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हिंदू महासभा ने PM को खून से लिखा 101 खत, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

अखिल भारत हिंदू महासभा ने मॉब लिंचिंग को लेकर हस्तियों द्वारा पीएम मोदी को लिखे पत्र के विरोध में रविवार को खून से पत्र लिखा. पीएम मोदी को लिखे इस पत्र में मांग की गई है कि ऐसी हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और इनको मिले अवार्ड भी वापस ले लिए जाएं. ऐसे लोग देश के विरोध में रहते हैं.

खून से लिखा खत.
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Published : Jul 28, 2019, 7:22 PM IST

Updated : Jul 28, 2019, 8:22 PM IST

अलीगढ़: मॉब लिंचिंग और जय श्रीराम नारे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 49 जानी-मानी हस्तियों द्वारा लिखे गए खत के विरोध में अखिल भारत हिंदू महासभा उतर आया है. रविवार को महासभा के प्रवक्ता अशोक पांडेय की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को खून से लिखे 101 खत भेजे हैं. खत में कहा गया है कि देश को कुछ लोग गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. महासभा ने टुकड़े-टुकड़े गैंग और फिल्मी हस्तियों पर बैन लगाने की मांग भी की है.

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता से बातचीत करते संवाददाता.

क्या है खून से लिखे खत में...

  • हिंदू महासभा ने खून से लिखे खत में कहा है कि कुछ लोग दिखाना चाहते हैं कि देश में मुसलमानों और दलितों का उत्पीड़न हो रहा है.
  • मॉब लिंचिंग की जा रही है.
  • हिंदू महासभा ने कहा कि मॉब लिंचिंग का नाम अमेरिका में चलता था.
  • आज यह नाम देश में चल रहा है.
  • हिन्दू महासभा ने मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने की भी मांग की है.

प्रधानमंत्री को मॉब लिंचिंग पर पत्र लिखने वाली हस्तियों को देश और समाज से कोई मतलब नहीं है. यह राजनीति करने वाले लोग हैं. ये देश को बांटना चाहते हैं. ये देश को गुमराह कर रहे हैं. ऐसे लोगों की संपत्ति जांची जाए. बैंक अकाउंट चेक किए जाए.
- अशोक पाण्डेय, राष्ट्रीय प्रवक्ता, अखिल भारत हिन्दू महासभा

अशोक पाण्डेय ने कहा कि 1943 में नोआखाली में मॉब लिंचिंग हुई और हिंदुओं का कत्लेआम भीड़ ने किया था. आजादी के समय सन 1947-48 में माताओं-बहनों के साथ मॉब लिंचिंग हुई.1983 में सिख नरसंहार के समय मॉब लिंचिंग हुई. हजारों सिखों को झुण्ड ने मार डाला. जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ मॉब लीचिंग हुई. गोपालगंज के आईएएस डीएम को भीड़ ने मार दिया, तब मॉब लिंचिंग की आवाज किसी ने नहीं उठाई.

अलीगढ़: मॉब लिंचिंग और जय श्रीराम नारे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 49 जानी-मानी हस्तियों द्वारा लिखे गए खत के विरोध में अखिल भारत हिंदू महासभा उतर आया है. रविवार को महासभा के प्रवक्ता अशोक पांडेय की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को खून से लिखे 101 खत भेजे हैं. खत में कहा गया है कि देश को कुछ लोग गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. महासभा ने टुकड़े-टुकड़े गैंग और फिल्मी हस्तियों पर बैन लगाने की मांग भी की है.

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता से बातचीत करते संवाददाता.

क्या है खून से लिखे खत में...

  • हिंदू महासभा ने खून से लिखे खत में कहा है कि कुछ लोग दिखाना चाहते हैं कि देश में मुसलमानों और दलितों का उत्पीड़न हो रहा है.
  • मॉब लिंचिंग की जा रही है.
  • हिंदू महासभा ने कहा कि मॉब लिंचिंग का नाम अमेरिका में चलता था.
  • आज यह नाम देश में चल रहा है.
  • हिन्दू महासभा ने मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने की भी मांग की है.

