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अलीगढ़: एनएमसी बिल के विरोध में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में कई दिनों से चल रहा जूनियर डॉक्टरों का अनिश्चिकालीन हड़ताल शनिवार को भी जारी रहा. ये डॉक्टर एनएमसी बिल के विरोध में हड़ताल पर हैं.

एनएमसी बिल के विरोध में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल.
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Published : Aug 3, 2019, 8:18 PM IST

अलीगढ़: एनएमसी बिल के विरोध में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर तीसरे दिन भी हड़ताल पर रहे. इसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल का हवाला देकर सुरक्षाकर्मी भी गेट से ही मरीजों को लौटा रहे हैं. एनएमसी बिल के विरोध में गुरुवार से ही जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. इसकी वजह से इमरजेंसी सेवाएं ठप हैं. पूरे देश भर में डॉक्टर एनएमसी बिल का विरोध कर रहे हैं. बिल को जनविरोधी बताया जा रहा है.

एनएमसी बिल के विरोध में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल.

एनएमसी बिल के विरोध में जूनियर डॉक्टर-

  • जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि मध्यमवर्ग परिवार के लिए यह बिल घातक है.
  • डॉक्टरी की पढ़ाई मंहगी हो जाएगी, नेशनल एग्जिट एग्जाम को लाइसेंस के लिए पास करना ठीक था.
  • पीजी सीट और प्रैक्टिस का लाइसेंस देना बिल्कुल अनुचित है.
  • डॉक्टरों का कहना है कि सरकार को सुधार करना है तो एमबीबीएस और पीजी की सीटें बढ़ाएं, न कि ब्रिज कोर्स लागू करें.
  • बीएससी नर्सिंग में 6 महीने का कोर्स करने वाले को एलोपैथिक की प्रैक्टिस के लिए अनुमति दे रहे हैं.
  • इनका कहना है कि 6 साल पढाई कर आने वाला एमबीबीएस डॉक्टर क्या करेगा.

डॉक्टरों का कहना है कि एनएमसी बिल राज्यसभा में पास हो गया है. एनएमसी बिल से प्राइवेटाइजेशन बढ़ेगा. फीस बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि पूरे देश में आईएमए, ऐम्स, सफदरगंज सहित कई अस्पतालों में डॉक्टर बिल के खिलाफ हड़ताल पर हैं.

अलीगढ़: एनएमसी बिल के विरोध में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर तीसरे दिन भी हड़ताल पर रहे. इसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल का हवाला देकर सुरक्षाकर्मी भी गेट से ही मरीजों को लौटा रहे हैं. एनएमसी बिल के विरोध में गुरुवार से ही जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. इसकी वजह से इमरजेंसी सेवाएं ठप हैं. पूरे देश भर में डॉक्टर एनएमसी बिल का विरोध कर रहे हैं. बिल को जनविरोधी बताया जा रहा है.

एनएमसी बिल के विरोध में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल.

एनएमसी बिल के विरोध में जूनियर डॉक्टर-

  • जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि मध्यमवर्ग परिवार के लिए यह बिल घातक है.
  • डॉक्टरी की पढ़ाई मंहगी हो जाएगी, नेशनल एग्जिट एग्जाम को लाइसेंस के लिए पास करना ठीक था.
  • पीजी सीट और प्रैक्टिस का लाइसेंस देना बिल्कुल अनुचित है.
  • डॉक्टरों का कहना है कि सरकार को सुधार करना है तो एमबीबीएस और पीजी की सीटें बढ़ाएं, न कि ब्रिज कोर्स लागू करें.
  • बीएससी नर्सिंग में 6 महीने का कोर्स करने वाले को एलोपैथिक की प्रैक्टिस के लिए अनुमति दे रहे हैं.
  • इनका कहना है कि 6 साल पढाई कर आने वाला एमबीबीएस डॉक्टर क्या करेगा.

डॉक्टरों का कहना है कि एनएमसी बिल राज्यसभा में पास हो गया है. एनएमसी बिल से प्राइवेटाइजेशन बढ़ेगा. फीस बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि पूरे देश में आईएमए, ऐम्स, सफदरगंज सहित कई अस्पतालों में डॉक्टर बिल के खिलाफ हड़ताल पर हैं.

