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बेटियों ने बाप की अर्थी को दिया कंधा, 'लॉकडाउन' में इलाज न मिलने से हुई मौत

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में टीबी की बीमारी से जूझ रहे संजय नाम के एक शख्स की 'लॉकडाउन' के दौरान इलाज न मिलने से मौत हो गई. संजय की मौत के बाद उनकी बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटों का फर्ज निभाया तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं.

नम आखों ने पिता की अर्थी को बेटियां ने दिया कंधा.
नम आखों ने पिता की अर्थी को बेटियां ने दिया कंधा.
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Published : Apr 4, 2020, 7:44 PM IST

Updated : Apr 4, 2020, 8:04 PM IST

अलीगढ़: जिले में दो बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटों का फर्ज निभाया है. बता दें कि भारतीय संस्कृत के मुताबिक घर में किसी मृत्यु होने पर पुरुष ही उसकी अर्थी को कंधा देते हैं, लेकिन जिले में इसी मिथक को तोड़ते हुए दो बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटों का फर्ज निभाया है.

नम आखों ने पिता की अर्थी को बेटियां ने दिया कंधा.

पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटियों ने निभया फर्ज
दरअसल, मामला बन्ना देवी के नुमाइश मैदान के पास का है. यहां टीबी की बीमारी के चलते संजय नाम के एक शख्त की मौत हो गई. मृतक संजय टीबी की बीमारी से ग्रसित था. 'लॉकडाउन' के चलते संजय को टीबी का इलाज नहीं मिल पाया. मृतक संजय की पांच बेटियां हैं. वह चाय बेचकर परिवार का भरण-पोषण करता था. वहीं संजय की मौत के बाद बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटों का फर्ज निभाया. इस दौरान वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं.

बेटियों के कंधे पर आई परिवार की जिम्मेदारी
मृतक संजय के परिवार के सदस्य नरेंद्र ने बताया कि छह महीने पहले टीबी बीमारी का पता चला. बीमारी गंभीर होने पर जिला अस्पताल से संजय का इलाज चल रहा था, लेकिन इस समय लॉकडाउन होने के चलते डॉक्टर नहीं मिल रहे थे. नरेंद्र ने बताया कि मृतक संजय की पांच बेटियां काजल, राधा, मौनी, प्रियांशी और ज्योति हैं. इनमें से संजय ने केवल एक बेटी काजल का ब्याह किया था. वहीं सिर से पिता का साया उठने के बाद अब परिवार की जिम्मेदारी इन्हीं बेटियों के कंधे पर आ गई है.

सरकारी मदद की आस में परिवार
नरेंद्र ने बताया कि मृतक संजय की टीबी की बीमारी के बाद से चारों बहनों का स्कूल जाना बंद है. परिवार के भरण-पोषण का सहारा एक चाय की दुकान पर भी ताला लग गया है. वहीं अब संजय की पत्नी अंजू के सामने दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. मकान का किराया और लड़कियों के भविष्य की चिंता अंजू के सामने है. ऐसे परिवार के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है, लेकिन कोई भी योजना अंजू के दरवाजे तक अभी नहीं पहुंची है.

अलीगढ़: जिले में दो बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटों का फर्ज निभाया है. बता दें कि भारतीय संस्कृत के मुताबिक घर में किसी मृत्यु होने पर पुरुष ही उसकी अर्थी को कंधा देते हैं, लेकिन जिले में इसी मिथक को तोड़ते हुए दो बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटों का फर्ज निभाया है.

नम आखों ने पिता की अर्थी को बेटियां ने दिया कंधा.

पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटियों ने निभया फर्ज
दरअसल, मामला बन्ना देवी के नुमाइश मैदान के पास का है. यहां टीबी की बीमारी के चलते संजय नाम के एक शख्त की मौत हो गई. मृतक संजय टीबी की बीमारी से ग्रसित था. 'लॉकडाउन' के चलते संजय को टीबी का इलाज नहीं मिल पाया. मृतक संजय की पांच बेटियां हैं. वह चाय बेचकर परिवार का भरण-पोषण करता था. वहीं संजय की मौत के बाद बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटों का फर्ज निभाया. इस दौरान वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं.

बेटियों के कंधे पर आई परिवार की जिम्मेदारी
मृतक संजय के परिवार के सदस्य नरेंद्र ने बताया कि छह महीने पहले टीबी बीमारी का पता चला. बीमारी गंभीर होने पर जिला अस्पताल से संजय का इलाज चल रहा था, लेकिन इस समय लॉकडाउन होने के चलते डॉक्टर नहीं मिल रहे थे. नरेंद्र ने बताया कि मृतक संजय की पांच बेटियां काजल, राधा, मौनी, प्रियांशी और ज्योति हैं. इनमें से संजय ने केवल एक बेटी काजल का ब्याह किया था. वहीं सिर से पिता का साया उठने के बाद अब परिवार की जिम्मेदारी इन्हीं बेटियों के कंधे पर आ गई है.

सरकारी मदद की आस में परिवार
नरेंद्र ने बताया कि मृतक संजय की टीबी की बीमारी के बाद से चारों बहनों का स्कूल जाना बंद है. परिवार के भरण-पोषण का सहारा एक चाय की दुकान पर भी ताला लग गया है. वहीं अब संजय की पत्नी अंजू के सामने दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. मकान का किराया और लड़कियों के भविष्य की चिंता अंजू के सामने है. ऐसे परिवार के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है, लेकिन कोई भी योजना अंजू के दरवाजे तक अभी नहीं पहुंची है.

Last Updated : Apr 4, 2020, 8:04 PM IST
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