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कल्याण सिंह का त्रयोदशी संस्कार आज, सीएम योगी समेत कई बड़े नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

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Published : Sep 1, 2021, 3:51 PM IST

Updated : Sep 1, 2021, 5:19 PM IST

उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और राजस्थान, हिमाचल प्रदेश के गवर्नर रहे भाजपा के कद्दावर नेता कल्याण सिंह के गृह जनपद अलीगढ़ में आज त्रयोदशी संस्कार का आयोजन किया गया है. इस मौके पर सीएम योगी, यूपी के दोनों डिप्टी सीएम, उत्तराखंड की राज्यपाल, राजस्थान के गवर्नर समेत कई बड़े नेताओं ने दिवंगत नेता कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की.

सीएम योगी ने कल्याण सिंह को दी श्रद्धांजलि
सीएम योगी ने कल्याण सिंह को दी श्रद्धांजलि

अलीगढ़: कल्याण सिंह को गुजरे 12 दिन हो चुके हैं. उनके गृह जनपद में आज त्रयोदशी संस्कार का आयोजन किया गया है. त्रयोदशी संस्कार में लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो चुका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम अलीगढ़ के केएमबी इंटर कॉलेज पहुंचे और कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि दी. इनके अलावा त्रयोदशी संस्कार में उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, राजस्थान के गवर्नर कलराज मिश्र, सूर्य प्रताप शाही, साक्षी महाराज, सुनील बंसल, सुरेश राणा पहुंच चुके हैं.

कल्याण सिंह ने अपने लिए नहीं देश के लिए जीने का संकल्प लिया था

मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के त्रयोदशी संस्कार में शामिल होने पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के उपरांत कहा कि हजारों वर्ष के सपनों को पूरा करने के लिए स्वर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अपने दायित्वों का निर्वहन बखूबी किया. उन्होंने राम जन्मभूमि निर्माण के लिए विवादित ढांचे के विध्वंस की नैतिक जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था. उनके त्याग और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. बाबू कल्याण सिंह ने अपने लिए नहीं देश के लिए, समाज के लिए समर्पित होकर जीवन जीने का संकल्प लिया था. उन्होंने उसे जीवन पर्यंत इसका निर्वहन किया. यही कारण है कि चाहे उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जन संघ, भारतीय जनता पार्टी में संगठन और सरकार चलाने की जिम्मेदारी दी गयी थी. उन्होंने अपने दायित्वों का पूर्ण निर्भीकता, ईमानदारी के साथ समर्पित होकर निर्वहन किया. उन्होंने 1992 में राम जन्मभूमि निर्माण के लिए विवादित ढांचे को ढहने के उपरांत भी बिना किसी हिचक के उसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से त्यागपत्र देकर त्याग की भावना का परिचय दिया.

कल्याण सिंह के त्रयोदशी संस्कार में पहुंचे सीएम योगी.

लखनऊ के कैंसर मेडिकल कॉलेज का नाम स्वर्गीय कल्याण सिंह के नाम पर होगा

उत्तर प्रदेश के अंदर भयमुक्त और भ्रष्टाचारमुक्त शासन व्यवस्था को स्थापित करने का कार्य किया. दलित, गरीब, पिछड़े, मजदूरों के लिए समाज के हर तबके के हित के लिए कार्य किया. शासन की योजनाओं को लागू कर उन्होंने मूर्त रूप दिया. चाहे प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में, मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने सुशासन चलाया. प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा वह राजस्थान और हिमाचल के राज्यपाल भी रहे. उन्होंने राज्यपाल रहते हुए भी अपने कार्य को कर्तव्यनिष्ठा से निभाया. बाबूजी राम मंदिर निर्माण के अगुआ हैं और यह कार्य उन्होंने अपने जीवित रहते हुए देखा है. सीएम ने कहा कि जो संघर्ष रामजन्म भूमि के लिए हुआ था, वह उस संघर्ष के योद्धा थे. योगी जी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण में बाबूजी अग्रिम पंक्ति के योद्धा थे, उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना सर्वस्व समर्पंण कर दिया. उनकी सादगी, उनका समर्पण शासकीय रूप से दृढ़ता, दृढ़ निश्चय के साथ समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति तक विकास कार्य को पहुंचाया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि भारतीय जनता पार्टी ने निर्णय लिया है कि लखनऊ में राष्ट्रीय कैंसर मेडिकल कॉलेज का नाम स्वर्गीय कल्याण सिंह कैंसर मेडिकल कॉलेज और बुलंदशहर में स्थापित हो रहे मेडिकल कॉलेज का नाम कल्याण सिंह मेडिकल कॉलेज के नाम पर रखा जायेगा. इसके अलावा कुछ अन्य संस्थानों का नाम बाबूजी कल्याण सिंह के नाम पर रखने पर विचार किया जा रहा है.

