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गुस्से में लोग बोले- नहीं टूटनी चाहिए थी पीर बाबा की मजार, हिंदू करते थे पूजा

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में कुछ दिन पहले पीर बाबा की मजार तोड़ दी गई थी. स्थानीय लोगों ने इस पर आक्रोश जताया है. दोबारा मजार बनाने की भी बात कही जा रही है.

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Published : Jun 14, 2021, 2:41 PM IST

अलीगढ़
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अलीगढ़: जिले में पीर बाबा की मजार तोड़ने के मामले में अब स्थानीय लोग मजार के समर्थन में उतर आए हैं. लोगों का कहना है कि पीर बाबा की मजार तोड़कर बिल्कुल गलत किया गया है. लोगों ने दोबारा मजार बनाने में सहयोग देने का भरोसा दिया है. धर्म परिवर्तन और पैसे लेने के आरोपों को भी नकारा है. लोगों ने कहा कि यहां हिंदू पूजा करते थे और किसी से कोई पैसा भी नहीं लिया जाता था.

गौरतलब है कि इंदिरा नगर इलाके में जयपाल सिंह के घर एक मजार थी. एक सप्ताह पहले बजरंग दल के लोग जयपाल के घर पहुंचे थे और इस्लामिक जेहाद का आरोप लगाते हुए मजार को हटवा दिया था. बजरंग दल का आरोप था कि धन का लालच देकर हिंदू परिवार के घर में मजार बनवाई गई थी. सोमवार को स्थानीय लोगों ने बताया कि जलेसर वाले पीर बाबा में हिंदू धर्म के लोगों का भी विश्वास है. जयपाल सिंह के यहां बनी प्रतीकात्मक मजार पर स्थानीय हिंदू भी दर्शन और दुआ करने के लिए जाते थे.


अलीगढ़ में ही कई ऐसी मजार हैं, जहां हिंदू धर्म के लोगों की आस्था जुड़ी हैं. इसमें बर्छी बहादुर बाबा और भूमिया बाबा की मजार भी शामिल हैं. वहीं, इंदिरा नगर इलाके में जयपाल सिंह ने अपने घर में ही प्रतीकात्मक रूप में जलेसर वाले बाबा की मजार बना ली थी. पीर बाबा की मजार के साथ ही हिन्दू- देवी देवता की मूर्ति भी स्थापित की थी. यहां स्थानीय लोग दर्शन और पूजा के लिए जाने लगे थे. जयपाल की आस्था भी जलेसर वाले पीर बाबा में थी लेकिन अब मजार को बजरंग दल के हटवाने के बाद स्थानीय लोग इसे गलत बता रहे हैं.

पीर बाबा की मजार


स्थानीय लोगों का कहना है कि पीर बाबा की मजार को हटाना अच्छा नहीं लग रहा है. लोगों ने बताया कि जिस दिन से मजार हटाई गई है, जयपाल ठीक से खाना भी नहीं खा रहे हैं. स्थानीय महिला हेमलता बताती हैं कि जो भी यहां अपनी परेशानी लेकर आता था, वह ठीक होकर जाता था. जिसका भला होता था, वह अपनी मर्जी से 5-10 रुपये चढ़ा देता था. वे आगे कहती हैं कि मजार से स्थानीय लोगों को कोई एतराज नहीं था. लोग दर्शन-सलाम कर चले जाते थे. किसी को कोई ताबीज भी नहीं दिया जाता था.

स्थानीय महिला पूरन बताती है कि पैसे लेने का आरोप गलता है. किसी से कोई रुपया-पैसा नहीं लिया जाता था. जयपाल हिंदू देवी-देवता की पूजा करते थे तो बगल में मजार बनाकर वहां भी दीपक जलाते थे. जिसकी आस्था होती थी. वह पूजा करने चला जाता था. किसी पर कोई दबाव नहीं डाला जाता था. पूरन बताती हैं कि केवल हिंदू धर्म के लोग ही आते थे और धर्म परिवर्तन कराने का आरोप बिल्कुल गलत है.

इसे भी पढ़ेंः अलीगढ़ मजार विवाद : 'हिन्दू धर्म में पैदा हुए हो, हिन्दू देवी-देवता की ही पूजा करो'


पीर बाबा की मजार हटाने के विरोध में लोग थाने जाने को भी तैयार हैं लेकिन जयपाल विवाद नहीं चाहते इसलिए उन्होंने पीर बाबा की मजार हटा दी. मजार को लेकर स्थानीय लोगों में कोई एतराज नहीं था लेकिन बजरंग दल ने इस्लामिक जिहाद का आरोप लगाते हुए मजार को हटवा दिया. अब स्थानीय लोग मजार बनवाने के लिए जयपाल का सहयोग करने को तैयार हैं.

