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अलीगढ़ में सर्जरी नहीं सिखाने पर रेजीडेंट डाक्टर्स भूख हड़ताल पर बैठे

यूपी के अलीगढ़ जिले में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. डॉक्टरों का आरोप है कि उन्हें सर्जरी की ट्रेनिंग नहीं दी जा रही है. रेजीडेंट डॉक्टरों ने अपनी कुछ मांगे भी रखी हैं.

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Published : Dec 9, 2020, 1:49 PM IST

रेजीडेंट डाक्टर्स भूख हड़ताल पर बैठे
रेजीडेंट डाक्टर्स भूख हड़ताल पर बैठेरेजीडेंट डाक्टर्स भूख हड़ताल पर बैठे

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सर्जरी नहीं सिखाने वाले शिक्षक डॉक्टरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आरडीए के पूर्व अध्यक्ष हमजा मलिक ने नेत्र रोग विभाग के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. दरअसल एमडी कर रहे छात्रों को सर्जरी की ट्रेनिंग नहीं कराए जाने का आरोप लगाया है. डॉ. हमजा मलिक ने बताया कि सर्जरी न कराने की वजह से छात्रों की ट्रेनिंग में बाधा उत्पन्न होती है. उन्होंने कुलपति को पत्र लिखकर मांग की है कि जो शिक्षक डाक्टर सर्जरी नहीं सिखाते हैं उनको विभाग से सेवानिवृत्त कर दिया जाए.

रेजीडेंट डाक्टर्स भूख हड़ताल पर बैठे
शिक्षक सर्जन डॉक्टर नहीं सिखाते पीजी छात्रों को सर्जरी
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस संबंध में कुलपति डॉ तारिक मंसूर को पत्र लिखकर कई मांगे रखी हैं. रेजिडेंट डॉक्टर ने शिकायत की है कि नेत्र विभाग के शिक्षक डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर में सर्जरी करने के लिए नहीं जाते हैं न किसी पीजी छात्र को सर्जरी की ट्रेनिंग कराई जाती है, सिर्फ सेमिनार और नॉन सर्जिकल गतिविधियों से पीजी डाक्टर छात्रों का कोई भी मकसद हल नहीं होता है. रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांग है कि प्रति रेजिडेंट डाक्टरों की सर्जरी निर्धारित की जाए. इसके साथ ही ऐसे सभी शिक्षक डॉक्टर जो अपने कार्य के प्रति गंभीर नहीं हैं. उनको समय से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी जाए.


पूर्व आरडीए प्रेसीडेंट डॉ हमजा मालिक ने कहा कि शिक्षक डॉक्टरों की उदासीनता का असर रेजिडेंट डॉक्टर्स के करियर पर पड़ता है. क्योंकि तीन साल गुजारने के बाद भी उनको गंभीर प्रैक्टिकल का अनुभव नहीं मिल पाता है. डॉ. हमजा मलिक ने कहा कि 11 दिसंबर को रेजिडेंट डॉक्टर्स की जनरल बॉडी मीटिंग होने जा रही है और इसमें मांगों को और गंभीरता से रखा जाएगा.

तीन दिन से आरडीए के पूर्व अध्यक्ष भूख हड़ताल पर

उन्होंने बताया कि मेडिकल प्रशासन ने पहले ही ऐसे नकारे शिक्षक डॉक्टरों को चिन्हित कर रखा है, जो छात्रों को प्रयोगात्मक शिक्षण देने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं. लेकिन इसके बाद भी ऐसे शिक्षक डॉक्टरों के खिलाफ कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की जा रही है. डॉ. हमजा मलिक नेत्र विभाग में तीन दिनों से मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं. रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांग है कि किस शिक्षक डॉक्टर ने कितनी सर्जरी पीजी छात्रों को सिखाई उसको रजिस्टर्ड किया जाए. डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से चेतावनी दी गई है कि मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सर्जरी नहीं सिखाने वाले शिक्षक डॉक्टरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आरडीए के पूर्व अध्यक्ष हमजा मलिक ने नेत्र रोग विभाग के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. दरअसल एमडी कर रहे छात्रों को सर्जरी की ट्रेनिंग नहीं कराए जाने का आरोप लगाया है. डॉ. हमजा मलिक ने बताया कि सर्जरी न कराने की वजह से छात्रों की ट्रेनिंग में बाधा उत्पन्न होती है. उन्होंने कुलपति को पत्र लिखकर मांग की है कि जो शिक्षक डाक्टर सर्जरी नहीं सिखाते हैं उनको विभाग से सेवानिवृत्त कर दिया जाए.

रेजीडेंट डाक्टर्स भूख हड़ताल पर बैठे
शिक्षक सर्जन डॉक्टर नहीं सिखाते पीजी छात्रों को सर्जरी
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस संबंध में कुलपति डॉ तारिक मंसूर को पत्र लिखकर कई मांगे रखी हैं. रेजिडेंट डॉक्टर ने शिकायत की है कि नेत्र विभाग के शिक्षक डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर में सर्जरी करने के लिए नहीं जाते हैं न किसी पीजी छात्र को सर्जरी की ट्रेनिंग कराई जाती है, सिर्फ सेमिनार और नॉन सर्जिकल गतिविधियों से पीजी डाक्टर छात्रों का कोई भी मकसद हल नहीं होता है. रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांग है कि प्रति रेजिडेंट डाक्टरों की सर्जरी निर्धारित की जाए. इसके साथ ही ऐसे सभी शिक्षक डॉक्टर जो अपने कार्य के प्रति गंभीर नहीं हैं. उनको समय से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी जाए.


पूर्व आरडीए प्रेसीडेंट डॉ हमजा मालिक ने कहा कि शिक्षक डॉक्टरों की उदासीनता का असर रेजिडेंट डॉक्टर्स के करियर पर पड़ता है. क्योंकि तीन साल गुजारने के बाद भी उनको गंभीर प्रैक्टिकल का अनुभव नहीं मिल पाता है. डॉ. हमजा मलिक ने कहा कि 11 दिसंबर को रेजिडेंट डॉक्टर्स की जनरल बॉडी मीटिंग होने जा रही है और इसमें मांगों को और गंभीरता से रखा जाएगा.

तीन दिन से आरडीए के पूर्व अध्यक्ष भूख हड़ताल पर

उन्होंने बताया कि मेडिकल प्रशासन ने पहले ही ऐसे नकारे शिक्षक डॉक्टरों को चिन्हित कर रखा है, जो छात्रों को प्रयोगात्मक शिक्षण देने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं. लेकिन इसके बाद भी ऐसे शिक्षक डॉक्टरों के खिलाफ कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की जा रही है. डॉ. हमजा मलिक नेत्र विभाग में तीन दिनों से मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं. रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांग है कि किस शिक्षक डॉक्टर ने कितनी सर्जरी पीजी छात्रों को सिखाई उसको रजिस्टर्ड किया जाए. डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से चेतावनी दी गई है कि मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.

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