अलीगढ़ : जिले में प्राइवेट अस्पताल में एक दुर्लभ बच्चे का जन्म हुआ है जो अजीब तरह की बीमारी से ग्रस्त है. यह एक अनुवांशिक रोग बताया जा रहा है. इसे हर्लेक्विन इचथ्योसिस कहते हैं. कासगंज के गंजडुंडवारा निवासी महिला को विष्णुपुरी के प्राइवेट अस्पताल में डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया था. बच्चे का जन्म कराने के लिए सिजेरियन करना पड़ा. इस दौरान नवजात शिशु को देखकर डॉक्टर और स्टाफ हैरान रह गए. बच्चे की त्वचा रुखी और कई जगह से फटी दिखाई दे रही थी. साथ ही बच्चे की आंखें भी खाल में दबी हुई थी.
बच्चे के बारे में जानकारी देते हुए डॉक्टर ने बताया कि यह एक तरह का स्किन डिसऑर्डर है. इसमें एबीसीए 12 जीन का डिफेक्ट होता है, जिसमें खाल कम होती है. ऐसे बच्चों की बहुत केयर करने की जरूरत होती है और इनके लिए एनआईसीयू लेबल 4 की जरूरत होती है, जो कि अलीगढ़ में नहीं मौजूद है.
पीडियाट्रिक डॉ. प्रदीप बंसल ने बताया कि जीन की खराबी की वजह से यह डिसऑर्डर होता है और करीब 10 लाख नवजात में से किसी एक बच्चे में यह बीमारी होती है. उन्होंने बताया कि यह एक दुर्लभ बीमारी है, जिसके देश भर में 5-6 केस ही अब तक मिले हैं. हालांकि इसका कोई इलाज नहीं है. नवजात शिशु को इंफेक्शन से बचाना पड़ता है. हालांकि महिला का एक बच्चा पहले से है और इसके बाद उसका (महिला) का कई बार गर्भपात भी हो चुका है. नवजात शिशु यह सामान्य बच्चे से बिल्कुल अलग है. इसकी आंखें बड़ी है और आंखों का रंग भी सुर्ख लाल है. चेहरा और मुंह साधारण बच्चों से बिल्कुल अलग है.
वरुण हॉस्पिटल की डॉक्टर मणि भार्गव ने बताया कि नवजात शिशु हर्लेक्विन इचिथ्योसिस बीमारी से ग्रस्त है. यह दुर्लभ बीमारी है, जो लाखों बच्चों में से एक में होती है. हालांकि नवजात शिशु मां का दूध पी रहा है. यूपी में यह पहला केस बताया जा रहा है. इस तरह के मामले बहुत कम सामने आते हैं. हालांकि इसके जेनेटिक सिंड्रोम के अध्ययन के लिए रिसर्च इंस्टीट्यूट को भेजा जाएगा.