अलीगढ़: जिले में एक तरफ महापौर तीन साल पूरे होने का जश्न मना रहे थे. वहीं दूसरी तरफ नगर निगम द्वारा खोदे गए गड्डे में गिरकर एक डॉक्टर की मौत हो गई. घटना थाना सासनी गेट के महेंद्र नगर इलाके की है, जहां रविवार को दूध लेने निकले डॉ. राजीव कुमार गुप्ता गड्ढे में गिर गए, जिसके चलते उनकी मौत हो गई. हालांकि जिस गड्ढे में गिरकर डॉक्टर की मौत हुई, उस गड्ढे को नगर निगम द्वारा तुरंत पाट दिया गया. इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है. अमृत योजना के तहत पूरे शहर में पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़कें खोदी गई हैं. हालांकि इसको लेकर स्थानीय पार्षद और नागरिकों ने शिकायत लेकर नगर निगम भी पहुंचे थे. लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. वहीं महापौर मोहम्मद फुरकान अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे होने की खुशियां मना रहे थे.
नगर निगम और जल निगम अमृत योजना के तहत पाइप लाइन बिछाने के लिए गड्ढे खोद रही है. पिछले एक साल से यह काम चल रहा है और शहर की सड़कें खुदी पड़ी हैं. लेकिन इसको दोबारा रिपेयर करने की जहमत नहीं उठाई जा रही है. महेंद्र नगर में भी खोदे गए गड्ढे में गिर कर डॉक्टर राजीव गुप्ता की मौत के बाद नगर निगम की कार्यप्रणाली पर उंगलियां उठ रही हैं. इस दौरान खोदे गए गड्ढे से लोगों को सावधान करने के लिए न तो बैरिकेडिंग लगाई गई है और न ही कोई साइन बोर्ड लगाया गया है.
नगर आयुक्त और महापौर पर मुकदमा दर्ज
स्थानीय लोग घटना को लेकर धरने पर बैठ गए और कार्रवाई की मांग करने लगे. मृतक की पत्नी ने घटना को लेकर थाना सासनी गेट में तहरीर के आधार पर महापौर, नगर आयुक्त, निर्माण विभाग व जलकर विभाग के जेई, ठेकेदार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने के लिए तहरीर दी. देर शाम को मुकदमा दर्ज किया गया. लेकिन कुछ घंटे के बाद अधिकारियों पर दर्ज मुकदमा स्पंज करने की कवायद शुरु हो गई .
थाने में तहरीर डॉ. राजीव गुप्ता की पत्नी रश्मि गुप्ता की तरफ से रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए दी गई थी. घटना में पत्नी रश्मि ने पूरे घटनाक्रम में नगर आयुक्त, महापौर, निर्माण विभाग व जल निगम विभाग के जेई व ठेकेदार को दोषी माना है. पुलिस की तरफ से अधिकारियों के पद के नाम से मुकदमा लिखा गया.
वहीं आईएएस अधिकारी नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे को पुलिस ने स्पंज करने की कार्रवाई शुरू कर दी. प्रशासन की तरफ से मामले को मैनेज करने का प्रयास किया जा रहा है. परिवार और स्थानीय लोगों के आक्रोश के चलते जिस तरीके से मुकदमा दर्ज किया गया. उसके चंद घंटों बाद ही स्पंज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई. पीड़िता की तरफ से दूसरी तहरीर देने की बात सामने आ रही है.
नगर निगम पर लापरवाही का आरोप
इस मामले में विपक्षी दलों ने नगर निगम की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं भाजपा पर मामले को दबाने का आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर एक साल से जगह जगह गड्डे खुदे हैं. गड्डों का भराव नहीं किया जा रहा है. इस अव्यवस्था के लिए भाजपा भी जिम्मेदार है. वहीं पूर्व सांसद चौधरी बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि महापौर की चलती नहीं है. वे बेचारे हैं. केवल अपनी कुर्सी बचाए हैं.