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सर सैयद अहमद खान की जयंती पर राज्यपाल सत्य पाल मलिक बोले, AMU राष्ट्र का बड़ा गौरव

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की 203वीं जयंती शनिवार को मनाई गई. ऑनलाइन स्मृति समारोह को संबोधित करते हुए मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि सर सैयद अहमद खान एक राष्ट्र के दृष्टिकोण में धर्म, जाति या नस्ल भेदभाव के कभी समर्थक नहीं रहे.

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राज्यपाल सत्यपाल मलिक.
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Published : Oct 17, 2020, 10:10 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की 203वीं जयंती शनिवार को मनाई गई. ऑनलाइन आयोजित मुख्य स्मृति समारोह में मेघालय के राज्यपाल सत्य पाल मलिक शामिल हुए. उन्होंने कहा कि भारत के एक विचार की सबसे प्रारंभिक अभिव्यक्ति सर सैयद के एक राष्ट्र के दृष्टिकोण में धर्म, जाति या नस्ल के आधार पर किसी भेदभाव के बिना इसके सभी निवासी शामिल हैं. उन्होंने जीवन भर धार्मिक सहिष्णुता और आपसी समझ को बढ़ावा दिया.

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सर सैयद अहमद खान की 203वीं जयंती पर संबोधन.

सत्यपाल मलिक पूर्व में जम्मू-कश्मीर, बिहार और गोवा के राज्यपाल भी रह चुके हैं. सर सैयद दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सर सैयद को सही मायने में बुद्धिजीवियों और विद्वानों द्वारा आधुनिक भारत के निर्माताओं में गिना जाता है. उन्हें 19वीं शताब्दी के भारत में वैज्ञानिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया जाता है.

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सर सैयद अहमद खान की 203वीं जयंती पर संबोधन.
कोविड-19 काल में ऑनलाइन पढ़ाई जारी
गवर्नर मलिक ने कहा कि एएमयू ने इस वायरस को रोकने के लिए सुरक्षित साधनों और सावधानियों के साथ ऑनलाइन अकादमिक गतिविधियों का प्रबंधन किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस महामारी के कारण एक चुनौतीपूर्ण समय में रह रहे हैं, लेकिन यह देखकर खुशी होती है कि एएमयू इस अवसर पर पूरी क्षमता के साथ मानवता की सेवा कर रहा है.
एएमयू में भेदभाव नहीं- प्रो. तारिक मंसूर
एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि सर सैयद ने समाज में एक क्रांति उत्पन्न कर दी, जिसने भारतीय समाज को सभी क्षेत्रों में बदल कर रख दिया. वे एक गतिशील और बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे, जिन्होंने शिक्षा, धर्म, संस्कृति, पत्रकारिता, साहित्य, समाज सुधार, अर्थशास्त्र और राजनीति जैसे विविध विषयों पर बड़ी संख्या में किताबें लिखीं. कुलपति ने कहा कि एएमयू सर सैयद के पद चिह्नों पर चलते हुए सांप्रदायिक सद्भाव और आपसी सह-अस्तित्व का एक मॉडल संस्थान है.
इस संस्था के दरवाजे धर्म, जाति या पंथ के आधार पर बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए खुले हैं. गवर्नर मलिक और प्रोफेसर मंसूर ने प्रतिष्ठित इतिहासकार और प्रख्यात लेखक डॉ. गेल मिनौ और अंजुमन-ए-इस्लाम, मुम्बई को क्रमशः अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया. डॉ. गेल मिनौ को प्रशस्ति पत्र और दो लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिला. अंजुमन-ए-इस्लाम को प्रशस्ति पत्र के साथ एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया. एएमयू के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने पुरस्कार पाने वालों के लिए प्रशंसा पत्र पढ़े.
आध्यात्मिक गुरु ने सेंटेनरी गेट का किया उद्घाटन
एएमयू के अप्लाइड केमिस्ट्री विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. इनामुद्दीन को विज्ञान, जीवन विज्ञान, इंजीनियरिंग, चिकित्सा और यूनानी चिकित्सा श्रेणी में एएमयू यंग रिसर्चर ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया. उन्हें पुरस्कार स्वरूप 50 हजार रुपये नकद प्रदान किए गए. बाद में शाम को चांसलर एवं आध्यात्मिक गुरू सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ने ऑनलाइन माध्यम से विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष की यादगार के रूप में एएमयू कैंपस के उत्तरी भाग में निर्मित सेंटेनरी गेट का उद्घाटन किया.

