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अलीगढ़: 700 बीघा जमीन पर फर्जी कृषि भू आवंटन निरस्त, दोषियों पर होगी FIR - अलीगढ़ समाचार

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 29 साल पहले करोड़ों रुपये की सात सौ बीघा सरकारी कृषि जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि कृषि जमीन का यह पट्टा अपात्र लोगों को दिया गया था.

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फर्जी आवंटन में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है.
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Published : Aug 11, 2020, 10:39 AM IST

अलीगढ़: जिले में 29 साल पहले करोड़ों रुपये की सात सौ बीघा सरकारी कृषि जमीन का आवंटन जिलाधिकारी ने निरस्त कर दिया. बताया जा रहा है कि कृषि जमीन का यह पट्टा अपात्र लोगों को दिया गया था. इसमें वो लोग शामिल थे, जो गाजियाबाद, कानपुर और हापुड़ के रहने वाले थे. इतना ही नहीं, गांव की जिन बेटियों की शादी हो चुकी थी, उन्हें भी पट्टे दे दिए गए थे. अब जाकर यह मामला खुला तो जिलाधिकारी ने पट्टे निरस्त कर ग्राम समाज की जमीन को खतौनी में दर्ज करा दिया है. वहीं फर्जी आवंटन में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है.

फर्जी आवंटन में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है.
शहर से 35 किलोमीटर दूर अकराबाद के बराकला में 1991 में पंचायत में ऊसर व बंजर जमीन का कृषि आवंटन किया गया था, जिसमें 46 लोगों को 700 बीघा से अधिक जमीन आवंटित की गई. आवंटन सूची में 58 लोगों के नाम और जोड़ दिए गए. आवंटियों की संख्या 104 हो गई. 1992 में तहसील से ही इस सूची को स्वीकृति दे दी गई, जिसके आधार पर आवंटियों ने कब्जा पा लिया. कुछ दिन पूर्व ही यह मामला जिलाधिकारी की कोर्ट में आया था.बड़ी बात यह है कि अकराबाद के बराकला गांव में फर्जी तरीके से पिछली तारीखों में दर्शाकर अपात्र लोगों को कृषि की जमीन दी गई. अधिकांश व्यक्ति बराकला गांव के न होकर अन्य इलाकों से थे. आवंटन प्रक्रिया के लिए न ही कोई सार्वजनिक बैठक हुई और न ही एजेन्डा मुनादी कराई गई. प्रस्ताव 18 फरवरी 1991 और स्वीकृति 22 जुलाई 1992 के किये गये फर्जी कृषि भूमि आवंटन को जिलाधिकारी ने निरस्त कर दिया है. साथ ही जमीन पर अवैध आवंटियों को बेदखल करने का आदेश दिया है. इस मामले में आंवटित भूमिधारकों को नोटिस भेजकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए बुलाया गया, लेकिन किसी व्यक्ति द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया.

निरस्तीकरण वाले गाटाओं में 104 नाम दर्ज हैं, जिनमें कानपुर, हापुड़, गाजियाबाद, हाथरस के लोग शामिल हैं. जमीन आवंटन निरस्त करने की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है. जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि बराकला गांव में सात सौ बीघा जमीन फर्जी तरीके से आवंटन का मामला निरस्त किया है. उन्होंने बताया कि भू अभिलेखों में फ्रॉड किया गया है. फर्जी पत्रावली तैयार की गई, जिसका कोई अभिलेख तहसील के रिकार्ड में नहीं है. इसमें जो फर्जी लाभार्थी, तहसील के लेखपाल व कानूनगो के खिलाफ एफआईआर कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि अन्य तहसीलों में भी फर्जी पट्टों को निरस्त किया जा रहा है.

अलीगढ़: जिले में 29 साल पहले करोड़ों रुपये की सात सौ बीघा सरकारी कृषि जमीन का आवंटन जिलाधिकारी ने निरस्त कर दिया. बताया जा रहा है कि कृषि जमीन का यह पट्टा अपात्र लोगों को दिया गया था. इसमें वो लोग शामिल थे, जो गाजियाबाद, कानपुर और हापुड़ के रहने वाले थे. इतना ही नहीं, गांव की जिन बेटियों की शादी हो चुकी थी, उन्हें भी पट्टे दे दिए गए थे. अब जाकर यह मामला खुला तो जिलाधिकारी ने पट्टे निरस्त कर ग्राम समाज की जमीन को खतौनी में दर्ज करा दिया है. वहीं फर्जी आवंटन में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है.

फर्जी आवंटन में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है.
शहर से 35 किलोमीटर दूर अकराबाद के बराकला में 1991 में पंचायत में ऊसर व बंजर जमीन का कृषि आवंटन किया गया था, जिसमें 46 लोगों को 700 बीघा से अधिक जमीन आवंटित की गई. आवंटन सूची में 58 लोगों के नाम और जोड़ दिए गए. आवंटियों की संख्या 104 हो गई. 1992 में तहसील से ही इस सूची को स्वीकृति दे दी गई, जिसके आधार पर आवंटियों ने कब्जा पा लिया. कुछ दिन पूर्व ही यह मामला जिलाधिकारी की कोर्ट में आया था.बड़ी बात यह है कि अकराबाद के बराकला गांव में फर्जी तरीके से पिछली तारीखों में दर्शाकर अपात्र लोगों को कृषि की जमीन दी गई. अधिकांश व्यक्ति बराकला गांव के न होकर अन्य इलाकों से थे. आवंटन प्रक्रिया के लिए न ही कोई सार्वजनिक बैठक हुई और न ही एजेन्डा मुनादी कराई गई. प्रस्ताव 18 फरवरी 1991 और स्वीकृति 22 जुलाई 1992 के किये गये फर्जी कृषि भूमि आवंटन को जिलाधिकारी ने निरस्त कर दिया है. साथ ही जमीन पर अवैध आवंटियों को बेदखल करने का आदेश दिया है. इस मामले में आंवटित भूमिधारकों को नोटिस भेजकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए बुलाया गया, लेकिन किसी व्यक्ति द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया.

निरस्तीकरण वाले गाटाओं में 104 नाम दर्ज हैं, जिनमें कानपुर, हापुड़, गाजियाबाद, हाथरस के लोग शामिल हैं. जमीन आवंटन निरस्त करने की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है. जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि बराकला गांव में सात सौ बीघा जमीन फर्जी तरीके से आवंटन का मामला निरस्त किया है. उन्होंने बताया कि भू अभिलेखों में फ्रॉड किया गया है. फर्जी पत्रावली तैयार की गई, जिसका कोई अभिलेख तहसील के रिकार्ड में नहीं है. इसमें जो फर्जी लाभार्थी, तहसील के लेखपाल व कानूनगो के खिलाफ एफआईआर कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि अन्य तहसीलों में भी फर्जी पट्टों को निरस्त किया जा रहा है.

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