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अलीगढ़ : जेएन मेडिकल कॉलेज के बर्खास्त डॉक्टरों के पक्ष में उतरा आरडीए

यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने कुलपति को पत्र लिखकर 24 घंटे में डाक्टरों के टर्मिनेशन की कार्रवाई वापस लेने की मांग की है. रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर हमजा मलिक ने कहा है कि अगर 24 घंटे में डॉक्टरों को काम पर वापस नहीं बुलाया गया तो रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग बुलाई जाएगी और आगे का निर्णय लिया जाएगा.

रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन.
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन.
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Published : Oct 21, 2020, 4:01 PM IST

Updated : Oct 21, 2020, 5:13 PM IST

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने कुलपति को पत्र लिखकर 24 घंटे में डाक्टरों के टर्मिनेशन की कार्रवाई वापस लेने की मांग की है. रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) के अध्यक्ष डॉक्टर हमजा मलिक ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि अगर 24 घंटे में कुलपति डॉक्टरों को काम पर वापस नहीं बुलाते हैं तो रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग (जीबीएम) बुलाई जाएगी और आगे का निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कुलपति को लिखे पत्र में कहा है कि डॉक्टरों के हितों की रक्षा के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करें.

मेडिको लीगल पर दी थी ओपिनियन

दरअसल, मंगलवार को एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में लीव वैकेंसी पर काम कर रहे दो डॉक्टरों को अचानक हटा दिया गया था. मेडिकल प्रशासन ने यह कार्रवाई ऐसे समय में की जब हाथरस मामले में सीबीआई जांच करने पहुंची थी. हाथरस की गैंगरेप पीड़िता का इलाज मेडिकल कॉलेज में ही 14 सितंबर से 28 सितंबर तक हुआ था. सीएमओ के पद से हटाए गए एक डॉक्टर ने मेडिकल रिपोर्ट के बारे में अपना ओपिनियन भी दिया था. इसके बाद मामला चर्चा में आ गया.

आरडीए ने कुलपति को लिखा पत्र.
आरडीए ने कुलपति को लिखा पत्र.

लीव वेकैसी पर थे नियुक्त

मेडिकल कॉलेज से हटाए गए डॉक्टर उबैद इम्तियाज और डॉक्टर डॉ अजीमुद्दीन मलिक शामिल हैं. मेडिकल कॉलेज में पिछले दिनों कई डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे और उनके छुट्टी पर जाने के बाद डॉक्टरों की कमी हो गई थी. कमी को पूरा करने के लिए मेडिकल प्रशासन ने लीव वैकेंसी पर डॉक्टरों की नियुक्ति की थी. इसमें डॉक्टर उबैद और डॉ अजीमुद्दीन मलिक को कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनाती दी गई थी. डॉ अजीमुद्दीन मलिक ने हाथरस मामले में मीडिया में अपनी ओपिनियन दी थी. बताया जा रहा है कि दोनों डॉक्टरों का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी हाथरस मामले में मेडिको लीगल रिपोर्ट पर साइन किया गया था. दोनों डॉक्टरों का कार्यकाल 8 सितंबर से 8 अक्टूबर तक था. कार्यकाल खत्म होने के बाद कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर मेडिको लीगल पर साइन नहीं कर सकता है. क्योंकि यह रिपोर्ट ऑफिशियल मानी जाती है. चर्चा है कि इसी वजह से दोनों डॉक्टरों को हटाया गया है.

जेएन मेडिकल कॉलेज के बर्खास्त डॉक्टरों के पक्ष में उतरा आरडीए.

आरडीए बुलायेगा जीबीएम !

रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) के अध्यक्ष डॉक्टर हमजा मलिक ने बताया कि दोनों डॉक्टरों को नियुक्ति रद्द संबंधी नोटिस दिया गया. हालांकि ये परमानेंट नहीं थे, लीव वैकेंसी पर नियुक्ति थी. सीबीआई ने भी इनसे कोई पूछताछ नहीं की. लेकिन सीबीआई टीम के आने के बाद ही मेडिकल प्रशासन ने यह कदम उठाया है. डॉ हमजा मलिक ने कुलपति को पत्र लिखकर 24 घंटे के अंदर दोनों डॉक्टरों को वापस बुलाने की मांग की है. डॉ हमजा ने इसे एक तरफा कार्रवाई बताया है. हटाए गये डाक्टरों का कसूर नहीं बताया गया और पक्ष भी नहीं सुना गया. डॉ हमजा मलिक ने पहले ही मेडिकल प्रशासन के निर्णय को लेकर स्ट्राइक पर जाने की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि डॉ अजीमुद्दीन मलिक और डॉक्टर उबैद इम्तियाज को वापस ड्यूटी पर नहीं बुलाया जाता है तो रेजिडेंट डॉक्टरों की जनरल बॉडी मीटिंग कर आगे का निर्णय लिया जाएगा.

