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AMU की जामा मस्जिद में नहीं होगी ईद की नमाज - कोरोना वायरस

यूपी के अलीगढ़ स्थित एएमयू की जामा मस्जिद में ईद-उल-फितर की नामज अदा नहीं होगी. प्रो. मोहम्मद सलीम ने कहा कि ईद की नमाज फर्ज नहीं है. ऐसे समय में जब जन स्वास्थ्य बड़े खतरे में है तो लोग इस्लामी सिद्धांतों के अनुरूप वैकल्पिक नमाज अदा कर सकते हैं.

अलीगढ़ समाचार.
एएमयू.
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Published : May 23, 2020, 8:21 PM IST

अलीगढ़: कोरोना संक्रमण के चलते एएमयू की जामा मस्जिद सहित किसी भी मस्जिद में ईद-उल-फितर की नमाज अदा नहीं की जाएगी. विश्वविद्यालय के नाजिम दीनियात प्रो. मोहम्मद सलीम ने कहा कि सभी मुस्लमान अपने घरों में ईद के बजाय नमाज-ए-चाश्त अदा करें. लोगों के स्वास्थ्य से संबंधित संस्थाओं के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सामाजिक दूरी बनाए रखें.

प्रो. मोहम्मद सलीम ने कहा कि ईद की नमाज फर्ज नहीं है. ऐसे समय में जब लोगों का स्वास्थ्य खतरे में है तो लोग इस्लामी सिद्धांतों के अनुरूप वैकल्पिक नमाज अदा कर सकते हैं. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि नमाज से पूर्व सदका-ए-फितर अदा करना अनिवार्य है. ईद की नमाज मस्जिद में न होने के बावजूद, लोगों को चाहिये कि वे अपना सदका पात्र लोगों को अदा करें.

संक्रमण के खतरे के कारण एएमयू कुलपति की ओर से छात्रों के लिए आयोजित किया जाने वाला ईद-मिलन कार्यक्रम इस बार आयोजित नहीं किया जाएगा. कुलपति ने आवासीय हॉलों को विशेष फंड प्रदान किया है, ताकि जो छात्र-छात्राएं अब भी हॉलों में मौजूद हैं उनके लिए विशेष भोजन की व्यवस्था की जा सके.

कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने सभी शिक्षकों, वर्तमान एवं पूर्व छात्रों और देश के सभी नागरिकों को ईद के अवसर पर बधाई देते हुए आग्रह किया है कि वे इस अवसर पर समाज के कमजोर वर्ग की बढ़-चढ़कर सहायता करें. उन्होंने कोविड-19 की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए भी लोगों से अपील की है.

अलीगढ़: कोरोना संक्रमण के चलते एएमयू की जामा मस्जिद सहित किसी भी मस्जिद में ईद-उल-फितर की नमाज अदा नहीं की जाएगी. विश्वविद्यालय के नाजिम दीनियात प्रो. मोहम्मद सलीम ने कहा कि सभी मुस्लमान अपने घरों में ईद के बजाय नमाज-ए-चाश्त अदा करें. लोगों के स्वास्थ्य से संबंधित संस्थाओं के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सामाजिक दूरी बनाए रखें.

प्रो. मोहम्मद सलीम ने कहा कि ईद की नमाज फर्ज नहीं है. ऐसे समय में जब लोगों का स्वास्थ्य खतरे में है तो लोग इस्लामी सिद्धांतों के अनुरूप वैकल्पिक नमाज अदा कर सकते हैं. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि नमाज से पूर्व सदका-ए-फितर अदा करना अनिवार्य है. ईद की नमाज मस्जिद में न होने के बावजूद, लोगों को चाहिये कि वे अपना सदका पात्र लोगों को अदा करें.

संक्रमण के खतरे के कारण एएमयू कुलपति की ओर से छात्रों के लिए आयोजित किया जाने वाला ईद-मिलन कार्यक्रम इस बार आयोजित नहीं किया जाएगा. कुलपति ने आवासीय हॉलों को विशेष फंड प्रदान किया है, ताकि जो छात्र-छात्राएं अब भी हॉलों में मौजूद हैं उनके लिए विशेष भोजन की व्यवस्था की जा सके.

कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने सभी शिक्षकों, वर्तमान एवं पूर्व छात्रों और देश के सभी नागरिकों को ईद के अवसर पर बधाई देते हुए आग्रह किया है कि वे इस अवसर पर समाज के कमजोर वर्ग की बढ़-चढ़कर सहायता करें. उन्होंने कोविड-19 की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए भी लोगों से अपील की है.

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