अलीगढ़: उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की आधी से ज्यादा बसें अलीगढ़ वर्कशॉप में खड़ीं रहती हैं. इस कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. आलम यह है कि आगरा, मुरादाबाद, बदायूं, एटा, कासगंज रूट पर घंटों बाद अगर कोई बस आ जाए तो उसमें चढ़ने के लिए लोग धक्का-मुक्की करते हैं. सीट पाना तो दूर कई लोग खड़े-खड़े सफर करते हैं.
अलीगढ़ डिपो के पास कुल 115 बसों के संचालन का जिम्मा है. पिछले तीन दिनों में 52 बसें ही निकल पाई हैं. आधी बसों के चलने का कारण खराब पड़ी बस और स्टॉफ की कमी है. ऐसे में रूट पर एकदम से बसों की संख्या कम हो गई है. मंडल की तकरीबन 180 बसें है, जो 10 लाख किलोमीटर चल चुकी हैं. ये बसें नीलामी के लिए ही बची हैं, लेकिन पिछले तीन सालों में एक भी बस अलीगढ़ को नहीं मिली. चलते- चलते कई बसें खराब हो जाती हैं तो उसके स्पेयर पार्ट का इंतजार किया जाता है.
अलीगढ़ के रोडवेज बस स्टैंड की या फिर रूट पर सासनी, हाथरस या आगरा सभी जगह बसों की किल्लत का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है. कई घंटों के इंतजार के बाद अगर बस मिल जाए तो उसमें चढ़ना किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है. इसलिए बस में चढ़ने के लिए लोग धक्का-मुक्की तक करते हैं.
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इस संबंध में क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन निगम अलीगढ़ मंडल मोहम्मद परवेज खान ने बताया कि ये बात सही है कि बसों के संचालन में कुछ दिक्कत है. आगरा और अन्य रूट पर 20 बसें बढ़ाई गई हैं. हाथरस, एटा की बसें लखनऊ चली गईं हैं. इसके लिए अन्य बसों के चक्कर बढ़वाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रयास रहेगा कि जल्द इस समस्या का निस्तारण किया जाए.
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