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महानगर महिला सभा अध्यक्ष पद से हटाये जाने पर भड़कीं रुबीना खानम, पूछाः SP में सभी धर्मों की भलाई के लिए बात करना अनुशानहीनता है क्या? - Rubina Khanum statement

समाजवादी महिला सभा की महानगर अध्यक्ष रुबीना खानम को अनुशासनहीनता के आरोप में पद से हटा दिया गया है. बता दें कि पिछले दिनों रुबीना ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एक बयान जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर ज्ञानवापी मंदिर है तो मुस्लिम धर्म गुरु स्वेच्छा से हिंदुओं को सौंप दें.

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रुबीना खानम
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Published : May 21, 2022, 6:06 PM IST

Updated : May 21, 2022, 8:56 PM IST

अलीगढ़: सपा प्रमुख अखिलेश यादव के आदेश के बाद अलीगढ़ महिला महानगर अध्यक्ष रुबीना खानम को अनुशासनहीनता के आरोप में पद से हटा दिया गया है. वहीं, अब इस मामले में रुबीना खानम ने सपा मुखिया पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी होने का इनाम मुझे मिल चुका है. अगर मैं पार्टी के मुताबिक बोलती तो अनुशासनहीनता नहीं थी. लेकिन जब मैंने सभी धर्मों के सम्मान की बात कही तो मुझे सपा पार्टी के पद से मुक्त कर दिया गया. क्या सभी धर्मों की भलाई के लिए बात करना अनुशानहीनता है?

सपा से पदमुक्त होने के बाद समाजवादी महिला सभा की पूर्व महानगर अध्यक्ष रुबीना खानम ने एक वीडियो जारी करते हुए सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राष्ट्र हित, मुसलमानों और हिंदुओं के धर्म का सम्मान करना, आस्थाओं का सम्मान करते हुए अपनी बात कहना अगर अनुशासनहीनता में आता है तो ऐसी अनुशासनहीनता मैं बार-बार करना चाहूंगी. उन्होंने कहा कि अब समाजवादी पार्टी में रहने का मेरा कोई मतलब नहीं है. आज पद से हटाया है. कल पार्टी से निकालेगी. उन्होंने कहा कि मैं ऐसी पार्टी में खुद नहीं रहना चाहती, जहां मैं सच नहीं बोल सकती. हिंदू भाइयों की बात नहीं कर सकती.

रुबीना खानम का बयान

बता दें कि समाजवादी महिला सभा की महानगर अध्यक्ष को अनुशासनहीनता के आरोप में पद से हटा दिया गया है. बताया जा रहा है कि रुबीना खानम ने हिजाब, लाउडस्पीकर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एक बयान जारी किया था, जिसके चलते वह चर्चा का विषय बन गई थी. उन्होंने कहा था कि अगर ज्ञानवापी मंदिर है तो मुस्लिम धर्म गुरु स्वेच्छा से हिंदुओं को सौंप दें. उनके बयान के बाद आलम यह था कि सोशल मीडिया पर एक तरफ पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव का बयान दिखाया जा रहा था तो दूसरी ओर रुबीना खान का बयान भी सोशल मीडिया पर छाया हुआ था.

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सपा ने पत्र जारी किया

दरअसल दो दिन पहले ही सपा नेत्री रुबीना खानम का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसमें उन्होंने कहा था कि अगर ज्ञानवापी मंदिर है तो मुस्लिम धर्म गुरु स्वेच्छा से हिंदुओं को सौंप दें. इतना ही नहीं इससे पहले भी उन्होंने हिजाब और लाउडस्पीकर विषय पर बयान देते हुए हिजाब पर हाथ लगाने वालों के हाथ काटने की भी धमकी दी थी. साथ ही मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर मंदिर के सामने कुरान पढ़ने के मामले में रुबीना खानम पर केस भी दर्ज हो चुका है.

