अलीगढ़: सरकारी ही नहीं प्राइवेट अस्पताल में भी आयुष्मान कार्ड धारकों के उपचार में कोताही बरती जा रही है. कोरोना काल में गंभीर मरीजों को आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिल पा रहा है. अलीगढ़ में चंदनिया इलाके के रहने वाले विनोद लोधी 6 से अधिक अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड लेकर घूमने के बाद बेटे का इलाज नहीं करवा पाए. उन्हें बेटे के इलाज के लिए अपना मकान और बेटियों के जेवर तक गिरवी रखने पड़े. इलाज में अब तक डेढ़ लाख रुपये से अधिक खर्च हो गए हैं, लेकिन बेटे की हालत नहीं सुधरी. गंभीर हालत में पिता बेटे को लेकर कभी कलेक्ट्रेट कभी सीएमओ ऑफिस तो कभी अस्पताल के चक्कर लगा रहा है.
ऑपरेशन के लिए डॉक्टर मांगते हैं रुपए
शहर के चंदनिया चौक निवासी विनोद लोधी के बेटे आकाश का 2 माह पहले एक सड़क हादसे में पैर में बुरी तरह चोट आई थी. तब से विनोद बेटे को लेकर अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं. जिस अस्पताल में वह गए वहां डॉक्टर ने रुपए लेकर उपचार किया. आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद आकाश को कोई लाभ नहीं मिल पाया. आकाश की हालत गंभीर बनी हुई है और डॉक्टरों का कहना है कि आकाश का जल्द ऑपरेशन नहीं हुआ तो पैर काटना पड़ेगा. जिसको लेकर विनोद अब तक कई अस्पतालों में घूम चुके हैं. कई अस्पताल आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत सेवा में आने के बावजूद भी उपचार नहीं कर रहे हैं. पिता का कहना है कि डॉक्टर हर जगह पैसा मांग रहे हैं. गरीबी के चलते विनोद अपने बेटे का उपचार नहीं करा पा रहे हैं. ऐसे में इस आयुष्मान कार्ड बनने का कोई फायदा नहीं मिल रहा है.
आयुष्मान कार्ड का नहीं मिल रहा लाभ
हालांकि इस पूरे प्रकरण को लेकर विनोद लोधी पूर्व विधायक हाजी जमीरउल्ला खान से भी मिले. उन्होंने डीएम से गुहार लगाई, जहां से उपचार का आश्वाशन मिला. वह सीएमओ कार्यालय पहुंचे, जहां से उन्हें जेएन मेडिकल कॉलेज में उपचार का भरोसा दिलाया गया. आकाश को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया है.
इस संबंध में सपा के पूर्व विधायक हाजी जमीरउल्लाह ने बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड बहुत अच्छी योजना है, लेकिन जनता को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. जिससे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बदनाम हो रहे हैं, क्योंकि बड़े बड़े डॉक्टर आयुष्मान कार्ड से इलाज करने को मना कर दे रहे हैं.