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अलीगढ: गौशाला की हालत खस्ताहाल, प्रधानों अपनी जेब ढीली कर गायों को बचा रहे ठंड से

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में गायों को लेकर सरकार का इंतजाम नाकाफी है. गायों को ठंड से बचाने के लिए जिले के प्रधान अपनी जेब ढीली करने पर मजबूर हैं.

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गायों के लिए सरकार नहीं कर रही सही इंतजाम.
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Published : Dec 9, 2019, 1:03 PM IST

अलीगढ़: जिले में बढ़ती ठंड में गायों के बचाव के लिए गांव के प्रधान को ही अपनी जेब ढीली करनी पड़ रहा है. गौशालाओं में गायों की देखभाल के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के गंगई गांव के प्रधान निजाम ने बताया कि ठंड में गायों को बचाने के लिए सात हजार रुपये अपने खर्च कर तिरपाल लगवाया है. गौशाला के लिए तीन महीने पहले एक बार 49 हजार रुपये की किस्त खाते में आई थी बाकी उसके बाद खाते में रुपये नहीं आये. गांव के लोगों से उधार लेकर गौशाला में गायों के संरक्षण का इंतजाम कर रहे हैं.

गायों के लिए सरकार नहीं कर रही सही इंतजाम.

नहीं हो रहे गायों के लिए इंतजाम

  • निजाम बताते हैं गौशाला को चलाने में दिक्कतें आ रही है.
  • भूखी प्यासी गायों की सेवा के लिए रात में दो-दो बजे तक उन्होंने काम किया है.
  • गांव के प्रधान निजाम कहते है कि गाय बीमार पड़ जाती है तो प्राइवेट डाक्टर को बुला कर इलाज कराते हैं.

इसे भी पढ़ें- रियलिटी चेक: राजधानी की अनाज मंडियों में इमरजेंसी से बचने की नहीं है कोई व्यवस्था

  • वहीं खैर की लोहागढ़ की गौशाला में ठंड से बचने के लिए कोई इंतजाम नहीं दिखे.
  • ठंड का मौसम आ गया है, लेकिन गायों को ठंड से बचाने के लिए प्रशासन के इंतजाम काफी नहीं दिख रहे है.
  • चारे की व्यवस्था से लेकर गायों के इलाज कराने का काम में सरकारी व्यवस्था सुस्त है.

अलीगढ़: जिले में बढ़ती ठंड में गायों के बचाव के लिए गांव के प्रधान को ही अपनी जेब ढीली करनी पड़ रहा है. गौशालाओं में गायों की देखभाल के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के गंगई गांव के प्रधान निजाम ने बताया कि ठंड में गायों को बचाने के लिए सात हजार रुपये अपने खर्च कर तिरपाल लगवाया है. गौशाला के लिए तीन महीने पहले एक बार 49 हजार रुपये की किस्त खाते में आई थी बाकी उसके बाद खाते में रुपये नहीं आये. गांव के लोगों से उधार लेकर गौशाला में गायों के संरक्षण का इंतजाम कर रहे हैं.

गायों के लिए सरकार नहीं कर रही सही इंतजाम.

नहीं हो रहे गायों के लिए इंतजाम

  • निजाम बताते हैं गौशाला को चलाने में दिक्कतें आ रही है.
  • भूखी प्यासी गायों की सेवा के लिए रात में दो-दो बजे तक उन्होंने काम किया है.
  • गांव के प्रधान निजाम कहते है कि गाय बीमार पड़ जाती है तो प्राइवेट डाक्टर को बुला कर इलाज कराते हैं.

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  • वहीं खैर की लोहागढ़ की गौशाला में ठंड से बचने के लिए कोई इंतजाम नहीं दिखे.
  • ठंड का मौसम आ गया है, लेकिन गायों को ठंड से बचाने के लिए प्रशासन के इंतजाम काफी नहीं दिख रहे है.
  • चारे की व्यवस्था से लेकर गायों के इलाज कराने का काम में सरकारी व्यवस्था सुस्त है.
Intro:अलीगढ़ : अलीगढ़ में बढ़ती ठंड में गायों के बचाव के लिए गांव के प्रधान को ही अपनी जेब ढीली करनी पड़ रहा है.गौशालाओं में गायों की देखभाल के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.अलीगढ़ के गंगई गांव के प्रधान  निजाम ने बताया कि ठंड में गायों को बचाने के लिए सात हजार रुपये अपने खर्च कर तिरपाल लगवाया है.गौशाला के लिए तीन महीने पहले एक बार 49 हजार रुपये की किस्त खाते में आई थी.बाकी उसके बाद  खाते में रुपये नहीं आये. गांव के लोगों से उधार लेकर गौशाला में गायों के संरक्षण का इंतजाम कर रहे हैं.






Body:निजाम बताते हैं गौशाला को चलाने में दिक्कतें आ रही है.भूखी प्यासी गायों की सेवा के लिए रात में दो दो बजे तक काम किया है. गांव के प्रधान निजाम कहते है कि गाय बीमार पड़ जाती है . तो प्राइवेट डाक्टर को बुला कर इलाज कराते हैं.


Conclusion:वहीं खैर की लोहागढ़ की गौशाला में ठंड से बचने के लिए कोई इंतजाम नहीं दिखे.ठंड का मौसम आ गया है लेकिन गायों को ठंड से बचाने के लिए प्रशासन के इंतजाम काफी नहीं दिख रहे है.चारे की व्यवस्था से लेकर गायों के इलाज कराने का काम में सरकारी व्यवस्था सुस्त है.   

बाइट - निजाम , प्रधान ,गंगई 
बाइट - दीपक , गौशाला केयर टेकर

आलोक सिंह,अलीगढ़ 


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