सीएम योगी ने कल्याण सिंह को दी श्रद्धांजलि

कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने की सोच रखते थे कल्याण

इस मौके पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कल्याण सिंह कविता भी करते थे. हर क्षेत्र में उनका योगदान है. उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह के न रहने से मन बड़ा व्यथित है. राजस्थान का राज्यपाल रहते हुए उन्होंने विशेष छाप छोड़ी थी. कलराज मिश्र ने कहा कि राज्यपाल बनने से पहले उनका आशीर्वाद मिला था. उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह के सपनों को पूरा करने का निर्णय किया है, यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी. उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि कल्याण सिंह प्रखर बुद्धि के व्यक्ति थे. जो बात ठान लेते थे उसे पूरा करते थे. वह कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने की सोच रखते थे. उनके न रहने से मन बहुत दुखी है. इस दुःख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़े हैं.

राम मंदिर बनने का श्रेय कल्याण सिंह को जाता है

इस दौरान भाजपा के संगठन मंत्री सुनील बंसल ने कहा कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता उनको श्रद्धांजलि दे रहे हैं. उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि अयोध्या में जो आज मंदिर बन रहा है, इसका श्रेय कल्याण सिंह को जाता है. यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि कल्याण सिंह विराट व्यक्तित्व के धनी थे, उनसे आत्मीय संबंध रहा है. उन्होंने कहा कि मैं 1982 में उनके संपर्क में आया था, तब देवरिया में उन्होंने पहला दौरा कराया था, तभी से उनका स्नेह मिलता रहा है. उनके न रहने से देश और समाज को क्षति हुई है. राम जन्म भूमि के प्रति उनका बड़ा समर्पण था और अयोध्या में गोली नहीं चलाने का भी संकल्प उन्होंने पूरा किया.

इसे भी पढ़ें- यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन, एसजीपीजीआई में थे भर्ती

लखनऊ के एसजीपीजीआई में हुआ था देहांत

बता दें कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का 21 अगस्त को देर शाम निधन हो गया था. वह सांस की समस्या से पीड़ित थे. राजधानी के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में उनका इलाज चल रहा था.

बीते साल सितंबर माह में उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी. जिसके बाद उन्हें पीजीआई लखनऊ में भर्ती कराया गया था. यहां इलाज के कुछ दिन बाद कल्याण सिंह को गाजियाबाद के कौशाम्बी यशोदा हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया था. अक्टूबर 2020 में कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था और वे घर आ गए थे. 3 जुलाई 2021 को हालत बिगड़ने पर कल्याण सिंह को लोहिया संस्थान में दोबारा भर्ती कराया गया था.

इसे भी पढ़ें- इधर भोजन कर रहे थे कल्याण, उधर कारसेवकों ने कर दी बाबरी पर चढ़ाई... पढ़ें पूरी दास्तां

आईसीयू में चल रहा था इलाज

लोहिया संस्थान में जांच के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री में अनियंत्रित ब्लड शुगर, एक्यूट बैक्टीरियल इंफेक्शन की शिकायत पाई गई थी. उनके शरीर में सूजन और संक्रमण मिला था. मस्तिष्क के सीटी स्कैन में खून का थक्का भी पाया गया. इसके अलावा माइनर हार्ट अटैक भी लक्षण पाए गए थे. इसके बाद उन्हें लोहिया संस्थान से 4 जुलाई 2021 को उन्हें एसजीपीजीआई शिफ्ट किया गया था. एसजीपीजीआई में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के आईसीयू में उनका इलाज चल रहा था. 19 जुलाई 2021 को कल्याण सिंह की हालत गंभीर होने पर अस्पताल प्रशासन ने परिवार के लोगों को भी अस्पताल बुला लिया गया था.

इसे भी पढ़ें- जब कल्याण सिंह पहली बार स्वास्थ्य मंत्री बने थे, तब उनके घर में दरवाजे नहीं थे

पीएम मोदी ने भी ली थी सेहत की जानकारी

इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह समेत कई नेताओं ने मुलाकात कर उनका हालचाल लिया था. 20 जुलाई 2021 को उन्हें देखने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी पहुंची थी. इसके अगले दिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी उनका हाल जानने एसजीपीजीआई सीएम योगी के साथ पहुंचे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कल्याण सिंह की सेहत की जानकारी ले रहे थे. सीएम योगी हर दूसरे दिन पीजीआई अस्पताल पहुंचकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे थे. वे पिछले 52 दिन से वेंटीलेटर पर थे. बीच में उनके किडनी फंक्शन में बीच में कुछ सुधार आया था, लेकिन एक बार फिर उनकी हालत बेहद नाजुक हो गई थी. निदेशक डॉक्टर आर के धीमान के मुताबिक, उनकी हालत गम्भीर थी. संक्रमण के चलते उनके फेफड़े का फंक्शन बिगड़ गया था. किडनी काम न करने से डायलिसिस भी की जा रही थी.

