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AMU में शिक्षकों की कोरोना से हुई मौत पर मेडिकल प्रशासन ने दी सफाई - अलीगढ़ समाचार

कोविड-19 का कहर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर कहर बनकर टूटा है. अब तक यूनिवर्सिटी के 18 फैकल्टी मेंबर्स संक्रमण की वजह से जान गंवा चुके हैं. ये स्पष्टीकरण मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से दिया गया है. हालांकि सोशल मीडिया पर बताये जा रहे आंकड़ों का जेएनएमसी ने खंडन किया है.

एएमयू  के 18 फैकल्टी मेंबर्स की कोरोना संक्रमण से मौत.
एएमयू के 18 फैकल्टी मेंबर्स की कोरोना संक्रमण से मौत.
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Published : May 11, 2021, 6:28 AM IST

अलीगढ़: एएमयू स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और प्रिंसिपल प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी ने एएमयू में अब तक हुई शिक्षकों की मौत से संबंधित सोशल मीडिया पर बताये जा रहे आंकड़ों का खंडन किया है. कोविड-19 की दूसरी लहर की शुरुआत के साथ ही 18 सेवारत शिक्षकों की मौत हो गई. जिनमें से 11 का निधन जेएनएमसी में हुआ. तीन अलीगढ़ के निजी अस्पतालों में और चार की मौत अलीगढ़ के बाहर हुई है. ये स्पष्टीकरण मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से दिया गया है.

महज 18 प्रोफेसरों की मौत स्वीकारी
प्रोफेसर सिद्दीकी ने कहा है कि कोविड की दूसरी लहर में एएमयू में 18 शिक्षकों की मौत हुई है, जिनमें से 15 कोविड या संदिग्ध कोविड मरीज थे. बाकि के तीन शिक्षकों की मौत ब्रेन ट्यूबरकुलोसिस और लिवर की बीमारी (गैर-कोविड कारणों) से हुई है. इसके अलावा 15 कोविड या संदिग्ध कोविड मौत में भी चार अलीगढ़ के बाहर हुई हैं.

इसे भी पढ़ें-AMU में 1.41 करोड़ रुपये की लागत से लगेगा ऑक्सीजन प्लांट


वैक्सीनेशन के लिए कर रहे प्रेरित
प्रोफेसर सिद्दीकी ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पोस्टों में गलत आंकड़ों का उल्लेख किया गया है कि पिछले एक महीने में जिन सेवानिवृत्त फैकल्टी सदस्यों की मृत्यु हुई है, उनका जेएनएमसी में इलाज चल रहा था. प्रोफेसर सिद्दीकी ने स्पष्ट किया है कि इनमें से कई शिक्षक रिटायर्ड थे. प्रोफेसर सिद्दीकी ने कहा है कि जेएनएमसी प्रशासन, उसके डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम 24 घंटे अपनी क्षमता के अनुसार काम कर रही हैं. हमारे कई स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी सेवाएं देते हुए कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं. हम सभी संबंधित विशेषकर एएमयू के कर्मचारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर जल्द से जल्द टीकाकरण करवाने के लिए प्रेरित करते हैं. क्योंकि टीका लगवाए हुए लोगों में मृत्यु की घटना बहुत कम है.

इसे भी पढ़ें-अस्पतालों में लगेंगे लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट और जनरेटर, बजट जारी

कोविड नमूने को ICMR लैब भेजा गया
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भी टीकाकरण केंद्र है और कोविड नियमों और सामाजिक दूरी का पालन करने का आग्रह किया गया है. प्रो. सिद्दीकी ने सभी मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय ने अलीगढ़ में किसी नए कोविड वेरिएंट कि आशंका से जेएनएमसी लैब द्वारा एकत्रित नमूनों की जांच के लिए आईसीएमआर से भी संपर्क किया है, जिससे बीमारी की गंभीरता की जानकारी हो सकेगी.