यह भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी: 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म का आरोपी मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार

गौरतलब है कि रुबीना खानम के बयान से समाजवादी पार्टी असहज है. इसी चलते अखिलेश यादव की स्वीकृति से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने रुबीना खानम को समाजवादी महिला सभा की महानगर अध्यक्ष से पद मुक्त कर दिया है. इसके संबंध में पार्टी द्वारा एक पत्र भी जारी किया गया है, जिसमें अनुशासनहीनता के आरोप में रुबीना को महानगर अध्यक्ष पद से हटाने की बात कही गई है.

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अलीगढ़: सपा प्रमुख अखिलेश यादव के आदेश के बाद अलीगढ़ महिला महानगर अध्यक्ष रुबीना खानम को अनुशासनहीनता के आरोप में पद से हटा दिया गया है. वहीं, अब इस मामले में रुबीना खानम ने सपा मुखिया पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी होने का इनाम मुझे मिल चुका है. अगर मैं पार्टी के मुताबिक बोलती तो अनुशासनहीनता नहीं थी. लेकिन जब मैंने सभी धर्मों के सम्मान की बात कही तो मुझे सपा पार्टी के पद से मुक्त कर दिया गया. क्या सभी धर्मों की भलाई के लिए बात करना अनुशानहीनता है?

सपा से पदमुक्त होने के बाद समाजवादी महिला सभा की पूर्व महानगर अध्यक्ष रुबीना खानम ने एक वीडियो जारी करते हुए सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राष्ट्र हित, मुसलमानों और हिंदुओं के धर्म का सम्मान करना, आस्थाओं का सम्मान करते हुए अपनी बात कहना अगर अनुशासनहीनता में आता है तो ऐसी अनुशासनहीनता मैं बार-बार करना चाहूंगी. उन्होंने कहा कि अब समाजवादी पार्टी में रहने का मेरा कोई मतलब नहीं है. आज पद से हटाया है. कल पार्टी से निकालेगी. उन्होंने कहा कि मैं ऐसी पार्टी में खुद नहीं रहना चाहती, जहां मैं सच नहीं बोल सकती. हिंदू भाइयों की बात नहीं कर सकती.

रुबीना खानम का बयान

बता दें कि समाजवादी महिला सभा की महानगर अध्यक्ष को अनुशासनहीनता के आरोप में पद से हटा दिया गया है. बताया जा रहा है कि रुबीना खानम ने हिजाब, लाउडस्पीकर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एक बयान जारी किया था, जिसके चलते वह चर्चा का विषय बन गई थी. उन्होंने कहा था कि अगर ज्ञानवापी मंदिर है तो मुस्लिम धर्म गुरु स्वेच्छा से हिंदुओं को सौंप दें. उनके बयान के बाद आलम यह था कि सोशल मीडिया पर एक तरफ पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव का बयान दिखाया जा रहा था तो दूसरी ओर रुबीना खान का बयान भी सोशल मीडिया पर छाया हुआ था.

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सपा ने पत्र जारी किया

दरअसल दो दिन पहले ही सपा नेत्री रुबीना खानम का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसमें उन्होंने कहा था कि अगर ज्ञानवापी मंदिर है तो मुस्लिम धर्म गुरु स्वेच्छा से हिंदुओं को सौंप दें. इतना ही नहीं इससे पहले भी उन्होंने हिजाब और लाउडस्पीकर विषय पर बयान देते हुए हिजाब पर हाथ लगाने वालों के हाथ काटने की भी धमकी दी थी. साथ ही मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर मंदिर के सामने कुरान पढ़ने के मामले में रुबीना खानम पर केस भी दर्ज हो चुका है.

यह भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी: 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म का आरोपी मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार

गौरतलब है कि रुबीना खानम के बयान से समाजवादी पार्टी असहज है. इसी चलते अखिलेश यादव की स्वीकृति से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने रुबीना खानम को समाजवादी महिला सभा की महानगर अध्यक्ष से पद मुक्त कर दिया है. इसके संबंध में पार्टी द्वारा एक पत्र भी जारी किया गया है, जिसमें अनुशासनहीनता के आरोप में रुबीना को महानगर अध्यक्ष पद से हटाने की बात कही गई है.

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Last Updated : May 21, 2022, 8:56 PM IST
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