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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: अलीगढ़ में मुस्लिम महिलाओं ने बुर्के और हिजाब में किया योग

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Published : Jun 21, 2019, 12:53 PM IST

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुस्लिम महिलाओं और छात्राओं ने बुर्का और हिजाब पहनकर योग किया.

मुस्लिम महिलाओं ने किया योग.

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मुस्लिम महिलाओं और छात्राओं ने योग में बढ़-चढ़कर भाग लिया. फिजिकल एजुकेशन विभाग के प्रांगण में योग का आयोजन किया गया. यहां मुस्लिम महिलाओं ने बुर्का और हिजाब पहनकर योग किया.

मुस्लिम महिलाओं ने किया योग.
  • विश्व योग दिवस के मौके पर एएमयू के कुलपति तारीख मनसूर ही मौजूद रहे.
  • शिक्षा विभाग के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह और डॉ. नौशाद वहीद ने योग कराया.
  • मौके पर महिलाओं ने कहा कि योग सभी के लिए अच्छा है.
  • योग को किसी धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए.
  • योग हर तरह की बीमारी से निजात दिलाता है.

मोहम्मद आसिफ ने बताया कि योग को किसी जाति या धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. इसे फिजिकल फिटनेस के रूप में देखना चाहिए. छात्रा अनम ने कहा कि योग जाति धर्म का नाम नहीं है. इसे धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए. यह हेल्थ से जुड़ी बात है. अमानउल्ला ने बताया कि वह 15 साल से योग कर रहे हैं. योग के जरिए बॉडी को कंट्रोल करते हैं और प्राणायाम से माइंड को कंट्रोल करते हैं. योग आध्यात्म है, जो खुदा से हमें जोड़ता है.

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मुस्लिम महिलाओं और छात्राओं ने योग में बढ़-चढ़कर भाग लिया. फिजिकल एजुकेशन विभाग के प्रांगण में योग का आयोजन किया गया. यहां मुस्लिम महिलाओं ने बुर्का और हिजाब पहनकर योग किया.

मुस्लिम महिलाओं ने किया योग.
  • विश्व योग दिवस के मौके पर एएमयू के कुलपति तारीख मनसूर ही मौजूद रहे.
  • शिक्षा विभाग के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह और डॉ. नौशाद वहीद ने योग कराया.
  • मौके पर महिलाओं ने कहा कि योग सभी के लिए अच्छा है.
  • योग को किसी धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए.
  • योग हर तरह की बीमारी से निजात दिलाता है.

मोहम्मद आसिफ ने बताया कि योग को किसी जाति या धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. इसे फिजिकल फिटनेस के रूप में देखना चाहिए. छात्रा अनम ने कहा कि योग जाति धर्म का नाम नहीं है. इसे धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए. यह हेल्थ से जुड़ी बात है. अमानउल्ला ने बताया कि वह 15 साल से योग कर रहे हैं. योग के जरिए बॉडी को कंट्रोल करते हैं और प्राणायाम से माइंड को कंट्रोल करते हैं. योग आध्यात्म है, जो खुदा से हमें जोड़ता है.

Intro:अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मुस्लिम महिलाओं और छात्राओं ने योग में बढ़-चढ़कर भाग लिया. फिजिकल एजुकेशन विभाग के प्रांगण में योग का आयोजन किया गया. जहां मुस्लिम महिलाओं ने बुर्का और हिजाब पहनकर योग किया . विश्व योग दिवस के मौके पर एएमयू के कुलपति तारीख मनसूर ही मौजूद रहे. इस दौरान शिक्षा विभाग के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह व डॉ नौशाद वहीद ने योग आसन कराया.


Body:इस मौके पर महिलाओं ने कहा कि योग सभी के लिए अच्छा है . इसे किसी धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. योग हर तरह की बीमारी से निजात दिलाता है . आज स्वास्थ्य ही लोगों के लिए सबसे अहम है. मोहम्मद आसिफ ने बताया कि योग को किसी जाति या धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. इसे फिजिकल फिटनेस के रूप में देखना चाहिए.


Conclusion:छात्रा अनम ने कहा कि एएमयू में योग पर कार्यशाला हो रही है . यह खुशी की बात है . यहां से योग सीख कर घर में करेंगे. तो शरीर को फायदा मिलेगा और जिंदगी बेहतर होगी. अनम ने कहा कि योग जाति धर्म का नाम नहीं है. यह एक ह्यूमैनिटी है . यह धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है. यह हेल्थ से जुड़ी बात है. अमानुल्लाह ने बताया कि वे 15 साल से योग कर रहा हूं और फिजिकली, मेंटली फिट रहने का अच्छा तरीका है. योग में आसनों के जरिए बॉडी को कंट्रोल करते हैं और प्राणायाम से माइंड को कंट्रोल करते हैं . योग आध्यात्म है. जो खुदा से हमें जोड़ता है.

बाइट: सविता, स्थानीय निवासी
बाईट : मोहम्मद आसिफ, स्थानीय निवासी
बाईट: अनम, छात्रा
बाईट अमानउल्ला, स्थानीय निवासी

आलोक सिंह, अलीगढ़
9837830535

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