अलीगढ़: खेरेश्वर धाम हरिदासपुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में बारिश और आंधी के चलते आरती के समय 108 कुंडीय यज्ञ क्षेत्र के ऊपर लगा पंडाल भरभरा कर गिर गया. हालांकि पूजा पंडाल में किसी के दबने की सूचना नहीं है. बताया जा रहा है कि आज गोवर्धन लीला का बखान हो रहा था. इन्द्र के कुपित होकर गोवर्धन में आंधी और बारिश करने की कथा सुनाई जा रही थी. इस दौरान अचानक मौसम का मिजाज बदल गया.
![श्रीमद् भागवत कथा में बारिश और आंधी से गिरा पंडाल](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-ali-03-aandhi-me-pandal-gira-vis-byte-up10134_10062023215700_1006f_1686414420_1057.jpg)
जानकारी के मुताबिक, हरिदासपुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का पंडाल वृंदावन धाम जैसा बनाया गया था. यहां देवी-देवताओं का सुंदर चित्रण किया गया था. इतना ही नहीं इसे धार्मिक आश्रम बनाया गया था. हरदासपुर का महत्व भी स्वामी हरिदास की जन्मस्थली से माना जाता है. यहां भागवत कथा और 108 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन 6 जून से शुरू हुआ था. यह आयोजन 13 जून तक होना है. यहां सुबह 7 बजे से ही कथा व महायज्ञ का आयोजन हो रहा था.
![श्रीमद् भागवत कथा में बारिश और आंधी से गिरा पंडाल](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-ali-03-aandhi-me-pandal-gira-vis-byte-up10134_10062023215700_1006f_1686414420_26.jpg)
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय श्रीमद्भागवत कथा सुना रहे थे. कार्यक्रम में आई भक्त डॉ. राधा भारद्वाज ने बताया कि हरदासपुर में तेज हवा चल रही थी, इस दौरान इसमें गोवर्धन लीला का वर्णन किया जा रहा था. इंद्र के कुपित होकर आंधी और बारिश करने की कथा कही जा रही थी. इस दौरान आंधी - तूफान आ गया और यज्ञशाला का पंडाल गिर गया. डॉ. राधा भारद्वाज ने बताया कि यह इंद्र देवता का कोप है, लेकिन भगवान की कृपा से किसी को कोई चोट नहीं आई, केवल पूजा का पंडाल ही गिरा है.
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