अलीगढ़: नीलांचल एक्सप्रेस में युवक की मौत के मामले में परिजनों का आरोप है कि रेलवे के अधिकारी ने 15 हजार रुपये देकर मरहम लगाने की कोशिश की. लेकिन उन्होंने पैसे लेने से इनकार कर दिया. मृतक के भाई राकेश दुबे ने कहा कि किसी की मौत की कीमत नहीं लगानी चाहिए. इसके अलावा परिजनों ने मृतक की पत्नी के लिए रेलवे में नौकरी और रेलवे के लापरवाह कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. हालांकि रेलवे के अधिकारी ने निराशाजनक बात कहते हुए मृतक के परिजनों से कहा कि आप कोर्ट जाइए, वहीं से आपको रेलवे विभाग से कुछ रिलीफ मिल सकेगा.
दरअसल, अलीगढ़ के थाना गभाना क्षेत्र अंतर्गत डाबर सोमना रेलवे स्टेशन के बीच शुक्रवार को नीलांचल एक्सप्रेस से सफर कर रहे यात्री की गर्दन में शीशा तोड़कर ट्रेन के अंदर घुसी रॉड गर्दन के आरपार हो गई. जिसके बाद व्यक्ति की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई. घटना की सूचना मिलते ही जीआरपी और आरपीएफ पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. साथ ही मृतक के परिजनों को सूचना कर दी थी. इसके बाद शनिवार को घटना की सूचना पर मृतक के परिजन ने शव लेने अलीगढ़ पहुंचे तो उन्होंने रेलवे अधिकारियों से मुआवजे की मांग को लेकर नोकझोंक व हंगामा हुआ है.
मृतक के पिता संतराम दुबे ने बताया कि बीते दिन उनका पुत्र हरकेश दुबे दिल्ली से सुल्तानपुर अपने गांव नीनांचल एक्सप्रेस से जा रहे थे. इसी दौरान सोमना रेलवे स्टेशन के बीच एक लोहे की रॉड शीशा तोड़ते हुए ट्रेन में प्रवेश कर गयी और हरकेश की गर्दन में आरपार हो गई, जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. मृतक के 2 छोटे बच्चे हैं और घर में कोई कमाने वाला भी नहीं है. वहीं हरकेश की मृत्यु पर पीड़ित परिवार ने रेलवे विभाग से 1 करोड़ मुआवजा व एक सरकारी नौकरी की मांग की है. परिजनों ने कहा कि रेलवे विभाग मृतक की जान के बदले में पीड़ित परिवार को 15 हजार का मुआवजा देने की मांग पर अड़ा हुआ है. इसलिए अब न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.
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