अलीगढ़: जिले में 29 साल पहले करोड़ों रुपये की सात सौ बीघा सरकारी कृषि जमीन का आवंटन जिलाधिकारी ने निरस्त कर दिया. बताया जा रहा है कि कृषि जमीन का यह पट्टा अपात्र लोगों को दिया गया था. इसमें वो लोग शामिल थे, जो गाजियाबाद, कानपुर और हापुड़ के रहने वाले थे. इतना ही नहीं, गांव की जिन बेटियों की शादी हो चुकी थी, उन्हें भी पट्टे दे दिए गए थे. अब जाकर यह मामला खुला तो जिलाधिकारी ने पट्टे निरस्त कर ग्राम समाज की जमीन को खतौनी में दर्ज करा दिया है. वहीं फर्जी आवंटन में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है.
निरस्तीकरण वाले गाटाओं में 104 नाम दर्ज हैं, जिनमें कानपुर, हापुड़, गाजियाबाद, हाथरस के लोग शामिल हैं. जमीन आवंटन निरस्त करने की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है. जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि बराकला गांव में सात सौ बीघा जमीन फर्जी तरीके से आवंटन का मामला निरस्त किया है. उन्होंने बताया कि भू अभिलेखों में फ्रॉड किया गया है. फर्जी पत्रावली तैयार की गई, जिसका कोई अभिलेख तहसील के रिकार्ड में नहीं है. इसमें जो फर्जी लाभार्थी, तहसील के लेखपाल व कानूनगो के खिलाफ एफआईआर कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि अन्य तहसीलों में भी फर्जी पट्टों को निरस्त किया जा रहा है.