अलीगढ़: कल्याण सिंह को गुजरे 12 दिन हो चुके हैं. उनके गृह जनपद में आज त्रयोदशी संस्कार का आयोजन किया गया है. त्रयोदशी संस्कार में लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो चुका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम अलीगढ़ के केएमबी इंटर कॉलेज पहुंचे और कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि दी. इनके अलावा त्रयोदशी संस्कार में उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, राजस्थान के गवर्नर कलराज मिश्र, सूर्य प्रताप शाही, साक्षी महाराज, सुनील बंसल, सुरेश राणा पहुंच चुके हैं.

कल्याण सिंह ने अपने लिए नहीं देश के लिए जीने का संकल्प लिया था

मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के त्रयोदशी संस्कार में शामिल होने पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के उपरांत कहा कि हजारों वर्ष के सपनों को पूरा करने के लिए स्वर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अपने दायित्वों का निर्वहन बखूबी किया. उन्होंने राम जन्मभूमि निर्माण के लिए विवादित ढांचे के विध्वंस की नैतिक जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था. उनके त्याग और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. बाबू कल्याण सिंह ने अपने लिए नहीं देश के लिए, समाज के लिए समर्पित होकर जीवन जीने का संकल्प लिया था. उन्होंने उसे जीवन पर्यंत इसका निर्वहन किया. यही कारण है कि चाहे उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जन संघ, भारतीय जनता पार्टी में संगठन और सरकार चलाने की जिम्मेदारी दी गयी थी. उन्होंने अपने दायित्वों का पूर्ण निर्भीकता, ईमानदारी के साथ समर्पित होकर निर्वहन किया. उन्होंने 1992 में राम जन्मभूमि निर्माण के लिए विवादित ढांचे को ढहने के उपरांत भी बिना किसी हिचक के उसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से त्यागपत्र देकर त्याग की भावना का परिचय दिया.

कल्याण सिंह के त्रयोदशी संस्कार में पहुंचे सीएम योगी.

लखनऊ के कैंसर मेडिकल कॉलेज का नाम स्वर्गीय कल्याण सिंह के नाम पर होगा

उत्तर प्रदेश के अंदर भयमुक्त और भ्रष्टाचारमुक्त शासन व्यवस्था को स्थापित करने का कार्य किया. दलित, गरीब, पिछड़े, मजदूरों के लिए समाज के हर तबके के हित के लिए कार्य किया. शासन की योजनाओं को लागू कर उन्होंने मूर्त रूप दिया. चाहे प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में, मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने सुशासन चलाया. प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा वह राजस्थान और हिमाचल के राज्यपाल भी रहे. उन्होंने राज्यपाल रहते हुए भी अपने कार्य को कर्तव्यनिष्ठा से निभाया. बाबूजी राम मंदिर निर्माण के अगुआ हैं और यह कार्य उन्होंने अपने जीवित रहते हुए देखा है. सीएम ने कहा कि जो संघर्ष रामजन्म भूमि के लिए हुआ था, वह उस संघर्ष के योद्धा थे. योगी जी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण में बाबूजी अग्रिम पंक्ति के योद्धा थे, उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना सर्वस्व समर्पंण कर दिया. उनकी सादगी, उनका समर्पण शासकीय रूप से दृढ़ता, दृढ़ निश्चय के साथ समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति तक विकास कार्य को पहुंचाया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि भारतीय जनता पार्टी ने निर्णय लिया है कि लखनऊ में राष्ट्रीय कैंसर मेडिकल कॉलेज का नाम स्वर्गीय कल्याण सिंह कैंसर मेडिकल कॉलेज और बुलंदशहर में स्थापित हो रहे मेडिकल कॉलेज का नाम कल्याण सिंह मेडिकल कॉलेज के नाम पर रखा जायेगा. इसके अलावा कुछ अन्य संस्थानों का नाम बाबूजी कल्याण सिंह के नाम पर रखने पर विचार किया जा रहा है.