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने कुलपति को पत्र लिखकर 24 घंटे में डाक्टरों के टर्मिनेशन की कार्रवाई वापस लेने की मांग की है. रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) के अध्यक्ष डॉक्टर हमजा मलिक ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि अगर 24 घंटे में कुलपति डॉक्टरों को काम पर वापस नहीं बुलाते हैं तो रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग (जीबीएम) बुलाई जाएगी और आगे का निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कुलपति को लिखे पत्र में कहा है कि डॉक्टरों के हितों की रक्षा के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करें.

मेडिको लीगल पर दी थी ओपिनियन

दरअसल, मंगलवार को एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में लीव वैकेंसी पर काम कर रहे दो डॉक्टरों को अचानक हटा दिया गया था. मेडिकल प्रशासन ने यह कार्रवाई ऐसे समय में की जब हाथरस मामले में सीबीआई जांच करने पहुंची थी. हाथरस की गैंगरेप पीड़िता का इलाज मेडिकल कॉलेज में ही 14 सितंबर से 28 सितंबर तक हुआ था. सीएमओ के पद से हटाए गए एक डॉक्टर ने मेडिकल रिपोर्ट के बारे में अपना ओपिनियन भी दिया था. इसके बाद मामला चर्चा में आ गया.

आरडीए ने कुलपति को लिखा पत्र.
आरडीए ने कुलपति को लिखा पत्र.

लीव वेकैसी पर थे नियुक्त

मेडिकल कॉलेज से हटाए गए डॉक्टर उबैद इम्तियाज और डॉक्टर डॉ अजीमुद्दीन मलिक शामिल हैं. मेडिकल कॉलेज में पिछले दिनों कई डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे और उनके छुट्टी पर जाने के बाद डॉक्टरों की कमी हो गई थी. कमी को पूरा करने के लिए मेडिकल प्रशासन ने लीव वैकेंसी पर डॉक्टरों की नियुक्ति की थी. इसमें डॉक्टर उबैद और डॉ अजीमुद्दीन मलिक को कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनाती दी गई थी. डॉ अजीमुद्दीन मलिक ने हाथरस मामले में मीडिया में अपनी ओपिनियन दी थी. बताया जा रहा है कि दोनों डॉक्टरों का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी हाथरस मामले में मेडिको लीगल रिपोर्ट पर साइन किया गया था. दोनों डॉक्टरों का कार्यकाल 8 सितंबर से 8 अक्टूबर तक था. कार्यकाल खत्म होने के बाद कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर मेडिको लीगल पर साइन नहीं कर सकता है. क्योंकि यह रिपोर्ट ऑफिशियल मानी जाती है. चर्चा है कि इसी वजह से दोनों डॉक्टरों को हटाया गया है.

जेएन मेडिकल कॉलेज के बर्खास्त डॉक्टरों के पक्ष में उतरा आरडीए.

आरडीए बुलायेगा जीबीएम !

रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) के अध्यक्ष डॉक्टर हमजा मलिक ने बताया कि दोनों डॉक्टरों को नियुक्ति रद्द संबंधी नोटिस दिया गया. हालांकि ये परमानेंट नहीं थे, लीव वैकेंसी पर नियुक्ति थी. सीबीआई ने भी इनसे कोई पूछताछ नहीं की. लेकिन सीबीआई टीम के आने के बाद ही मेडिकल प्रशासन ने यह कदम उठाया है. डॉ हमजा मलिक ने कुलपति को पत्र लिखकर 24 घंटे के अंदर दोनों डॉक्टरों को वापस बुलाने की मांग की है. डॉ हमजा ने इसे एक तरफा कार्रवाई बताया है. हटाए गये डाक्टरों का कसूर नहीं बताया गया और पक्ष भी नहीं सुना गया. डॉ हमजा मलिक ने पहले ही मेडिकल प्रशासन के निर्णय को लेकर स्ट्राइक पर जाने की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि डॉ अजीमुद्दीन मलिक और डॉक्टर उबैद इम्तियाज को वापस ड्यूटी पर नहीं बुलाया जाता है तो रेजिडेंट डॉक्टरों की जनरल बॉडी मीटिंग कर आगे का निर्णय लिया जाएगा.

Last Updated : Oct 21, 2020, 5:13 PM IST
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