मृतक AMU कर्मियों के बकाये के तत्काल भुगतान का आदेश
हाल के दिनों में जिन शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारी की मौत हुई है उनके बकाए और पेंशन लाभ का भुगतान उनके परिजनों को शीघ्रता से करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. इस संबंध में जारी एक नोटिस में रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने सभी विभागों और कार्यालयों के प्रमुखों को मृत कर्मचारियों के नाम, पद और अन्य विवरण से संबंधित दस्तावेजों, पेंशन और सेवा पुस्तिका अनुभाग के साथ जल्द से जल्द उपलब्ध कराने को कहा है, ताकि आगे की कार्रवाई तुरंत की जा सके.

अलीगढ़: एएमयू स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और प्रिंसिपल प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी ने एएमयू में अब तक हुई शिक्षकों की मौत से संबंधित सोशल मीडिया पर बताये जा रहे आंकड़ों का खंडन किया है. कोविड-19 की दूसरी लहर की शुरुआत के साथ ही 18 सेवारत शिक्षकों की मौत हो गई. जिनमें से 11 का निधन जेएनएमसी में हुआ. तीन अलीगढ़ के निजी अस्पतालों में और चार की मौत अलीगढ़ के बाहर हुई है. ये स्पष्टीकरण मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से दिया गया है.

महज 18 प्रोफेसरों की मौत स्वीकारी
प्रोफेसर सिद्दीकी ने कहा है कि कोविड की दूसरी लहर में एएमयू में 18 शिक्षकों की मौत हुई है, जिनमें से 15 कोविड या संदिग्ध कोविड मरीज थे. बाकि के तीन शिक्षकों की मौत ब्रेन ट्यूबरकुलोसिस और लिवर की बीमारी (गैर-कोविड कारणों) से हुई है. इसके अलावा 15 कोविड या संदिग्ध कोविड मौत में भी चार अलीगढ़ के बाहर हुई हैं.

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वैक्सीनेशन के लिए कर रहे प्रेरित
प्रोफेसर सिद्दीकी ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पोस्टों में गलत आंकड़ों का उल्लेख किया गया है कि पिछले एक महीने में जिन सेवानिवृत्त फैकल्टी सदस्यों की मृत्यु हुई है, उनका जेएनएमसी में इलाज चल रहा था. प्रोफेसर सिद्दीकी ने स्पष्ट किया है कि इनमें से कई शिक्षक रिटायर्ड थे. प्रोफेसर सिद्दीकी ने कहा है कि जेएनएमसी प्रशासन, उसके डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम 24 घंटे अपनी क्षमता के अनुसार काम कर रही हैं. हमारे कई स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी सेवाएं देते हुए कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं. हम सभी संबंधित विशेषकर एएमयू के कर्मचारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर जल्द से जल्द टीकाकरण करवाने के लिए प्रेरित करते हैं. क्योंकि टीका लगवाए हुए लोगों में मृत्यु की घटना बहुत कम है.

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कोविड नमूने को ICMR लैब भेजा गया
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भी टीकाकरण केंद्र है और कोविड नियमों और सामाजिक दूरी का पालन करने का आग्रह किया गया है. प्रो. सिद्दीकी ने सभी मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय ने अलीगढ़ में किसी नए कोविड वेरिएंट कि आशंका से जेएनएमसी लैब द्वारा एकत्रित नमूनों की जांच के लिए आईसीएमआर से भी संपर्क किया है, जिससे बीमारी की गंभीरता की जानकारी हो सकेगी.

मृतक AMU कर्मियों के बकाये के तत्काल भुगतान का आदेश
हाल के दिनों में जिन शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारी की मौत हुई है उनके बकाए और पेंशन लाभ का भुगतान उनके परिजनों को शीघ्रता से करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. इस संबंध में जारी एक नोटिस में रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने सभी विभागों और कार्यालयों के प्रमुखों को मृत कर्मचारियों के नाम, पद और अन्य विवरण से संबंधित दस्तावेजों, पेंशन और सेवा पुस्तिका अनुभाग के साथ जल्द से जल्द उपलब्ध कराने को कहा है, ताकि आगे की कार्रवाई तुरंत की जा सके.

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