अलीगढ़: जिले के अकराबाद क्षेत्र से चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर विदेशी भाषा में लिखे हुए पत्थर के शिलालेख हैंडपंप के पास लगाए गए हैं. इसको लेकर इलाके में कौतूहल का विषय बना हुआ है. दरअसल, छर्रा विधानसभा क्षेत्र में अकराबाद ब्लॉक के खुर्रमपुर और दुभिया गांव में करीब 45 हैंडपंप लगाए गए हैं. हैंडपंप के पास शिलापट्टिका अरबी भाषा में लगाई गई है. पट्टिका पर भारत के ध्वज के साथ कुवैत का ध्वज भी बना है. हालांकि भारत के ध्वज में मात्र 8 तिलियां ही हैं, जो राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है. वहीं अचानक 45 हैंडपंप लगने से क्षेत्र में तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं. कुवैत के ध्वज के साथ 45 हैंडपम्प आखिर कैसे लग गए, इसकी जांच एसडीएम कोल अनीता यादव को सौंपी गई है.
वहीं छर्रा विधानसभा के विधायक रविंद्र पाल सिंह ने बताया कि क्षेत्र के लोग उनसे मिले थे. गांव वालों ने बताया कि उनके क्षेत्र में संप्रदाय विशेष के एक भोलू नाम के युवक ने हैंडपंप लगवाएं हैं. हैंडपंप के पास ही शिलापट्टिका लगवा दी गई है. शिलापट्टिकाओं पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ है. इन शिलापट्टिकाओं पर कुवैत का ध्वज भी है, जिसके बगल में तिरंगा है. इस तिरंगे में 24 की बजाय 8 तिलियां हैं.
विधायक ने बताया कि उन्होंने अकराबाद के खंड विकास अधिकारी से जानकारी ली. इसपर उन्होंने बताया कि उनके यहां से हैंडपंप नहीं लगाए जाते हैं. वहीं पिलखना नगर पंचायत के अधिशासी अभियंता सुरेंद्र कुमार से पूछा गया तो उन्होंने भी मना कर दिया. विधायक के अनुसार, जानकारी जुटाने पर पता चला है कि धौर्रा माफी से भोलू नाम के युवक को हैंडपंप मिले हैं. उसने किसी का नाम-पता नहीं बताया है. छर्रा विधायक ने आशंका जताई है कि यह विदेशी साजिश भी हो सकती है. विधायक ने डीएम चंद्रभूषण सिंह से इसकी शिकायत की है, जिस पर उन्होंने एसडीएम कोल अनीता यादव को मामले की जांच सौंपी है और काम को तुरंत रुकवाने के लिए भी कहा गया है.
वहीं छर्रा विधायक रविन्द्र पाल सिंह ने बताया कि एएमयू के प्रोफेसर से शिलापट्टिका के बारे में जानकारी ली गई. उन्होंने कुवैत में लिखी इस भाषा का अनुवाद करते हुए बताया कि इस पर लिखा है कि 'कुवैत राज्य आपके पक्ष में है, शेख अब्दुल्लाह नूरी चैरिटेबिल भारत के भाइयों के लाभ के लिए हैंडपम्प स्थापित करता है.' वहीं स्थानीय ग्रामीण जाबिर अली ने बताया कि गांव में बहुत गरीब लोग हैं, जो पानी के लिए नल नहीं लगवा सकते हैं. वहीं प्रधान और विधायक की ओर से कोई सुनवाई भी नहीं होती.
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