अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस पर अनुचित नारे लगाने वाले छात्र के समर्थन में शुक्रवार को प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया. प्रोटेस्ट कर रहे छात्रों ने मांग की कि मामले में निलंबित छात्र वहीदूरजमा का सस्पेंशन वापस लिया जाए. छात्रों ने प्रॉक्टर को ज्ञापन सौंपकर यह मांग की है. इस दौरान छात्रों ने कहा कि बीए के छात्र वाहिदुर्जमा का सस्पेंशन गलत हुआ है . इसमें सस्पेंशन का कोई मामला नहीं बनता है .इस दौरान छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर नारे लगाए. वहीं, वाहिदुर्जमा मामले को लेकर जांच कमेटी की रिपोर्ट अभी आने बाकी है. कमेटी की जांच के आधार पर आगे का निर्णय होना है.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ वसीम अली ने बताया कि छात्रों ने लिखित रूप में ज्ञापन सौंपा है जिसमें उनकी डिमांड है कि 26 जनवरी के मामले में निलंबित किए गए छात्र को बहाल किया जाए. छात्रों की केवल यही मांग है.
बता दें कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर एनसीसी छात्रों ने कुछ नारे लगाए थे. इसका वीडियो भी वायरल हुआ था. इस मामले में नारे लगाने वाले छात्र को निलंबित किया गया था.
'एएमयू विश्वविद्यालय नहीं मदरसा है, हिंदुओं को काफिर बताया जाता'
अलीगढ़ के डीएस कॉलेज में शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का छात्र सम्मेलन आयोजन किया गया. कॉलेज के रमेश चंद सभागार में ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ सोमेंद्र तोमर ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर लगाने की सरकार को जानकारी नहीं है. जो भी असामाजिक कार्यों में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में भाजपा के शिक्षक विधायक डॉ मानवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के बारे में बस इतना कहूंगा कि ये जो लोग जेएनयू के अंदर भारत तोड़ो का काम कर रहे थे. उनको राहुल गांधी से सवाल पूछना चाहिए कि वह किस तरह भारत जोड़ो आंदोलन को चला रहे हैं. वह कौन सी भारत जोड़ो यात्रा है जिसमें देश के खिलाफ कई जगहों पर स्क्रीनिंग की जाती है. देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ झूठ बोला जाता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी झूठ बोला जाता है. राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के समर्थक हैं या भारत तोड़ो यात्रा के यह समझ से परे है. उन्होंने कहा कि पोस्टर लगाना कुलपति की नाकामी है. यह जमात ए हिंद के लोग हैं जो इस्लाम को प्रचारित करना चाहते हैं. ये भारत का विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि एएमयू विश्वविद्यालय नहीं, मदरसा है, जहां हिंदुओं को काफिर बताया जाता है.
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