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अलीगढ़: भूजल संरक्षण पर कलेक्ट्रेट में गोष्ठी का हुआ आयोजन - up news

अलीगढ़ में भूजल संरक्षण गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस मौके पर जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने किसानों से अपील की, कि वह जनपद की भौगोलिक परिस्थिति एवं जलवायु के अनुकूल फसलों का उत्पादन करें.

seminar organised in aligarh
गोष्ठी में जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह भी मौजूद रहेंं
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Published : Jul 16, 2020, 9:41 PM IST

अलीगढ़: जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में भूजल संरक्षण गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी में डीएम ने कहा कि भूगर्भ जल का बड़ी ही सावधानीपूर्वक उपयोग करते हुए आने वाली पीढ़ी को एक धरोहर के रूप में देना होगा. आज के समय में भूजल के विवेकपूर्ण सदुपयोग की आवश्यकता है.

डीएम ने कहा कि भूजल पर गहराता संकट भविष्य के लिए पेयजल की गंभीर समस्या है, जिस पर अभी से नियंत्रण नहीं किया गया तो भविष्य में पेयजल की विकट समस्या होगी. उन्होंने कहा कि केवल गोष्ठियों, रैलियों आदि के आयोजन से इस पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता है. इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मानसिकता एवं दिनचर्या परिवर्तित करनी होगी.

उन्होंने बताया कि प्रकृति द्वारा दिए जा रहे संकेतों को समझते हुए स्वयं से सुधार करने की शुरुआत करनी होगी. जब तक मनुष्य अपने व्यवहार में सुधार नहीं लाएगा, तब तक जल संकट से उबरना संभव नहीं है. उन्होंने सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्यालयों में स्थापित हैंडपंप के पास वाटर रिचार्ज पिट बनाया जाए. जिला उद्यान अधिकारी को कोल्ड स्टोरेज में एवं डीआईओएस को विद्यालयों में रूफटाप हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने के निर्देश दिये.

तालाबों का जीर्णोद्धार

डीएम ने मनरेगा के तहत तालाबों का जीर्णोद्धार कराने और पक्के नाले बनाने के निर्देश दिए. सहायक अभियंता लघु सिंचाई वीएस सुमन ने गोष्ठी का संचालन करते हुए शुद्ध जल को संरक्षित करने, जल संरक्षण के लाभ, घर एवं बाहर जल संरक्षण के उपाय, कृषि भूमि एवं उद्योगों में जल संरक्षण के उपायों के बारे में विस्तार से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि वर्षा जल संचयन के लिए विभाग द्वारा 13 चैकडेम का निर्माण और चार तालाबों का जीर्णोद्धार कराया गया है.

अलीगढ़: जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में भूजल संरक्षण गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी में डीएम ने कहा कि भूगर्भ जल का बड़ी ही सावधानीपूर्वक उपयोग करते हुए आने वाली पीढ़ी को एक धरोहर के रूप में देना होगा. आज के समय में भूजल के विवेकपूर्ण सदुपयोग की आवश्यकता है.

डीएम ने कहा कि भूजल पर गहराता संकट भविष्य के लिए पेयजल की गंभीर समस्या है, जिस पर अभी से नियंत्रण नहीं किया गया तो भविष्य में पेयजल की विकट समस्या होगी. उन्होंने कहा कि केवल गोष्ठियों, रैलियों आदि के आयोजन से इस पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता है. इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मानसिकता एवं दिनचर्या परिवर्तित करनी होगी.

उन्होंने बताया कि प्रकृति द्वारा दिए जा रहे संकेतों को समझते हुए स्वयं से सुधार करने की शुरुआत करनी होगी. जब तक मनुष्य अपने व्यवहार में सुधार नहीं लाएगा, तब तक जल संकट से उबरना संभव नहीं है. उन्होंने सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्यालयों में स्थापित हैंडपंप के पास वाटर रिचार्ज पिट बनाया जाए. जिला उद्यान अधिकारी को कोल्ड स्टोरेज में एवं डीआईओएस को विद्यालयों में रूफटाप हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने के निर्देश दिये.

तालाबों का जीर्णोद्धार

डीएम ने मनरेगा के तहत तालाबों का जीर्णोद्धार कराने और पक्के नाले बनाने के निर्देश दिए. सहायक अभियंता लघु सिंचाई वीएस सुमन ने गोष्ठी का संचालन करते हुए शुद्ध जल को संरक्षित करने, जल संरक्षण के लाभ, घर एवं बाहर जल संरक्षण के उपाय, कृषि भूमि एवं उद्योगों में जल संरक्षण के उपायों के बारे में विस्तार से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि वर्षा जल संचयन के लिए विभाग द्वारा 13 चैकडेम का निर्माण और चार तालाबों का जीर्णोद्धार कराया गया है.

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