अलीगढ़ः उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करने पर एएमयू कुलपति तारिक मंसूर (AMU Vice Chancellor Tariq Mansoor) की कैंपस के अंदर निंदा हो रही है. इसको लेकर एएमयू कैंपस में कुछ जगह पर्चे भी चिपकाए गये हैं. पर्चे किसने चिपकाये है, अभी इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है. हांलाकि कैम्पस में लगे इन पर्चों को एएमयू प्रशासन की तरफ से हटा दिया गया है.
पोस्टर में ये लिखा था
पर्चे पर लिखा गया था 'किसी क्रिमिनल के लिए प्रार्थना करना भी अपराध है. वाइस चांसलर के सांत्वना शब्द उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के लिए न केवल शर्मनाक है. बल्कि धार्मिक भावनाओं को हर्ट करने वाला है. कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद को ढहाने वालों में शामिल थे.' इस तरह के पर्चे चिपकने के बाद कैंपस में खलबली मच गई. आनन-फानन में पर्चे हटा दिए गए.
वीसी साहब का पर्सनल नुकसान हुआ हैः फैजुल हसन
एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने बताया कि पोस्टर कैंपस में लगा था, मेरे पास मैसेज आया था. हमने कोशिश की लेकिन पता नहीं चला कि यह कहां से और किसने लगाया है. इसमें किसी का नाम नहीं लिखा है. कोई भी इस तरह का पोस्टर लगा सकता है. दूसरी बात यह है कि हर जगह कैमरा है. पोस्टर वाइस चांसलर और कल्याण सिंह की मौत को लेकर है. कुलपति ने जो मैसेज दिया था. अखबार में कि देश का नुकसान हुआ है कल्याण सिंह के जाने से, पोस्टर में लिखा था कि हो सकता है कि देश का नुकसान न हुआ हो. लेकिन हमारे वीसी साहब का पर्सनल नुकसान हुआ है. हर कोई जानता था कि इनका बहुत करीबी मामला है और दोनों का घर मैरिस रोड पर ही है. इनके बहुत पुराने रिश्ते हैं. दोनों परिवार हर तरह के कार्यक्रम में शामिल होते हैं. हर आदमी जानता है, जो पोस्टर में लिखा गया है.
कल्याण सिंह के लिए गम का इजहार काबिले बर्दाश्त नहीं
एक अन्य छात्र नेता ने बताया कि पोस्टर किसने लगाया है, यह तो हमें नहीं पता. लेकिन पोस्टर में जो कंटेंट लिखा है उस पर गौर कर सकते हैं. कंटेंट में बिल्कुल साफ तौर पर लिखा है कि कल्याण सिंह के लिए जो श्रद्धांजलि या गम का इजहार किया है वह नाकाबिले बर्दाश्त है. उसका कारण यह है कि कल्याण सिंह के हुकूमत में बाबरी मस्जिद शहीद हुई थी. कल्याण सिंह के लिए गम का इजहार अलीग बिरादरी के लिए बहुत ही दुखद है, जो वीसी ने दी है. यह काबिले बर्दाश्त नहीं है.
राजनीतिक पार्टी को ज्वाइन कर लें वीसीः हमजा सुफियान
एएमयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष हमजा सुफियान का कहना है कि वाइस चांसलर साहब के बयान की मजम्मत करता हूं. क्योंकि उत्तर प्रदेश के जितने भी यूनिवर्सिटी है किसी के वीसी का कोई स्टेटमेंट नहीं आया है. जिन छात्रों ने यह पोस्टर लगाए हैं उनके स्टेटमेंट को कंडेम किया है, उसमें सिर्फ स्टूडेंट ऑफ एएमयू लिखा हुआ है. वाइस चांसलर ने एएमयू के अंदर डर का माहौल पैदा कर दिया है, बच्चों पर मुकदमे कर दिए हैं. जितने भी छात्र नेता या और भी लोग हैं, उनको उठाकर जेल में भर दिया है. इतना दहशत का माहौल भर दिया है कि जो लोग विरोध कर रहे हैं, उन्होंने अपना नाम तक नहीं लिखा है. दो से ढाई साल हो गया है AMU को खोला नहीं गया है. वीसी को अगर राजनीति ही करनी है तो एक तालीमी इदारे को बर्बाद करने से अच्छा है कि यह राजनीतिक पार्टी को ज्वाइन कर लें. जो भी इनकी ख्वाहिश है वह पूरी कर लें.
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पोस्टर लगने के बाद बढ़ाई निगरानी
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि पिछली रात में तकरीबन 10 - 10:30 बजे हमारे स्टाफ ने बताया कि यूनिवर्सिटी के जामा मस्जिद की बाहरी दीवार पर दो पोस्टर लगे हुए हैं. इसी तरह वजू खाने के पास भी 2- 3 पोस्टर मिले हैं. हमने पोस्टर अपने कब्जे में ले लिए है. प्रॉक्टर ने कहा कि सूचना मिली तो हमने फौरन अपने ऑफिस स्टाफ को AMU के अंदर भेजा और अन्य जगह पोस्टर को चेक कराया है. स्टाफ ने बताया कि इस तरह के पोस्टर कहीं और नहीं लगे हुए हैं. इसके बावजूद भी एहतियातन हमने रात में पूरी चौकसी और बढ़ा दी है. नजर बनाए रखने के लिए एक टीम बना दी है. जिसमें दो असिस्टेंट प्रोक्टर की निगरानी में पूरी रात कैंपस में चौकसी रही. पोस्टर में सिर्फ इतना था कि वाइस चांसलर ने जो अभी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की मृत्यु पर लिखा था. उसी शोक संवेदना पर उन्होंने अपना कमेंट लिखा था. हम पूरी जानकारी करने की कोशिश कर रहे हैं कि पोस्टर किसने लगाए? लेकिन चुपके से कोई यह काम करके चला गया है. यह नहीं पता चल पाया है.