अलीगढ़: मॉब लिंचिंग और जय श्रीराम नारे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 49 जानी-मानी हस्तियों द्वारा लिखे गए खत के विरोध में अखिल भारत हिंदू महासभा उतर आया है. रविवार को महासभा के प्रवक्ता अशोक पांडेय की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को खून से लिखे 101 खत भेजे हैं. खत में कहा गया है कि देश को कुछ लोग गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. महासभा ने टुकड़े-टुकड़े गैंग और फिल्मी हस्तियों पर बैन लगाने की मांग भी की है.
क्या है खून से लिखे खत में...
- हिंदू महासभा ने खून से लिखे खत में कहा है कि कुछ लोग दिखाना चाहते हैं कि देश में मुसलमानों और दलितों का उत्पीड़न हो रहा है.
- मॉब लिंचिंग की जा रही है.
- हिंदू महासभा ने कहा कि मॉब लिंचिंग का नाम अमेरिका में चलता था.
- आज यह नाम देश में चल रहा है.
- हिन्दू महासभा ने मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने की भी मांग की है.
प्रधानमंत्री को मॉब लिंचिंग पर पत्र लिखने वाली हस्तियों को देश और समाज से कोई मतलब नहीं है. यह राजनीति करने वाले लोग हैं. ये देश को बांटना चाहते हैं. ये देश को गुमराह कर रहे हैं. ऐसे लोगों की संपत्ति जांची जाए. बैंक अकाउंट चेक किए जाए.
- अशोक पाण्डेय, राष्ट्रीय प्रवक्ता, अखिल भारत हिन्दू महासभा
अशोक पाण्डेय ने कहा कि 1943 में नोआखाली में मॉब लिंचिंग हुई और हिंदुओं का कत्लेआम भीड़ ने किया था. आजादी के समय सन 1947-48 में माताओं-बहनों के साथ मॉब लिंचिंग हुई.1983 में सिख नरसंहार के समय मॉब लिंचिंग हुई. हजारों सिखों को झुण्ड ने मार डाला. जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ मॉब लीचिंग हुई. गोपालगंज के आईएएस डीएम को भीड़ ने मार दिया, तब मॉब लिंचिंग की आवाज किसी ने नहीं उठाई.