अलीगढ़: हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती (डॉ. पूजा शकुन पाण्डे) की अग्रिम जमानत को अलीगढ़ सत्र न्यायाधीश ने मंजूर कर लिया है. दरअसल, महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती ने जुमे की नमाज के दौरान होने वाली भीड़ पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी और इसको लेकर के जिला प्रशासन को भी ज्ञापन सौंपा था. इस दौरान उन्होंने अपने खून से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी लिखा था.
उन्होंने मांग की थी कि जुमे के दिन इबादत के नाम पर जो मस्जिदों में भीड़ होती है. उस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएं. उन्होंने जुमे के दिन नमाज के बाद होने वाले उपद्रव का भी जिक्र अपने ज्ञापन में किया था. महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती ने कानपुर में हुए जुमे के दंगे के बाद राष्ट्रपति को खून से पत्र लिखा था. इस घटना को लेकर मजिस्ट्रेट ने नोटिस दिया था. वहीं, थाना गांधी पार्क पुलिस ने महामंडलेश्वर पर धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था. महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर दो समुदायों के बीच सौहार्द पर प्रभाव डालने, धार्मिक विश्वास का अपमान करने व धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया.
महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती की तरफ से अग्रिम जमानत के लिए सत्र न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया था. इस मामले में पुलिस महामंडलेश्वर को गिरफ्तार करने के प्रयासरत में थी. महामंडलेश्वर की तरफ से अधिवक्ता प्रदीप माहेश्वरी ने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया.
प्रदीप माहेश्वरी की तरफ से कोर्ट में तर्क दिया गया कि महामंडलेश्वर को केवल राजनीतिक द्वेष भावना के तहत रंजिशन झूठा फंसाया गया है. महामंडलेश्वर कानून का पालन करने वाली संभ्रांत महिला हैं. जबकि दो समुदायों के मध्य सौहार्द, राष्ट्रीय एकता, अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के मुकदमे षड्यंत्र के तहत किया गया. अन्नपूर्णा भारती का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. सत्र न्यायाधीश ने अग्रिम जमानत पर रिहा किए जाने के पर्याप्त आधार पाए. साथ ही 75 हजार रुपये के व्यक्तिगत बॉन्ड पर महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती को अग्रिम जमानत दे दी.
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