अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन में सर सैय्यद अहमद खान के जीवन पर आधारिक चार किताबों का एकसाथ विमोचन किया गया. सर सैयद अहमद खान की बायोग्राफी पर आधारित ये किताबें कर्नल ग्राहम, एसके भटनागर और प्रो. इफ्तिखार आलम ने लिखी हैं. एएमयू की स्थापना के शताब्दी वर्ष पर सर सैय्यद अकादमी द्वारा प्रकाशित चार पुस्तकों का विमोचन करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सर सैय्यद के मिशन की प्रासंगिकता मौजूदा समय में बढ़ती जा रही है. सर सैय्यद ने शांति और सौहार्द का जो संदेश दिया उसके प्रति जन चेतना जागृत करना हम सभी का दायित्व है.
चार पुस्तकों का हुआ विमोचन
किताब का विमोचन करने के दौरान कुलपति डॉ. तारिक मंसूर ने कहा कि सर सैयद अकादमी द्वारा जो चार पुस्तकों का विमोचन किया गया है वे बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि सर सैयद अकादमी के सभी दस्तावेजों को डिजीटलाइज किया जा रहा है और सर सैयद अकादमी समर्पित भाव से इस कार्य को पूरा कर रही है. किताब द लाइफ एंड वर्क ऑफ सर सैयद अहमद खान को कर्नल ग्रहम, एसके भटनागर ने हिस्ट्री ऑफ एमओयू कॉलेज किताब लिखीं हैं. स्कूल की तारीख और सर सैय्यद की लिबरल, सेकुलर और साइंस तर्ज-ए-फिक्र किताब इफ्तिखार आलम ने लिखी है.
किताब में सर सैयद की जीवनी का है उल्लेख
कुलपति ने बताया कि यूनिवर्सिटी के शताब्दी वर्ष पर एक कार्य योजना तैयार की गई है, जिसमें बहुत सी किताबों का प्रकाशन भी शामिल है. सर सैयद के घनिष्ठ मित्र कर्नल जी. एफ. आई. ग्राहम जो सर सैयद के पहले जीवनीकार थे, उनकी 1885 में लिखी पुस्तकें को अकादमी द्वारा पुनः प्रकाशित किया गया है. प्रोफेसर इफ्तिखार आलम ने कहा कि उनकी किताब में 1863 से 1884 तक की सर सैयद की जीवनी का उल्लेख किया गया है. वहीं एसके भटनागर की अंग्रेजी पुस्तक 'हिस्ट्री आफ दि एमएओ कालिज' पर चर्चा करते हुए बताया गया कि यह पुस्तक 1969 में प्रकाशित हुई थी, जिसे अब पुनः प्रकाशित किया गया है. यह पुस्तक एक अच्छा दस्तावेज है, जिसकी भाषा को देखते हुए पुनः प्रकाशित किया गया है. इस दौरान प्रो. इफ्तिखार आलम ने कहा कि सर सैय्यद अहमद खान ने शिक्षा में माडर्नाइजेशन की शुरुआत की थी.