Intro:अलीगढ़ : एनएमसी बिल के विरोध में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर तीसरे दिन भी हड़ताल पर रहे. इसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल का हवाला देकर सुरक्षाकर्मी भी गेट से ही मरीजों को लौटा रहे हैं. एनएमसी बिल के विरोध में गुरुवार से ही जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. इसकी वजह से इमरजेंसी सेवाएं ठप है. मेडिकल में पहुंचने वाले मरीजों को वापस किया जा रहा है. पूरे देश भर में डॉक्टर एनएमसी बिल का विरोध कर रहे हैं. बिल को जनविरोधी बताया जा रहा है. 





Body:जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि मध्यमवर्ग परिवार के लिए यह बिल घातक है. क्योंकि डॉक्टरी की पढ़ाई मंहगी हो जाएगी. नेशनल एग्जिट एग्जाम को लाइसेंस के लिए पास करना ठीक था लेकिन इसी के आधार पर पीजी सीट व प्रैक्टिस का लाइसेंस देना बिल्कुल अनुचित है. डॉक्टरों का कहना है कि सरकार को सुधार करना है तो एमबीबीएस व पीजी की सीटें बढ़ाएं. ना कि ब्रिज कोर्स लागू करें. बीएससी नर्सिंग में 6 महीने का कोर्स करने वाले को एलोपैथिक की प्रैक्टिस के लिए अनुमति दे रहे हैं तो 6 साल पढाई कर आने वाला एमबीबीएस डॉक्टर क्या करेगा. यह बिल  झोलाछाप को बढ़ावा देगा.  सरकार को चाहिए कि सुधार के लिए एमबीबीएस व पीजी की सीटें बढ़ाए. डा अब्दुला आजमी ने बताया कि एनएमसी बिल राज्यसभा में पास हो गया है. एनएमसी बिल से प्राइवेटाइजेशन बढ़ेगा. फीस बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि पूरे देश में आईएमए, ऐम्स, सफदरगंज सहित कई अस्पतालों में डॉक्टर बिल के खिलाफ हड़ताल पर हैं. वहीं मरीजों की परेशानी का जिम्मेदार सरकार को ठहराया है. आम आदमी के लिए स्वास्थ्य महंगा होगा. इसके खिलाफ डाक्टर लड़ हैं.


Conclusion: डॉक्टर सादमा शाहीन ने बताया एनएमसी बिल के खिलाफ डॉक्टर एकजुट है. इस बिल को एमसीआई के बदले लाए हैं. इसमें गरीब का बच्चा जो डॉक्टर बनने का सपना रखता है वह पूरा नहीं हो पाएगा. इसमें प्राइवेटाइजेशन को बढ़ावा दिया गया है. प्राइवेट कॉलेजों को एमबीबीएस सीट पर पूरा कब्जा मिल रहा है. जिससे डॉक्टरी करना महंगा हो जाएगा. गरीबों को ध्यान में रखकर बिल को बनाना चाहिए था. डॉ  जैनुलअबादीन ने कहा की यह बिल मरीजों के अनुकूल नहीं है. यहां झोलाछाप को 6 महीने में ब्रिज कोर्स करा कर एलोपैथिक दवा देने के योग्य बनाएंगे. सरकार को चाहिए कि एमबीबीएस की सीटें बढ़ाए. 6 महीने का ब्रिज कोर्स करने वाले मरीज को मिस सैंडल करेगा. और बाद में एमबीबीएस को ही सेवा देनी पड़ेगी. सरकार को डॉक्टरों की बहुत जरूरत है तो उन्हें एमबीबीएस की सीट बढ़ानी चाहिए. जैनुल अबादीन ने कहा कि क्वालिटी वाले डॉक्टर बनाए जाने की जरूरत है.

बाइट - डा अब्दुला आजमी, प्रेसीडेंट, जेएन मेडिकल कालेज, अलीगढ़
बाइट - डॉक्टर सादमा शाहीन , जूनियर डाक्टर
 बाइट - डॉ  जैनुलअबादीन , जूनियर डाक्टर

आलोक सिंह, अलीगढ़
9837830535


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