इसे भी पढ़ेंः कोरोना महामारी को मिटाएगा महामृत्युंजय जप!

अलीगढ़: जिले में पीर बाबा की मजार तोड़ने के मामले में अब स्थानीय लोग मजार के समर्थन में उतर आए हैं. लोगों का कहना है कि पीर बाबा की मजार तोड़कर बिल्कुल गलत किया गया है. लोगों ने दोबारा मजार बनाने में सहयोग देने का भरोसा दिया है. धर्म परिवर्तन और पैसे लेने के आरोपों को भी नकारा है. लोगों ने कहा कि यहां हिंदू पूजा करते थे और किसी से कोई पैसा भी नहीं लिया जाता था.

गौरतलब है कि इंदिरा नगर इलाके में जयपाल सिंह के घर एक मजार थी. एक सप्ताह पहले बजरंग दल के लोग जयपाल के घर पहुंचे थे और इस्लामिक जेहाद का आरोप लगाते हुए मजार को हटवा दिया था. बजरंग दल का आरोप था कि धन का लालच देकर हिंदू परिवार के घर में मजार बनवाई गई थी. सोमवार को स्थानीय लोगों ने बताया कि जलेसर वाले पीर बाबा में हिंदू धर्म के लोगों का भी विश्वास है. जयपाल सिंह के यहां बनी प्रतीकात्मक मजार पर स्थानीय हिंदू भी दर्शन और दुआ करने के लिए जाते थे.


अलीगढ़ में ही कई ऐसी मजार हैं, जहां हिंदू धर्म के लोगों की आस्था जुड़ी हैं. इसमें बर्छी बहादुर बाबा और भूमिया बाबा की मजार भी शामिल हैं. वहीं, इंदिरा नगर इलाके में जयपाल सिंह ने अपने घर में ही प्रतीकात्मक रूप में जलेसर वाले बाबा की मजार बना ली थी. पीर बाबा की मजार के साथ ही हिन्दू- देवी देवता की मूर्ति भी स्थापित की थी. यहां स्थानीय लोग दर्शन और पूजा के लिए जाने लगे थे. जयपाल की आस्था भी जलेसर वाले पीर बाबा में थी लेकिन अब मजार को बजरंग दल के हटवाने के बाद स्थानीय लोग इसे गलत बता रहे हैं.

पीर बाबा की मजार


स्थानीय लोगों का कहना है कि पीर बाबा की मजार को हटाना अच्छा नहीं लग रहा है. लोगों ने बताया कि जिस दिन से मजार हटाई गई है, जयपाल ठीक से खाना भी नहीं खा रहे हैं. स्थानीय महिला हेमलता बताती हैं कि जो भी यहां अपनी परेशानी लेकर आता था, वह ठीक होकर जाता था. जिसका भला होता था, वह अपनी मर्जी से 5-10 रुपये चढ़ा देता था. वे आगे कहती हैं कि मजार से स्थानीय लोगों को कोई एतराज नहीं था. लोग दर्शन-सलाम कर चले जाते थे. किसी को कोई ताबीज भी नहीं दिया जाता था.

स्थानीय महिला पूरन बताती है कि पैसे लेने का आरोप गलता है. किसी से कोई रुपया-पैसा नहीं लिया जाता था. जयपाल हिंदू देवी-देवता की पूजा करते थे तो बगल में मजार बनाकर वहां भी दीपक जलाते थे. जिसकी आस्था होती थी. वह पूजा करने चला जाता था. किसी पर कोई दबाव नहीं डाला जाता था. पूरन बताती हैं कि केवल हिंदू धर्म के लोग ही आते थे और धर्म परिवर्तन कराने का आरोप बिल्कुल गलत है.

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पीर बाबा की मजार हटाने के विरोध में लोग थाने जाने को भी तैयार हैं लेकिन जयपाल विवाद नहीं चाहते इसलिए उन्होंने पीर बाबा की मजार हटा दी. मजार को लेकर स्थानीय लोगों में कोई एतराज नहीं था लेकिन बजरंग दल ने इस्लामिक जिहाद का आरोप लगाते हुए मजार को हटवा दिया. अब स्थानीय लोग मजार बनवाने के लिए जयपाल का सहयोग करने को तैयार हैं.

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