सीएम योगी ने कल्याण सिंह को दी श्रद्धांजलि

कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने की सोच रखते थे कल्याण

इस मौके पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कल्याण सिंह कविता भी करते थे. हर क्षेत्र में उनका योगदान है. उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह के न रहने से मन बड़ा व्यथित है. राजस्थान का राज्यपाल रहते हुए उन्होंने विशेष छाप छोड़ी थी. कलराज मिश्र ने कहा कि राज्यपाल बनने से पहले उनका आशीर्वाद मिला था. उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह के सपनों को पूरा करने का निर्णय किया है, यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी. उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि कल्याण सिंह प्रखर बुद्धि के व्यक्ति थे. जो बात ठान लेते थे उसे पूरा करते थे. वह कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने की सोच रखते थे. उनके न रहने से मन बहुत दुखी है. इस दुःख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़े हैं.

राम मंदिर बनने का श्रेय कल्याण सिंह को जाता है

इस दौरान भाजपा के संगठन मंत्री सुनील बंसल ने कहा कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता उनको श्रद्धांजलि दे रहे हैं. उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि अयोध्या में जो आज मंदिर बन रहा है, इसका श्रेय कल्याण सिंह को जाता है. यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि कल्याण सिंह विराट व्यक्तित्व के धनी थे, उनसे आत्मीय संबंध रहा है. उन्होंने कहा कि मैं 1982 में उनके संपर्क में आया था, तब देवरिया में उन्होंने पहला दौरा कराया था, तभी से उनका स्नेह मिलता रहा है. उनके न रहने से देश और समाज को क्षति हुई है. राम जन्म भूमि के प्रति उनका बड़ा समर्पण था और अयोध्या में गोली नहीं चलाने का भी संकल्प उन्होंने पूरा किया.

इसे भी पढ़ें- यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन, एसजीपीजीआई में थे भर्ती

लखनऊ के एसजीपीजीआई में हुआ था देहांत

बता दें कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का 21 अगस्त को देर शाम निधन हो गया था. वह सांस की समस्या से पीड़ित थे. राजधानी के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में उनका इलाज चल रहा था.

बीते साल सितंबर माह में उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी. जिसके बाद उन्हें पीजीआई लखनऊ में भर्ती कराया गया था. यहां इलाज के कुछ दिन बाद कल्याण सिंह को गाजियाबाद के कौशाम्बी यशोदा हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया था. अक्टूबर 2020 में कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था और वे घर आ गए थे. 3 जुलाई 2021 को हालत बिगड़ने पर कल्याण सिंह को लोहिया संस्थान में दोबारा भर्ती कराया गया था.

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आईसीयू में चल रहा था इलाज

लोहिया संस्थान में जांच के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री में अनियंत्रित ब्लड शुगर, एक्यूट बैक्टीरियल इंफेक्शन की शिकायत पाई गई थी. उनके शरीर में सूजन और संक्रमण मिला था. मस्तिष्क के सीटी स्कैन में खून का थक्का भी पाया गया. इसके अलावा माइनर हार्ट अटैक भी लक्षण पाए गए थे. इसके बाद उन्हें लोहिया संस्थान से 4 जुलाई 2021 को उन्हें एसजीपीजीआई शिफ्ट किया गया था. एसजीपीजीआई में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के आईसीयू में उनका इलाज चल रहा था. 19 जुलाई 2021 को कल्याण सिंह की हालत गंभीर होने पर अस्पताल प्रशासन ने परिवार के लोगों को भी अस्पताल बुला लिया गया था.

इसे भी पढ़ें- जब कल्याण सिंह पहली बार स्वास्थ्य मंत्री बने थे, तब उनके घर में दरवाजे नहीं थे

पीएम मोदी ने भी ली थी सेहत की जानकारी

इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह समेत कई नेताओं ने मुलाकात कर उनका हालचाल लिया था. 20 जुलाई 2021 को उन्हें देखने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी पहुंची थी. इसके अगले दिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी उनका हाल जानने एसजीपीजीआई सीएम योगी के साथ पहुंचे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कल्याण सिंह की सेहत की जानकारी ले रहे थे. सीएम योगी हर दूसरे दिन पीजीआई अस्पताल पहुंचकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे थे. वे पिछले 52 दिन से वेंटीलेटर पर थे. बीच में उनके किडनी फंक्शन में बीच में कुछ सुधार आया था, लेकिन एक बार फिर उनकी हालत बेहद नाजुक हो गई थी. निदेशक डॉक्टर आर के धीमान के मुताबिक, उनकी हालत गम्भीर थी. संक्रमण के चलते उनके फेफड़े का फंक्शन बिगड़ गया था. किडनी काम न करने से डायलिसिस भी की जा रही थी.

Last Updated : Sep 1, 2021, 5:19 PM IST
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