसके बाद बच्चों ने गमछा उतार कर रख लिया. हालांकि छात्रों का कहना था कि जो छात्र-छात्राएं यहां बुर्का-टोपी पहनकर आते हैं. उन पर भी पाबंदी होनी चाहिए. उसी दौरान कुछ नेतागण आगे आए और उन्होंने बच्चों को समझाया, जिसके बाद कॉलेज के अंदर ड्रेस कोड में आने को कहा गया.
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