प्रधानमंत्री को मॉब लिंचिंग पर पत्र लिखने वाली हस्तियों को देश और समाज से कोई मतलब नहीं है. यह राजनीति करने वाले लोग हैं. ये देश को बांटना चाहते हैं. ये देश को गुमराह कर रहे हैं. ऐसे लोगों की संपत्ति जांची जाए. बैंक अकाउंट चेक किए जाए.
- अशोक पाण्डेय, राष्ट्रीय प्रवक्ता, अखिल भारत हिन्दू महासभा

अशोक पाण्डेय ने कहा कि 1943 में नोआखाली में मॉब लिंचिंग हुई और हिंदुओं का कत्लेआम भीड़ ने किया था. आजादी के समय सन 1947-48 में माताओं-बहनों के साथ मॉब लिंचिंग हुई.1983 में सिख नरसंहार के समय मॉब लिंचिंग हुई. हजारों सिखों को झुण्ड ने मार डाला. जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ मॉब लीचिंग हुई. गोपालगंज के आईएएस डीएम को भीड़ ने मार दिया, तब मॉब लिंचिंग की आवाज किसी ने नहीं उठाई.

Intro:अलीगढ़ : मॉब लिंचिंग व जय श्रीराम नारे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 49 जानी मानी हस्तियों द्वारा लिखे गए खत के विरोध में अखिल भारत हिंदू महासभा उतर आया है. रविवार को महासभा के प्रवक्ता अशोक पांडेय की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को खून से लिखे 101 खत भेजेहैं . खत में  कहा है कि देश को कुछ लोग गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं  महासभा ने टुकड़े-टुकड़े गैंग व फिल्मी हस्तियों पर बैन लगाने की मांग भी की है।






Body:हिंदू महासभा ने खून से लिखे खत में कहा है कि कुछ लोग दिखाना  चाहते है कि  देश में मुसलमानों, दलितों का उत्पीड़न हो रहा है. माब लीचिंग की जा रही है. हिंदू महासभा ने कहा मॉब लिंचिंग का नाम अमेरिका में चलता था. आज देश में यह  नाम छाया है. 1943 में नोआखाली में माब लिंचिंग हुई. हिंदुओं का कत्लेआम भीड़ ने किया. आजादी के समय सन 1947-48 में मां बहनों के साथ मॉब लिंचिंग हुई .1983 में सिख नरसंहार के समय माब लिंचिंग हुई. हजारों सिखों को झुण्ड ने मारा. जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ मोब लीचिंग हुई. गोपालगंज के आईएएस डीएम को भीड़ ने मार दिया. तब मॉब लिंचिंग की आवाज किसी ने नहीं उठाई. 



Conclusion:प्रधानमंत्री को मॉब लिंचिंग पर पत्र लिखने वाली हस्तियों को देश व समाज से कोई मतलब नहीं है. यह राजनीति करने वाले लोग हैं. हिन्दू महासभा के  प्रवक्ता ने कहा कि ये देश को बांटना चाहते हैं. ये देश को गुमराह कर रहे हैं. ऐसे लोगों की संपत्ति जांची जाएं. बैंक अकाउंट चेक किया जाएं. खून से पत्र लिख कर प्रधानमंत्री मोदी से मांग की है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएं.इनको मिले अवार्ड वापस लिए जाएं. और माब लिंचिंग  की सत्यता को सरकार आधिकारिक रूप से स्पष्ट करें. ऐसे लोग देश के विरोध में रहते है. हिन्दू महासभा ने माब लिंचिग पर कानून बनाने की भी मांग की है. 

बाइट - अशोक पाण्डे, राष्ट्रीय प्रवक्ता , अखिल भारत हिन्दू महासभा

आलोक सिंह, अलीगढ़
9837830535


Last Updated : Jul 28, 2019, 8:22 PM IST
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