अलीगढ़: नगर निकाय चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने चुनावी गणित बिठाने में लगे हुए हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को जिले में भाजपा प्रत्याशी के चयन पैनल की मीटिंग की गई, जिसमें जमकर हंगामा देखने को मिला. बताया जा रहा है कि भाजपा सांसद और भाजपा के एमएलए के बीच मीटिंग के दौरान नोंक झोंक भी हो गई. एमएलए जयवीर सिंह और सांसद सतीश गौतम के खेमे में आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए. इसमें एक पक्ष उद्योगपति को मेयर का टिकट दिलाना चाह रहा था, तो वहीं, दूसरा पक्ष पार्टी कार्यकर्ता को मेयर का उम्मीदवार बनाना चाहता है.
इस बात पर दोनों आमने-सामने आ गए. इसके बाद मीटिंग में गर्मा-गर्मी बढ़ गई. बता दें कि विवाद बढ़ता देख सांसद सतीश गौतम अपने समर्थकों के साथ मीटिंग से निकल गये. वहीं, इसके बाद भी देर रात तक पार्टी कार्यालय में मीटिंग चलती रही. कयामपुर स्थित भाजपा पार्टी कार्यालय में एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया के अलावा हाथरस के सांसद, राजस्व मंत्री अनूप वाल्मीकि, कोल विधायक अनिल पाराशर, शहर विधायक मुक्ता राजा सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे. बैठक में मेयर प्रत्याशियों ने आवेदन भी किया. देर रात तक अलीगढ़ मेयर के लिए 50 से अधिक आवेदनकर्ता पहुंचे.
मीटिंग में विवाद को लेकर प्रभारी मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि भाजपा में कोई विवाद नहीं हो सकता है. मेयर चुनाव के लिए भाजपा के लोगों की तरफ से 50 से ज्यादा आवेदन आए हैं. लेकिन मेयर पद के लिए कोई निर्णय नहीं हो सका. उन्होंने बताया कि नगर पंचायत और नगर पालिका पर चर्चा हुई है. मेयर के लिए अभी अगले 2 दिन चर्चा होगी.
वहीं, मेयर के टिकट को लेकर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा कार्यकर्ता को टिकट देती है. आज कार्यकर्ता ही देश का प्रधानमंत्री है. भारत वर्ष की राजनीति में कार्यकर्ता की कीमत केवल बीजेपी में ही है. कार्यकर्ता के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं. कार्यकर्ता के रूप में आदरणीय प्रधानमंत्री को देख सकते हैं. अलीगढ़ में भी मेयर का प्रत्याशी कार्यकर्ता ही होगा. टिकट को लेकर कोई विवाद की स्थिति नहीं है. भारतीय जनता पार्टी में विवाद नहीं हो सकता. मेयर के लिए भाजपा की तरप से राजीव अग्रवाल, पूनम बजाज, सुमित सर्राफ, मनोज भट्टे वाले, प्रशांत, राजीव शर्मा, मानव महाजन, जगमोहन गुप्ता, विवेक सारस्वत, शकुंतला भारती, अलका गुप्ता आदि लोग मेयर प्रत्याशियों की लिस्ट में शामिल हैं.
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