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की 203वीं जयंती शनिवार को मनाई गई. ऑनलाइन आयोजित मुख्य स्मृति समारोह में मेघालय के राज्यपाल सत्य पाल मलिक शामिल हुए. उन्होंने कहा कि भारत के एक विचार की सबसे प्रारंभिक अभिव्यक्ति सर सैयद के एक राष्ट्र के दृष्टिकोण में धर्म, जाति या नस्ल के आधार पर किसी भेदभाव के बिना इसके सभी निवासी शामिल हैं. उन्होंने जीवन भर धार्मिक सहिष्णुता और आपसी समझ को बढ़ावा दिया.

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सर सैयद अहमद खान की 203वीं जयंती पर संबोधन.

सत्यपाल मलिक पूर्व में जम्मू-कश्मीर, बिहार और गोवा के राज्यपाल भी रह चुके हैं. सर सैयद दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सर सैयद को सही मायने में बुद्धिजीवियों और विद्वानों द्वारा आधुनिक भारत के निर्माताओं में गिना जाता है. उन्हें 19वीं शताब्दी के भारत में वैज्ञानिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया जाता है.

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सर सैयद अहमद खान की 203वीं जयंती पर संबोधन.
कोविड-19 काल में ऑनलाइन पढ़ाई जारी
गवर्नर मलिक ने कहा कि एएमयू ने इस वायरस को रोकने के लिए सुरक्षित साधनों और सावधानियों के साथ ऑनलाइन अकादमिक गतिविधियों का प्रबंधन किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस महामारी के कारण एक चुनौतीपूर्ण समय में रह रहे हैं, लेकिन यह देखकर खुशी होती है कि एएमयू इस अवसर पर पूरी क्षमता के साथ मानवता की सेवा कर रहा है.
एएमयू में भेदभाव नहीं- प्रो. तारिक मंसूर
एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि सर सैयद ने समाज में एक क्रांति उत्पन्न कर दी, जिसने भारतीय समाज को सभी क्षेत्रों में बदल कर रख दिया. वे एक गतिशील और बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे, जिन्होंने शिक्षा, धर्म, संस्कृति, पत्रकारिता, साहित्य, समाज सुधार, अर्थशास्त्र और राजनीति जैसे विविध विषयों पर बड़ी संख्या में किताबें लिखीं. कुलपति ने कहा कि एएमयू सर सैयद के पद चिह्नों पर चलते हुए सांप्रदायिक सद्भाव और आपसी सह-अस्तित्व का एक मॉडल संस्थान है.
इस संस्था के दरवाजे धर्म, जाति या पंथ के आधार पर बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए खुले हैं. गवर्नर मलिक और प्रोफेसर मंसूर ने प्रतिष्ठित इतिहासकार और प्रख्यात लेखक डॉ. गेल मिनौ और अंजुमन-ए-इस्लाम, मुम्बई को क्रमशः अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया. डॉ. गेल मिनौ को प्रशस्ति पत्र और दो लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिला. अंजुमन-ए-इस्लाम को प्रशस्ति पत्र के साथ एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया. एएमयू के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने पुरस्कार पाने वालों के लिए प्रशंसा पत्र पढ़े.
आध्यात्मिक गुरु ने सेंटेनरी गेट का किया उद्घाटन
एएमयू के अप्लाइड केमिस्ट्री विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. इनामुद्दीन को विज्ञान, जीवन विज्ञान, इंजीनियरिंग, चिकित्सा और यूनानी चिकित्सा श्रेणी में एएमयू यंग रिसर्चर ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया. उन्हें पुरस्कार स्वरूप 50 हजार रुपये नकद प्रदान किए गए. बाद में शाम को चांसलर एवं आध्यात्मिक गुरू सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ने ऑनलाइन माध्यम से विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष की यादगार के रूप में एएमयू कैंपस के उत्तरी भाग में निर्मित सेंटेनरी गेट का उद्घाटन किया.
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